मंत्रालय में इंटरव्यू और फर्जी नियुक्ति पत्र
अधिकारियों के नाम पर चल रहा जालसाजी का रैकेट

* नागपुर के ‘बंटी-बबली’ लगा रहे करोडों का चूना
नागपुर/दि.20 – सरकारी नौकरी लगाकर देने के नाम पर चल रहे जालसाजी के एक रैकेट का भंडाफोड हुआ है. आश्चर्यवाली बात यह है कि, आरोपियों ने मंत्रालय के बडे अधिकारियों का नाम लेकर लोगों को चूना लगाया. साथ ही आरोपियों की हिम्मत इतनी अधिक थी कि, उन्होंने अपने जाल में फंसे लोगों को मंत्रालय की पांचवीं मंजिल पर ले जाकर उनकी एक तथाकथित अधिकारी से मुलाकात करवाई और वहां पर इंटरव्यू की नौटंकी भी पूरी की गई. जिसके बाद जाल में फंसे लोगों को बाकायदा फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया गया. वर्ष 2020 से 2022 के दौरान चलाए गए इस रैकेट की जानकारी अब उजागर होने से अच्छा-खासा हडकंप भी मचा है तथा संभावना जताई जा रही है कि, नागपुर में रहनेवाली ‘बंटी-बबली’ की जोडी ने इस दौरान कई लोगों को अपने जाल में फांसकर उन्हें करोडों रुपयों का चूना लगाया.
नागपुर में रहनेवाले सुरेश भैयालाल धमगाये (41, गोरेवाडा वस्ती) की शिकायत के बाद यह मामला सामने आया. इस मामले में नामजद आरोपियों के नाम लॉरेंस मारीदास हेनरी व उसकी पत्नी शिल्पा हेनरी (आनंद नारायण अपार्टमेंट, मानेवाडा रिंग रोड निवासी), विजय विनायकराव पाटणकर (कलमना मार्ग श्रीराम चौक) नितिन साठे बताए गए है. पता चला है कि, अपने एक दोस्त के जरिए सुरेश धमगाये की लॉरेंस के साथ मुलाकात हुई थी और लॉरेंस ने अपनी नेक्सस एचआर सोल्युशन्स नामक जॉब प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए मंत्री कोटा अंतर्गत नौकरी लगाकर देने का काम करने की बात कही थी. लॉरेंस ने 6 माह के भीतर सरकारी नौकरी लगाकर देने का झांसा देते हुए, इसके बदले में 12 लाख रुपयों की मांग की थी. जिस पर भरोसा रखते हुए धमगाये ने लॉरेंस को 6.89 रुपए दिए थे. जिसके बाद लॉरेंस ने मंत्रालय में नितिन साठे नामक सचिव स्तर का अधिकारी अपना मित्र रहने का दावा किया और मंत्रालय में इंटरव्यू रहने की बात कहते हुए धमगाये को मुंबई बुलाया. जहां धमगाये को मंत्रालय की पांचवीं मंजिल पर ले जाकर रिकॉर्ड रुम में नितिन साठे नामक तथाकथित अधिकारी से मिलवाया गया और साठे ने भी धमगाये का एकतरह से इंटरव्यू लेने का नाटक किया. परंतु इसके बाद अच्छा-खासा समय बीत जाने के बावजूद जब कोई नौकरी नहीं मिली तो धमगाये को अपने साथ हुई जालसाजी की बात समझ में आई और उसने लॉरेंस से अपने पैसे वापिस मांगने शुरु किए. जिसके बाद लॉरेंस ने धमगाये को केवल दो लाख रुपए वापिस किए और बचे हुए पैसे वापिस लौटाने में टालमटोल करनी शुरु की. जिसके चलते धमगाये ने इसे लेकर हुडकेश्वर पुलिस थाने में चारों आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
जानकारी यह भी सामने आई है कि, मंत्रालय में कथित व फर्जी इंटरव्यू कराने के बाद कुछ ही दिनों में नियुक्ति पत्र मिलने की बात कहते हुए आरोपियों ने धमगाये को एक बार फिर पैसे मांगे थे और उन्हें एक कथित नियुक्ति पत्र दिखाकर कुछ दिन बाद फिजिकल फिटनेस टेस्ट रहने का झांसा भी दिया था. ताकि धमगाये से और भी अधिक रकम ऐंठी जा सके.





