51 मोटर वाहन निरीक्षकों को ‘मैट’ से राहत

फिर भी प्रतीक्षा कायम, ऑनलाइन तबादले में अनियमितता

अमरावती /दि.8– राज्य परिवहन विभाग द्वारा विगत मई माह में मोटर वाहन निरीक्षकों की ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया पर अमल किया गया. परंतु इस प्रक्रिया में गंभीर त्रुटी व अनियमितता होने का आरोप लगाते हुए 51 मोटर वाहन निरीक्षकों ने महाराष्ट्र प्रशासकीय न्यायाधिकरण (मैट) में गुहार लगाई थी और मैट ने विगत 27 मई को इस प्रक्रिया पर स्थगनादेश जारी किया था. परंतु 40 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके चलते संबंधित निरीक्षक अब भी वेट एंड वॉच की स्थिति में है.
जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग ने पारदर्शकता के नाम पर 28 जून 2023 को ऑनलाइन तबादलों की प्रक्रिया शुरु की थी. जिसके तहत समुपदेशन पश्चात ‘अ’, ‘ब’ व ‘क’ वर्गवारी के अनुसार तबादले की प्रक्रिया पर अमल करना अपेक्षित था. परंतु इस बार ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया की ‘एसओपी’ तैयार किए बिना पारदर्शकता की अनदेखी किए जाने का आरोप मोटर वाहन निरीक्षकों द्वारा लगाया गया और यह बात मोटर वाहन निरीक्षकों ने मैट में तमाम सबूतो के साथ साबित भी की. जिसके चलते मैट ने एक ही समय तीन निरीक्षकों की तबादला प्रक्रिया पर स्थगनादेश देते हुए परिवहन आयुक्त को प्रतिज्ञापत्र पेश करने का निर्देश दिया था. लेकिन इसके बावजूद 27 मई से 7 जुलाई तक 40 दिनों के दौरान मोटर वाहन निरीक्षकों की तबादला प्रक्रिया को लेकर कोई दखल नहीं ली गई. वहीं दूसरी ओर संबंधित मोटर वाहन निरीक्षक अब भी नई पदस्थापना की प्रतीक्षा कर रहे है.
* परिवहन आयुक्त के प्रतिज्ञापत्र में विलंब क्यों?
परिवहन आयुक्त कार्यालय ने वर्ष 2023 में मोटर वाहन निरीक्षकों के तबादले ऑनलाइन करने के माणक घोषित किए थे. जिसमें कानूनी त्रुटियों व दोषों की ओर अनदेखी किए जाने की बात मोटर वाहन निरीक्षकों ने मैट के ध्यान में लाकर दी. जिसके चलते मैट ने परिवहन आयुक्त को मोटर वाहन निरीक्षकों की वर्गवारी के अनुसार प्रतिज्ञापत्र के जरिए सूची पेश करने का निर्देश दिया था. लेकिन इसके बावजूद परिवहन आयुक्त द्वारा नामालूम वजहों के चलते प्रतिज्ञापत्र पेश करने में विलंब किया जा रहा है.
* विदर्भ में आरटीओ का कामकाज हुआ लचर
मोटर वाहन निरीक्षकों के तबादले होने के बावजूद उन्हें संशोधित पदस्थापना नहीं दी गई है. चूंकि मामला मैट में न्यायप्रविष्ठ है. ऐसे में अधिकारी नहीं रहने के चलते एक-एक व्यक्ति के पास 3 से 4 पदों का अतिरिक्त प्रभार है. जिसकी वजह से भंडारा, चंद्रपुर, गोंदिया, यवतमाल, बुलढाणा व अकोला में आरटीओ कार्यालयों की स्थिति गंभीर है. इसी तरह अमरावती में सहायक परिवहन आयुक्त व उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी नहीं है. जिनका जिम्मा मोटर वाहन निरीक्षकों को संभालना पडता है. खास बात यह भी है कि, पुणे व मुंबई में पदस्थ रहनेवाले अधिकारी विदर्भ में आने से इंकार करते है.
* मैट के निर्देशानुसार मोटर वाहन निरीक्षकों के तबादले के बारे में जवाब भेजने की प्रक्रिया शुरु हो गई है और जल्द ही मैट के समक्ष प्रतिज्ञापत्र पेश किया जाएगा. बीच में कुछ समय बीमार रहने क चलते मैं अवकाश पर था. जिसकी वजह से उस काम में थोडा विलंब हो गया.
– संजय मेत्रेवार
सहआयुक्त (सामान्य प्रशासन)
परिवहन विभाग, मुंबई.

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