शहर में 145 इमारतें जर्जर, स्ट्रक्चरल ऑडीट जरुरी

अमरावती /दि.5– विगत गुरुवार की रात स्थानीय जवाहर गेट बुधवारा प्रभाग में रतन भवन के पास शनि मंदिर के सामने स्थित कोचर नामक व्यक्ति का जर्जर हो चुका पुराना घर ढहकर गिर गया. सौभाग्य से इस घटना में कोई जीवितहानी नहीं हुई. परंतु इस घटना ने अमरावती शहर में स्थित पुरानी व जर्जर इमारतों के खतरे को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है. क्योंकि अमरावती शहर में 145 इमारते पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. जिनकी वजह से कभी भी कोई बडा हादसा घटित हो सकता है. ऐसे में सवाल उपस्थित किया जा रहा है कि, आखिर इन 145 पुरानी व जर्जर इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडीट कब होगा. उल्लेखनीय है कि, प्रति वर्ष बारिश का मौसम शुरु होते ही अमरावती मनपा क्षेत्र में स्थित पुरानी व जर्जर इमारतों का मुद्दा चर्चा में आ जाता है. परंतु इसके बावजूद मनपा प्रशासन द्वारा पुरानी व जर्जर इमारतों के बारे में कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते. जिसके चलते अब तक कुछ प्राणघातक हादसे भी घटित हो चुके है. ऐसे हादसों के बाद कुछ समय के लिए मनपा प्रशासन थोडाबहुत सक्रिय दिखाई देता है. लेकिन इसके बाद मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है. परकोट के भीतर सर्वाधिक पुरानी इमारते बता दें कि, परकोट के भीतर वाले परिसर को पुरानी अमरावती के तौर पर पहचाना जाता है. जहां पर कई ऐसी इमारते भी है, जिनका आयुर्मान 100 वर्ष से भी अधिक है. ऐसी सभी इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडीट कर योग्य कार्रवाई किए जाने की जरुरत है. चूंकि इस समय बारिश का मौसम चल रहा है. इस दौरान पुरानी इमारतों के ढहने का खतरा काफी अधिक रहता है. साथ ही आगामी समय में पर्व एवं त्यौहारों का दौरा शुरु हो जाएगा और उस समय परकोट के भीतर लोगों की अच्छी-खासी चहल-पहल रहती है. ऐसे समय किसी पुरानी इमारत के ढहने की वजह से बडे नुकसान की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. जिसके चलते पुरानी व जीर्णशीर्ण इमारतों को लेकर समय रहते ठोस कदम उठाए जाने की सख्त जरुरत है.

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