विवाह से पहले थैलेसीमिया की जांच होगी अनिवार्य

जल्द बनेगा कानून

* विस में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने दी जानकारी
मुंबई/दि.4-विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की गई. इसमें विवाह से पहले थैलेसीमिया जांच, कचः प्रबंधन के लिए नई नीति, मुंबई में कबूतर खाने बंद करने की घोषणा के साथ मॉल्स में फायर ऑडिट की जांच अहम है. गुरुवार को विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा में यह घोषणाएं की गई.
थैलेसीमियाः महाराष्ट्र में जल्द शादी से पहले थैलेसीमिया की जांच करवाना जरूरी हो जाएगा. जल्द कानून बनाया जाएगा जिसका मकसद आनुवंशिक रक्त विकार बढने से रोकना है. राज्य में 12860 थैलेसीमिया मरीज हैं. सबसे अधिक संख्या नागपुर सहित विदर्भ में है. विधानसभा में यह जानकारी स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर ने दी है. उन्होंने कहा कि सरकार नियम बनाएगी, जिसके तहत एक परिवार में एक समय में थैलेसीमिया के मरीज पाए जाने पर एचपीएलसी जांच अनिवार्य की जाएगी. कांग्रेस विधायक विकास ठाकरे ने विवाह पूर्व थैलेसीमिया जांच अनिवार्य करने की मांग उठाई थी. जवाब में बोर्डिकर ने यह जानकारी दी.
मंत्री ने कहा, हमने परभणी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत थैलेसीमिया उन्मूलन अभियान शुरू किया है. इसका ही पूरे राज्य में विस्तार किया जा रहा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि हर जिले में थैलेसीमिया उपचार केंद्र स्थापित किए जाएंगे. निजी कंपनियों द्वारा खराब आयरन गोलियों की सप्लाई की भी जांच की जाएगी. आरोप सही पाए गए तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी.
* फायर सेफ्टी नहीं तो कटेगा मॉल्स का बिजली-पानी
राज्य में मॉल्स का फायर ऑडिट 90 दिनों में पूरा करने के निर्देश महानगर पालिकाओं को दिए जाएंगे. फेल पाए जाने पर बिजली-पानी कनेक्शन काटा जाएगा. मुंबई महानगरपालिका ने कार्रवाई शुरू कर दी है. ड्रीम्स मॉल फिलहाल बंद है, लेकिन अन्य में जांच जारी है. उद्योग मंत्री उदय सामंत ने यह जानकारी विधान परिषद में दी. बांद्रा पश्चिम के लिक स्क्वायर मॉल में 29 अप्रैल और भांडुप के ड्रीम्स मॉल में आग की घटनाओं का मुद्दा गुरुवार को उठा था.
* इसलिए जरूरी है समय रहते जांच
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, नवी मुंबई के कसल्टेंट (हीमेटोलॉजी हीमैटो-ऑन्कोलॉजी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट फिजिशियन) डॉ. प्रथमेश कुलकर्णी, के मुताबिक, यह महत्वपूर्ण पहल है. पति-पत्नी दोनों थैलेसीमिया माइनर है, तो बच्चे को थैलेसीमिया मेजर होने की आशंका 25% होती है. सिर्फ बोन मैरो ट्रांसप्लाट एकमात्र इलाज होता है, जो महंगा है. डोनर मिलना कठिन होता है. हालांकि केवल टेस्टिंग अनिवार्य करना काफी नहीं है. स्पष्ट गाइडलाइन्स भी बननी चाहिए. मसलन, दोनों पार्टनर माइनर है, तो शादी रोकने के बजाय सही जानकारी दें कि गर्भावस्था में भ्रूण की जांच कराई जा सकती है. भ्रूण मेजर हो, तो गर्भपात को लेकर कानूनी और डॉक्टरी मार्गदर्शन होना चाहिए. इसके पीडित बच्चों में ग्रोथ रुक जाती है. समय रहते इलाज न हो, तो जीवन प्रत्याशा 20-30 वर्ष रह जाती है.
* राज्य में बनेगी नई कचरा नीति
राज्य में कचरा उठाने में हो रही समस्याओं को देखते हुए नई कचरा नीति बनाई जाएगी. डंपिग स्थानों पर कचरे से बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट लगाने पर भी विचार हो रहा है. मुंबई में रोज लगभग 7 हजार मीट्रिक टन कचरा निकलता है. विधान परिषद में उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बताया कि देवनार डंपिंग ग्राउड में वर्ष 1930 से कचरे को हटाने का काम चल रहा है. मुंबई में कचरा डंपिंग के लिए कांजुरमार्ग वैकल्पिक समाधान बन रहा है.

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