होमियोपैथ डॉक्टर्स को एलोपैथी उपचार की अनुमति

देहातों के मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य लाभ का दावा

* संगठन की पत्रकार परिषद
अमरावती/ दि. 9 – होमियोपैथ डॉक्टर्स असो. ने आयएमए के विरोध को निरर्थक बताकर उन्हें दी गई एलोपैथिक उपचार की शासन की अनुमति को उचित बताया. यह दावा किया कि गांव देहातों में होमियोपैथ के चिकित्सक मरीजों का तत्पर उपचार करेंगे. आज दोपहर आयोजित प्रेसवार्ता में संगठन के अध्यक्ष डॉ. अशोक उमक, सचिव डॉ. विपुल भट्टड, पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजकुमार जायसवाल, डॉ. विकास निनावे, डॉ. गुणवंत डहाणे, डॉ. सुरेंद्र कालपांडे आदि उपस्थित थे.
डॉ. गुणवंत डहाणे ने कहा कि इंडियन मेडिकल असो. जो दावे कर रहा हैं, वह बेबुनियाद है. होमियोपैथी डॉक्टरों को एलोपैथिक की सुविधा ग्रामीण क्षेत्र मेें बडी उपयोगी साबित हो सकती है. गांवों में एमबीबीएस अथवा बडे डॉक्टर्स नहीं पहुंचते, वहां के मरीजों के लिए यह डॉक्टर्स लाभदायी होंगे.
पत्रकार परिषद में बताया गया कि बढती आबादी और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंडों के हिसाब से डॉक्टर्स की काफी कमी महसूस की जा रही है. इसलिए राज्य सरकार ने 2014 में ही महाराष्ट्र सम चिकित्सा वैद्य व्यवसायी अधिनियम 1960 को मंजूर किया था. इसके अंदर स्वास्थ्य विज्ञान विद्यापीठ को एक वर्ष का आधुनिक औषधी शास्त्र प्रमाणपत्र कोर्स की मान्यता दी गई. जिसे बीएचएमएस कोर्स कर चुके डॉक्टर्स कौन सी बीमारियों तथा दवाओं का उपचार कर सकते हैं. इसका कोर्स में समावेश है. होमियोपैथ डॉक्टर्स ने दावा किया कि पिछले 8 वर्षो से यह कोर्स शुरू है. कोर्स करनेवाले डॉक्टर्स को ही एलोपैथिक उपचार की अनुमति दी गई है. उन्होंने बताया कि डॉ. बाहुबली शाह के प्रयासों से यह सफलता प्राप्त हुई है. आयएमए जनहित के नाम पर जनता को गुमराह कर रहा है.

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