अंजनगांव में 7 वर्ष से चल रहा था अवैध कुटूंब कल्याण केंद्र
स्वास्थ पथक की पडताल में मामला हुआ उजागर, डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज

अंजनगांव सुर्जी /दि.9– गर्भपात व कुटूंब कल्याण केंद्र सहित प्रसूति गृह से संबंधित कोई अनुमति नहीं रहने के बावजूद करीब 7 साल तक गर्भपात व कुटूंब कल्याण केंद्र चलानेवाले अंजनगांव सुर्जी स्थित संजीवनी मैटर्निटी हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ विगत सोमवार की रात अंजनगांव सुर्जी पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया गया. इसके साथ ही यह विशेष जानकारी भी सामने आई कि, वर्ष 2018 में जिला शल्य चिकित्सक के पास गर्भपात केंद्र की अनुमति हेतु भेजा गया प्रस्ताव उसी समय बेदखल भी हो गया था.
इस संदर्भ में पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉ. युवराज पाटिल (48, अंजनगांव सुर्जी) के खिलाफ ग्रामीण अस्पताल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अमोल नालट ने शिकायत दी थी. जिसके मुताबिक विगत 26 जून को जिला नियंत्रण पथक ने संजीवनी अस्पताल में छापा मारकर सोनोग्राफी केंद्र के दस्तावेजों की जांच-पडताल की. इस समय जांच पथक को दस्तावेजों में कई तरह की अनियमितताएं भी मिली. साथ ही यह भी पता चला कि, जिला शल्य चिकित्सक की अनुमति के बिना यह सोनोग्राफी केंद्र चलाया जा रहा था. इसके परिणामस्वरुप जिला नियंत्रण पथक ने इस केंद्र को सील करते हुए आगे की कार्रवाई प्रारंभ की. पता चला है कि, इस अस्पताल में एमपीसीबी रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट नहीं पाया गया. साथ ही फायर ऑडीट का रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं था. इस अस्पताल में मरीजों की नियमबाह्य तरीके से शल्यक्रिया किए जाने संबंधी दस्तावेज जांच पथक को छापे व पंचनामे की कार्रवाई के दौरान मिले.
* जांच प्रारंभ
गुलजारपुरा स्थित संजीवनी नर्सिंग होम पर वैद्यकीय प्रतिबंधक कानून के अनुसार अपराध दर्ज हुआ है. अमरावती के वैद्यकीय पथक ने शहर के विविध नर्सिंग होम व अस्पतालों की जांच-पडताल की. जिसमें नर्सिंग होम के लिए लगनेवाली विभिन्न अनुमतियों के बिना यह अस्पताल चलाए जाने की जानकारी सामने आई थी. जिसके बाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई और इस शिकायत के आधार पर अब मामले की जांच-पडताल करनी शुरु की गई है.
* जांच पथक को दस्तावेज देने में टालमटोल
बॉम्बे नर्सिंग होम कानून अंतर्गत जिला शल्य चिकित्सक से अनुमति लेकर व पंजीयन किए बिना यह अस्पताल चलाया जा रहा था. इस अस्पताल में पहुंचे जांच पथक द्वारा जब प्रमाणपत्रों के बारे में पूछताछ की गई तो प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराए गए. साथ ही साथ गर्भपात करनेवाले डॉक्टरों की शैक्षणिक अर्हता व मान्यता से संबंधित प्रमाणपत्रों व दस्तावेजों को भी जांच-पडताल के लिए उपलब्ध नहीं कराया गया और इस बारे में पूछताछ करने पर लगातार टालमटोल वाले जवाब दिए गए.
* प्रतिबंधित दवाओं का स्टॉक भी मिला
संजीवनी अस्पताल के दर्शनी हिस्से में सरकार मान्य वैद्यकीय गर्भपात केंद्र (सरकार मान्य परिवार नियोजन शल्यक्रिया केंद्र) की सुविधा रहनेवाला बोर्ड नियमबाह्य तरीके से लगाया गया था. जिसे जब्त कर लिया गया है. साथ ही जांच-पडताल के दौरान अस्पताल में डॉक्टर के पास प्रतिबंधित दवाईयों का स्टॉक भी बरामद हुआ. इस तरह आरोपी डॉक्टर द्वारा आम जनता के जीवन के साथ खिलवाड करते हुए सरकार के साथ भी जालसाजी की गई. जिसे लेकर अपराधिक मामला दर्ज करते हुए जांच-पडताल शुरु की गई.





