विधायक संजय खोडके की ‘लक्षवेधी’ के बाद एमडी तस्करी पर शहर पुलिस का ‘ध्यान आकर्षण’

विधान परिषद में मामले गुंजने के बाद अब शहर पुलिस आई ‘एक्शन मोड’ में

* ड्रग तस्करों के खिलाफ तेजी से कसा जा रहा शिकंजा, एक के बाद एक धडाधड हो रही कार्रवाई
अमरावती/दि.7 – राज्य विधान मंडल के जारी पावस सत्र के दौरान विगत दिनों विधान परिषद में अजीत पवार गुट वाली राकांपा के विधायक संजय खोडके ने अमरावती शहर में बडी तेजी के साथ पाव पसार रहे एमडी ड्रग्ज के धंधे को लेकर ‘लक्षवेधी’ यानि ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करते हुए राज्य सरकार का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर दिलाया था. साथ ही स्पष्ट रुप से यह आरोप भी लगाया था कि, अमरावती शहर में हो रही एमडी ड्रग्ज की तस्करी व विक्री में स्थानीय पुलिस की भी कुछ हद तक मिलिभगत शामिल हो सकती है. जिस पर जवाब देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि, वे इस बारे में खुद अमरावती के शहर पुलिस आयुक्त से बात करते हुए आवश्यक दिशानिर्देश जारी करेंगे. परंतु सीएम फडणवीस का फोन आने से पहले ही अमरावती शहर पुलिस ‘एक्शन मोड’ में आ गई है और शहर पुलिस ने ड्रग तस्करी व विक्री के मामलो पर खुद ही ‘लक्ष’ यानि ध्यान देना शुरु कर दिया है. जिसके चलते अब ड्रग तस्करों के खिलाफ एक के बाद एक धडाधड कार्रवाई होनी शुरु हो गई है. साथ ही साथ ड्रग तस्करों की जडों व कनेक्शनों को भी पुलिस द्वारा खंगाला जाने लगा है. जिसके तहत जहां गत रोज नागपुरी गेट पुलिस ने एमडी ड्रग तस्करी के खिलाफ बडी कार्रवाई करते हुए 75 ग्राम एमडी ड्रग के साथ इमरान उर्फ इम्मू खान सलिम खान (26, पाटीपुरा) को गिरफ्तार किया था. वहीं अब इमरान द्वारा पूछताछ के दौरान दिए गए जवाब के आधार पर एक राजनीतिक दल से वास्ता रखनेवाले अब्दुल फहीम को भी बीती रात 12.30 बजे के आसपास उसके घर से दबोचा गया. इन दोनों कार्रवाईयों के चलते शहर में इस समय अच्छा-खासा हडकंप मचा हुआ है.

