अब सरकारी कार्यालय में कोई भी बर्थडे का केक काटेगा उस पर होगी कार्रवाई
शासकीय नियमों का उल्लंघन करनेवाले कर्मचारियों को चेतावनी

अमरावती / दि.2– सरकारी कार्यालय का यानी सार्वजनिक सेवा के लिए दिया गया समय, लेकिन कुछ दफ्तरों में इस दौरान व्यक्तीगत आयोजन जैसे केक काटकर जन्मदिन मनाना आदि को प्राथमिकता दी जा रही है. ऐसे आयोजनों के कारण सरकारी नियमों की धज्जियां उडाई जा रही है. राज्य सरकार ने इस तरह की स्थिति पर कडा रूख अपनाया है और महाराष्ट्र नागरी सेवा नियम 1979 के तहत एक अध्यादेश जारी किया है. कार्यालय में व्यक्तिगत समारोह आयोजित करना अनुशासन का सिधा उल्लंघन माना जाएगा. नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित कर्मचारियों की प्रशासकीय जांच हो सकती है. उसके बाद स्पष्टीकरण देने, निलंबन और अन्य तरह की कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.
* सरकारी कार्यालयों में फाइलों के ढेर
बर्थडे, सेवानिवृत्ति, वर्षगाठ आदि के अवसर पर दोपहर के समय सरकारी कार्यालय का कामकाज रोक दिया जाता है. उस कारण नागरिकों की शिकायते, समस्या तथा आवेदनों की फाईले वैसी ही पडी रहती है. नागरिक भी अपने काम के लिए चक्कर काटते रहते है. लेकिन जन्मदिन मनानेवालों की वजह से अक्सर उनकी अनदेखी की जाती है और उन्हें बाहर इंतजार करना पडता है.
* कार्यालयीन समय में केक कटी
काम के दौरान बडे उत्साह के साथ केक काटा जाता है. नाश्ते का आयोजन किया जाता है और कर्मचारी एक घंटे के लिए अपना काम छोड देते है. कुछ जगहों पर मोबाइल वीडियों शुटिंग भी शुरू रहती है. अनेक बार अधिकारी और कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में शामिल होते दिखाई देते है.
* केक काटकर जश्न
जन्मदिन के अवसर पर एक या दो विभागों में नही बल्कि पुरे कार्यालय में केक और स्नैक्स बाटे जाते है. परिणाम स्वरूप कुछ समय के लिए कार्यालय का कामकाज ठप हो जाता है. प्रतिमाह 3-4 कर्मचारियों को जन्मदिन रहा तो कामकाज प्रभावित होता है.
* सरकारी कार्यालय में व्यक्तिगत समारोह क्यों ?
जन्मदिन यह निजी मामला हर कोई अपने तरिके से जन्मदिन मनाता है. इस उद्देश्य के लिए कार्यालयीन समय और कार्यालय स्थल का इस्तेमाल करना यह नागरी सेवकों की आचारसंहिता का और जनता के विश्वास का उल्लंघन है.
महाराष्ट्र नागरी सेवा आचरण नियम 1979 क्या कहता है?
इस नियम के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी कार्यालय के समय और स्थल पर गैर सरकारी , व्यक्तिगत, धार्मिक अथवा सामाजिक कार्यक्रम आयोजित नहीं कर सकता. नियम क्रमांक 4, 5 व 22 के तहत कर्मचारियों से अनुशासित, पारदर्शी व लोकाभिमुख व्यवहार की अपेक्षा की जाती है.





