सरकार को अब पता चली ‘मराठी माणूसों’ की ताकत

कक्षा पहली से हिंदी की अनिवार्यता रद्द होने पर बोले मनसे प्रमुख राज ठाकरे

* दोनों शासनादेश खारिज किए जाने को बताई अपनी बडी जीत
* सरकार को दोबारा ऐसी ‘भानगड’ में नहीं पडने की दी सलाह
मुंबई /दि.30- राज्य की महायुति सरकार द्वारा लागू किए गए त्रिभाषा सूत्र को पीछे लिए जाने की सूचना खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा राज्य विधान मंडल के पावस सत्र की पूर्व संध्या पर की गई. इसके साथ ही मनसे प्रमुख राज ठाकरे व शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इसी मांग को लेकर निकाले जानेवाले अपने मोर्चा को रद्द करने की घोषणा भी की. साथ ही साथ मनसे प्रमुख राज ठाकरे आज मुंबई में बुलाई गई पत्रवार्ता में कहा कि, अब सरकार को मराठी भाषियों की एकजुटता व ताकत का अंदाजा हो गया है. जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने कक्षा पहली से हिंदी की अनिवार्यता को लेकर जारी दोनों जीआर को रद्द किया है. ऐसा करने के लिए हमने ही सरकार को मजबूर किया और अब सरकार को चाहिए कि, सरकार दुबारा कभी भी इस तरह की किसी झंझट में न पडे.
इस समय मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने यह भी कहा कि, सबसे पहले उन्होंने ही कक्षा पहली से हिंदी की अनिवार्यता का विरोध किया था और जब वातावरण गर्म होने लगा तो राज्य के अन्य सभी राजनीतिक दल भी इसमें शामिल हुए तथा उनके द्वारा 5 जुलाई को निकाले जानेवाले मोर्चे के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना व शरद पवार की राकांपा सहित अन्य कई दलों ने अपना समर्थन घोषित किया. यदि आगामी 5 जुलाई को मोर्चा निकाला जाता तो वह न भूतो न भविष्यती की तर्ज पर ऐतिहासिक मोर्चा रहा होता. साथ ही साथ 70 से 75 वर्ष की आयु वाले लोगों को संयुक्त महाराष्ट्र वाला दौर जरुर याद आता. इसके साथ ही राज ठाकरे ने यह भी कहा कि, साधारणत: कक्षा 5 वीं-6 वीं के बाद हिंदी वगैरह विषय आते है, परंतु कक्षा पहली से हिंदी को लाने का आग्रह समझ से परे है. राज ठाकरे ने यह भी का कि, हिंदी कोई राष्ट्रभाषा नहीं है, जिसे अन्य राज्यों पर लादा जा रहा है, बल्कि हिंदी एक प्रांत की भाषा है. इसके अलावा राज ठाकरे ने यह भी कहा कि, 150-200 वर्ष पुरानी एक भाषा को तीन हजार वर्ष से अस्तित्व में लादने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है. जिसे कदापी मान्य नहीं किया जाएगा.
* अब 5 मार्च को विजयी सम्मेलन
चूंकि राज्य सरकार द्वारा हिंदी की अनिवार्यता से संबंधित जीआर को पीछे लेकर ठाकरे बंधुओं द्वारा आगामी 5 जुलाई को निकाले जानेवाले मोर्चा के प्रयोग को नष्ट कर दिया गया है. ऐसे में अब राज ठाकरे व उद्धव ठाकरे एक साथ आएंगे अथवा नहीं, इसे लेकर संदेह निर्माण हो चुका है. इसे लेकर सवाल पूछे जाने पर राज ठाकरे ने बताया कि, गत रोज राज्य सरकार के निर्णय पश्चात संजय राऊत ने उन्हें फोन करते हुए अगले कदम के बारे में पूछा था और मोर्चा रद्द होने की बात पर प्रस्ताव रखा था कि, अब विजयी सम्मेलन लिया जाना चाहिए, जिसे उन्होंने स्वीकार किया है और अब 5 जुलाई को मराठी भाषियों की जीत का जल्लोष मनाने के लिए विजयी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.


* विधान भवन में विपक्षी विधायकों ने किया जल्लोष
मराठी भाषा के संदर्भ में सरकार द्वारा दो सरकारी जीआर को रद्द किए जाने के चलते विपक्षी दलों ने विधान भवन परिसर में ‘मी मराठी’ के बैनर प्रदर्शित करते हुए जमकर जल्लोष मनाया. साथ ही साथ कक्षा 11 वीं की प्रवेश प्रक्रिया में गडबडी व कक्षा पहली से हिंदी की अनिवार्यता के मुद्दे पर भी विपक्ष ने सरकार को जमकर आडेहाथ लिया.

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