* 78.960 ग्राम एमडी की खेप के साथ धरा गया इम्मू
बता दें कि, विधायक संजय खोडके द्वारा विधान परिषद में ड्रग तस्करी के खिलाफ उठाए गए मुद्दे के बाद अमरावती शहर पुलिस ने एकतरह से एमडी ड्रग तस्करों के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया. जिसके तहत रविवार 6 जुलाई की शाम नागपुरी गेट पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पाटीपुरा परिसर में रहनेवाले इमरान उर्फ इम्मू खान (26) नामक युवक को 78.960 ग्राम एमडी ड्रग व दुपहिया वाहन सहित 4 लाख 88 हजार 450 रुपए मूल्य के साहित्य के साथ गिरफ्तार किया. यह कार्रवाई नागपुरी गेट पुलिस स्टेशन के थानेदार हनुमंत उरलागोंडावार, पुलिस निरीक्षक गजानन विधाते व पुलिस कर्मी अहमद अली, संतोष यादव, दानिश शेख, सागर पंडित व राहुल रोडे के पथक द्वारा की गई.
जानकारी के मुताबिक इमरान उर्फ इम्मू खान द्वारा एमडी ड्रग की विक्री किए जाने की गुप्त सूचना मिलने के बाद नागपुरी गेट पुलिस ने विगत दो दिनों से उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरु की थी. जिसके तहत इस बात पर ध्यान दिया जा रहा था कि, वह कहा जाता है, किससे मिलता है और मोबाइल पर किसके साथ बातचीत करता है, पूरी जानकारी हासिल करने के बाद पुलिस ने रविवार की शाम उसके घर के पास ही अपना जाल बिछाया और जैसे ही इमरान खान ड्रग्ज की खेप लेकर घर से बाहर निकला वैसे ही उसे पुलिस के पथक ने ड्रग्ज की खेप के साथ धर दबोचा. जिसके बाद पुलिस ने इमरान उर्फ इम्मू से ड्रग सप्लार्ई की चेन के बारे कडाई के साथ पूछताछ की गई.
* इम्मू के बयान पर धरा गया अब्दुल फहीम
– अ. फहीम का एक राजनीतिक दल के साथ है वास्ता
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीती शाम ड्रग तस्करी के मामले में पकडे गए इमरान उर्फ इम्मू खान से पुलिस द्वारा इस बात को लेकर बेहद कडाई के साथ पूछताछ की गई थी. आखिर ड्रग्ज की खेप कहां से आती है और वह खुद किसके जरिए ड्रग्ज की खेप हासिल करता है. जिसके बाद इमरान उर्फ इम्मू खान ने पुलिस को बताया कि, वह कमेला ग्राऊंड परिसर में रहनेवाले अब्दुल फहीम अब्दुल रफीक (44) से अब तक करीब 16 बार ड्रग्ज की खेप को विक्री हेतु प्राप्त कर चुका है. ड्रग तस्करी के रैकेट में अब्दुल फहीम का कोडनेम ‘मुन्ना’ है. जिसके जरिए कमेला ग्राऊंड परिसर में सुबह 4 बजे के आसपास ड्रग्ज की डिलिवरी दी जाती थी. यह जानकारी मिलते ही नागपुरी गेट पुलिस के दल ने पूरी पडताल करते हुए अब्दुल फहीम उर्फ मुन्ना की पूरी कुंडली खंगाली और फिर रात 12.30 बजे के आसपास अब्दुल फहीम को उसके घर से उठा लिया गया. जिसे पुलिस लॉकअप में रखते हुए उससे रातभर ड्रग तस्करी के अन्य कनेक्शनों को लेकर पूछताछ की गई. इस पूछताछ में अब्दुल फहीम द्वारा दी गई जानकारी का ब्यौरा फिलहाल सामने नहीं आ पाया.
* क्लब एवं पब में खुलेआम होता है एमडी का प्रयोग
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर के कुछ क्लब व पब में युवतियों के जरिए ग्राहकों को शराब के साथ ही एमडी ड्रग की आपूर्ति भी की जाती है. जो युवतियां एमडी ड्रग को ग्राहकों तक पहुंचाने का काम करती है, उनके क्लब व पब के खर्च का जिम्मा मुख्य तस्कर द्वारा उठाया जाता है. साथ ही उन्हें उपर से भी पैसों का भुगतान किया जाता है. इसके अलावा रात के समय शहर के कुछ परमीट रुम व बीयरबार में भी एमडी ड्रग की विक्री होने की जानकारी है. साथ ही साथ शहर के कुछ कॉलेजो व होस्टलो में भी कमसीन उम्र के युवक-युवतियों के जरिए एमडी ड्रग की खेप पहुंचाकर उसकी विक्री की जाती है, ऐसी जानकारी भी सामने आई है.
* नागपुर, मुंबई व इंदौर से एमडी ड्रग की सप्लाई
इस संदर्भ में की गई पडताल के मुताबिक अमरावती शहर सहित जिले में नागपुर, मुंबई व इंदौर से बडे पैमाने एमडी ड्रग्ज की खेप लाई जाती है. जिसके तहत मुख्य ड्रग तस्करों द्वारा जरुरतमंद युवक-युवतियों के जरिए रेलवे, ट्रैवल्स व निजी कारों से एमडी ड्रग्ज की खेप बुलाई जाती है और प्रत्येक खेप को लाने हेतु आने-जाने का किराया भत्ता के साथ ही बडी रकम भी दी जाती है. जिसके चलते झटपट पैसा कमाने की चाहत में कमसीन उम्र के कई युवक-युवतियां इस रैकेट के साथ जुड जाते है.
* बिना नंबर वाले वाहनों का किया जाता है प्रयोग
ड्रग तस्करी के काम में ऐसे वाहनों का विशेष तौर पर प्रयोग किया जाता है. जो हाल-फिलहाल ही शोरुम से बाहर आए है और जिनका अब तक आरटीओ कार्यालय में किसी के नाम पर पंजीयन नहीं हुआ है. इसके साथ ही इस काम में प्रयुक्त होनेवाले वाहनों की नंबर प्लेट पर काले रंग की पट्टी भी चिपका दी जाती है, ताकि उन वाहनों का नंबर किसी को भी पता न चले. ऐसे कई वाहन रात के समय शहर के कुछ पब व क्लब के सामने खडे भी दिखाई देते है. साथ ही साथ अब अमरावती शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों तक एमडी ड्रग तस्करों ने अपनी पहुंच बना ली है. जिसकी वजह से शहर सहित जिले के युवा बडी तेजी के साथ एमडी ड्रग जैसे मादक पदार्थ के नशे की गिरफ्त में आ रहे है. जिसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य संजय खोडके ने अमरावती शहर में तेजी के साथ फैल रहे ड्रग तस्करी व विक्री के व्यवसाय के खिलाफ विधान परिषद में ‘लक्षवेधी’ लगाकर इस समस्या की ओर सरकार का ‘ध्यान आकर्षण’ किया. जिसके चलते अमरावती शहर पुलिस अब ड्रग तस्करी व्यवसाय के खिलाफ ‘एक्शन मोड’ में दिखाई दे रही है.
* एक साल में सामने आए ड्रग तस्करी के 31 मामले
बता दें कि, इस मुद्दे को विधान परिषद में उपस्थित करते हुए विधायक संजय खोडके ने राज्य सरकार को बताया था कि, अकेले अमरावती शहर में विगत एक वर्ष के दौरान ड्रग एवं मादक पदार्थों की तस्करी के 31 मामले सामने आए है और ज्यादातर मामले एक विशिष्ट पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत घटित हो रहे है और ड्रग्ज व मादक पदार्थों की विक्री करनेवाले लोगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही. जिसके चलते वही लोग बार-बार वही धंधा करते हुए अपना नेटवर्क फैला रहे है. जिसकी वजह से अमरावती शहर सहित जिले में ड्रग सप्लाई की एक पूरी चेन तैयार हो गई है. साथ ही ड्रग सहित मादक पदार्थों को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए नाबालिगों का भी प्रयोग किया जा रहा है. चूंकि अमरावती बेहद छोटा शहर है और कहां पर क्या चल रहा है व किस मामले में कौन सहभागी है, इसकी जानकारी खुफिया विभाग एवं पुलिस थाने के बीट जमादारों सहित डीबी पथक के कर्मचारियों को अच्छे से पता रहने के बावजूद इसकी ओर अनदेखी की जा रही है. यही वजह है कि, अब तक एमडी ड्रग्ज के मुख्य तस्कर तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. जिसका एक मतलब यह भी है कि, संभवत: एमडी ड्रग तस्करों के साथ खुद पुलिस कर्मियों की मिलीभगत भी हो सकती है.

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