एम्स डॉक्टर की दुर्घटना में हुई मौत

परिजनों को 2.7 करोड मुआवजा

* अकोला कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
अकोला/दि.10-अकोला के जिला एवं सत्रन्यायालय ने दिल्ली के एम्स अस्पताल के डॉ. हर्षद वानखडे की आकस्मिक मृत्यु मामले में उनके परिवार को 2 करोड 70 लाख 44 हजार रुपयों का मुआवजा देने का ऐतिहासिक फैसला मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस. बी. कचरे की अदालत ने सुनाया है और यह राशि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को चुकानी होगी.
13 मार्च 2018 को अकोला जिले के निवासी डॉ. हर्षद वानखडे अपने सहकर्मियों के साथ एक निजी कार्यक्रम के लिए टोयोटा कार में यात्रा कर रहे थे, तभी यमुना मथुरा एक्सप्रेसवे पर एक ट्रक ने अचानक लेन बदल ली, जिससे भयानक दुर्घटना हो गई थी. इस हादसे में एम्स के डॉ. हर्षद वानखडे (29), डॉ. यशप्रीत और डॉ. हेम्बला की मौके पर ही मौत हो गई थी. वहीं छह अन्य डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जो स्थायी रूप से विकलांग हो गए. ट्रक चालक हजरत अली सुभनी खान के खिलाफ सुरीर (मथुरा जिला) थाने में मामला दर्ज किया गया था. मृतक डॉक्टर के परिवार ने ट्रक मालिक, ट्रक चालक, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, टोयोटा कार के मालिक और उनकी बीमा कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. इस फैसले को अकोला कोर्ट में एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है.
इस मामले में वानखडे परिवार की ओर से अधि. राम पाटिल भौरदकर, अधि. बी. के. टावरी एवं अधि. नरेन्द्र बेलसरे ने पैरवी की. अदालत ने कहा हर्षद का भविष्य उज्ज्वल था. डॉ. वानखडे ने नागपुर जीएमसी से एमबीबीएस और दिल्ली एम्स से एमडी की डिग्री हासिल की थी. अपनी पढाई पूरी करने के बाद, उन्होंने गहन चिकित्सा इकाइ में काम किया. अदालत ने कहा कि उनका भविष्य उज्ज्वल है.अदालत ने उनके पिता भास्कर वानखडे, मां सुशीला और बहन पूर्वा को 1 करोड 90 लाख 59 हजार 360 रुपये और ब्याज सहित कुल 2 करोड 70 लाख 44 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.

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