मोर्शी में 48 घंटे में महिला किसान समेत दो ने की खुदखुशी
कर्ज से परेशान होकर किसानों का आत्मघाती कदम

* जिले में उठने लगी कर्जमाफी की मांग
अमरावती /दि.17– अमरावती जिले में किसान आत्महत्या का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. भले ही इस बार बारिश ठीक-ठाक रही है, किंतु तय समय में बारिश न आने के कारण, वहीं कर्ज के बोझ तले परेशान किसानों द्वारा आत्महत्या का सिलसिला जारी है. विगत 48 घंटे के अंतराल में मोर्शी में 2 किसानों ने मौत को गले लगा लिया. जिनकी वजह कर्ज से परेशान बताई गयी है. एक घटना मोर्शी तहसील के अंतोरा गांव में घटी, जहां एक किसान महिला ने 15 जुलाई को अपने ही खेत में जहर पीकर आत्महत्या कर ली तो वहीं 16 जुलाई को मोर्शी के पाला गांव में एक 65 वर्षीय बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली. जिसके चलते किसानों पर बढ़ रहे साहूकारों के कर्ज से मुक्त करने की मांग तथा कर्जमाफी की मांग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है.
* फांसी लगाकर बुजुर्ग ने की खुदकुशी
घर के निर्माण के लिये कर्ज लेने वाले एक 65 वर्षीय बुजुर्ग ने कर्ज की चिंता में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना मोर्शी के पास तीर्थक्षेत्र पाला गांव में विगत 16 जुलाई को सुबह 6 बजे घटी. मृतक का नाम मनोहर फतुजी डबरासे (65) है. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पाला गांव निवासी मनोहर डबरासे अपने घर का निर्माण कार्य कर रहे थे. उन्होंने एक निजी फायनांस कंपनी से कर्ज लिया था. तभी से वे मानसिक तनाव में रहने लगे थे वे फाइनांस कंपनी का कर्ज कैसे अदा करना इस चिंता में रहते थे. 16 जुलाई को तडके 5 बजे उठकर चाय पानी पीने के बाद वे बाहर चले गए और घर के निर्माणकार्य स्थल पर पहुंचकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर दी. मोर्शी पुलिस ने आकस्मिक घटना दर्ज की है.
* महिला किसान ने कर्ज से परेशान होकर की आत्महत्या
खेती में हुए नुकसान और कर्ज के बोझ से परेशान होकर एक महिला किसान ने आत्महत्या किए जाने का मामला तहसौत्व अंतर्गत आने वाले अंतोरा गाव में 15 जुलाई की शाम 7 बजे सामने आया. मृतक महिला किसान का नाम अर्चना महेंद्र गौरखेडे (45, अंतोरा) है. जानकारी के मुताबिक, अर्चना गौरखेडे के पास शिरखेड शिवार में करीब 2 एकड़ जमीन थी. इस साल उन्होंने बैंक ऑफ इंडिया और बचत गट का करीबन 2 लाख रुपए कर्ज लेकर खेत में सोयाबीन, तुअर की बुआई की. लेकिन फसल हात नहीं लगी. परिवार का पालनपोषण कैसे करना और कर्ज कैसे अदा करना इस चिंता में महिला किसान थी. 15 जुलाई को हर दिन की तरह वह अपने खेत में गई थी और दोपहर 4 बजे के दौरान जहर गटककर उसने आत्महत्या कर ली. शाम तक पत्नी घर न लौटने से दिव्यांग पति महेंद्र गौरखेडे अपने दोस्त को साथ लेकर खेत में गया. तब उसे अर्चना खेत में बेहोशी के हालत में दिखाई दी. ग्रामवासियों की सहायता से उसे मोर्शी के उपजिला अस्पताल में लाया गया जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित किया. शिरखेड पुलिस ने आकस्मिक घटना दर्ज की है.





