जिलाधीश येरेकर के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट
प्रतिसाद नहीं देने का आवाहन

अमरावती/दि.23 – अमरावती के नवनियुक्त जिलाधीश आशीष येरेकर के नाम पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी तरीके से सोशल मीडिया साईट फेसबुक पर अकाउंट बनाया गया है. जिसके जरिए अलग-अलग लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट व मैसेज भेजे जा रहे है, ऐसी जानकारी सामने आते ही खुद जिलाधीश आशीष येरेकर ने आवाहन किया है कि, उनके नाम पर बने फर्जी फेसबुक अकाउंट से आनेवाले फ्रेंड रिक्वेस्ट व मैसेज पर कोई प्रतिसाद ना दिया जाए.
जानकारी के मुताबिक जिलाधीश येरेकर के नाम पर फर्जी एफबी अकाउंट तैयार कर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के साथ ही सैन्य दल में कार्यरत रहनेवाले एक मित्र का फर्निचर बिकाऊ रहने की पोस्ट की गई है. ताकि लोगों को जिलाधीश के नाम का झांसा देते हुए फंसाया जा सके. यह जानकारी सामने आते ही खुद जिलाधीश आशीष येरेकर ने स्पष्ट किया कि, उनका इस एफबी अकाउंट से कोई लेना-देना नहीं है. बल्कि किसी शरारती तत्व ने उनके नाम पर फर्जी तरीके से यह एफबी अकाउंट बनाया है. अत: उक्त एफबी अकाउंट से आनेवाले फ्रेंड रिक्वेस्ट व मैसेज पर कोई प्रतिसाद न दिया जाए अन्यथा इसकी वजह से जालसाजी होने की संभावना है. इसके अलावा जिलाधीश आशीष येरेकर ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से आनेवाले किसी भी तरह के जालसाजी व प्रलोभन वाले संदेशों को स्वीकार करने की बजाए ऐसे अकाउंट को तुरंत ब्लॉक करने का आवाहन भी किया है.
* कांग्रेस एससी सेल के जिलाध्यक्ष प्रवीण मनोहर को भी मिला था मैसेज
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस की अनुसूचित जाति सेल के जिलाध्यक्ष प्रवीण मनोहर को जिलाधीश आशीष येरेकर के नाम पर एक फेसबुक अकाउंट दिखाई दिया था. जिसकी प्रोफाइल पिक में जिलाधीश आशीष येरेकर का उनके केबीन में बैठा हुआ फोटो था. वहीं कवर पिक में जिलाधीश येरेकर का उनकी मां व छोटे बच्चे के साथ फोटो था. यह देखकर प्रवीण मनोहर ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी. जिसे कुछ ही समय के भीतर स्वीकार कर लिया गया. उस समय प्रवीण मनोहर को लगा कि, शायद जिलाधीश येरेकर ने अमरावती जिले में काम करने की दृष्टि से यह अकाउंट तैयार किया हो. साथ ही जिलाधीश द्वारा अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार कर लिए जाने का प्रवीण मनोहर को आनंद भी हुआ. कुछ ही समय बाद प्रवीण मनोहर के एफबी मैसेंजर पर जिलाधीश आशीष येरेकर की ओर से एक मैसेज आया. जिसमें शुरुआती पूछताछ के बाद प्रवीण मनोहर का मोबाइल नंबर मांगा गया और नंबर देने पर बताया गया कि, उक्त नंबर संतोषकुमार नामक एक मित्र को भेजा गया है. जो सीआरपीएफ में कार्यरत है. उसका फोन आने पर उसके साथ बातचीत कर ली जाए. यह मैसेज देखकर ही प्रवीण मनोहर को समझ में आय गया कि, पूरा मामला फर्जीवाडे से संबंधित है. कुछ देर के भीतर संतोषकुमार नामक व्यक्ति का प्रवीण मनोहर को फोन आया जिसने बताया कि, वह सीआरपीएफ का अधिकारी है और जिलाधीश आशीष येरेकर का नजदिकी मित्र है. उसकी जम्मू-कश्मीर में ट्रांसफर हुई है. ऐसे में उसे अच्छी कंडीशन में रहनेवाले अपने घरेलू सामान की तुरंत विक्री करनी है. साथ ही संतोषकुमार नामक उक्त व्यक्ति ने प्रवीण मनोहर को अपना साजोसामान खरीद लेने के लिए कहते हुए सामान की कीमत के तौर पर रकम भेजने हेतु अपना अकाउंट नंबर भी बताया. जिसके चलते प्रवीण मनोहर को पूरा संदेह हो गया कि, या तो जिलाधीश येरेकर का फेसबुक अकाउंट हैक हो गया है या फिर किसी ने उनके नाम पर फर्जी अकाउंट बनाया है. जिसकी जानकारी प्रवीण मनोहर ने तुरंत ही जिलाधीश के सहायक चेडे को दी और इससे संबंधित एक पोस्ट भी फेकबुक पर शेयर करते हुए सभी लोगों को ऐसे फर्जीवाडे से आगाह रहने हेतु कहा.
* इससे पहले भी हो चुका है जालसाजी का प्रयास
– कई लोगों को मैसेज भेजकर मांगे गए है पैसे
इस संदर्भ में की गई पडताल के बाद पता चला कि, आईएएस अधिकारी रहनेवाले आशीष येरेकर के नाम पर इससे पहले भी कुछ अज्ञात तत्वों द्वारा फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाते हुए उनके परिचितों के मैसेज भेजकर धन उगाही करने का प्रयास किया जा चुका है. साथ ही साथ इस समय अमरावती के जिलाधीश के तौर पर पदस्थ आशीष येरेकर के नाम पर जालसाजी का एक और प्रयास हुआ है. फर्जी आईडी से कलेक्टर येरेकर के कुछ परिचितों को हैलो-हाय का मैसेज भेजने के बाद किसी जरुरत के लिए पैसे मांगने जाते ही उन्हें यह फर्जीवाडा ध्यान में आ गया और उन्होंने तुरंत ही इसके स्क्रिनशॉट जिलाधीश येरेकर की ओरिजनल आईडी पर प्रेषित करते हुए उन्हें इस बारे में सूचित किया. जिससे अवगत होते ही जिलाधीश येरेकर ने अपने असली फेसबुक पेज व आईडी पर इसे लेकर अलर्ट जारी किया और अपने नाम से बनी फर्जी आईडी से आनेवाले फ्रेंड रिक्वेस्ट व मैसेजों को बिलकुल स्वीकार नहीं करने की अपील जारी की.





