चित्रा चौक फ्लायओवर निर्माण में देरी पर आखिर कोर्ट की दखल

आज पेश होना है लोनिवि के कार्यकारी अभियंता को

* कांग्रेस नेता सुनील देशमुख की है जनहित याचिका
* बुधवार की सुनवाई में खंडपीठ ने प्रशासन को लगाई है फटकार
अमरावती/ दि. 17 –गत 7 वर्षो से निर्माणाधीन चित्रा चौक – पठान चौक, उडानपुल को लेकर पूर्व विधायक सुनील देशमुख द्बारा अपने वकील एड. शाहू चिखले के माध्यम से उरू न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर बुधवार की सुनवाई में लोक निर्माण विभाग के अभियंता और अधिकारियों को खंडपीठ ने डांट पिलाई. जिससे आज लोनिवि के कार्यकारी अभियंता इस मामले में सारे दस्तावेज लेकर खंडपीठ के सामने प्रस्तुत हो रहे हैं. फलस्वरूप उडानपुल के प्रलंबित कार्य के शीघ्र शुरू होने की आशा जागी है. डॉ. सुनील देशमुख ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब बचा हुआ काम जल्द से जल्द पूरा होगा और लोगों को अमरावती में एक और उडानपुल की सौगात इस वर्ष के अंत तक मिलने की पूरी आशा डॉ. देशमुख ने व्यक्त की.
न्या. नितिन सांबरे और न्या. सचिन एस. देशमुख की खंडपीठ ने बुधवार को लोनिवि के कनिष्ठ अभियंता द्बारा चित्रा चौक- पठान चौक, उडानपुल के बारे में दायर शपथ पत्र पर कडा एतराज जताया. उन्होंने शपथ पत्र में अगले तीन माह के भीतर उडानपुल का शेष कार्य पूर्ण कर लेने के दावे पर सवाल उठाए. खंडपीठ ने 10 मुद्दों का आदेश जारी कर अगले ही दिन अर्थात आज गुरूवार को सुनवाई रखी है. जिसमें कार्यकारी अभियंता कोर्ट के आदेशानुसार सभी दस्तावेजों के साथ पेश हो रहे हैं.
* खंडपीठ ने यह मुद्दे उठाए, उमेठा कान
न्या. देशमुख और न्या. सांबरे की खंडपीठ ने 9 मुद्दे उपस्थित कर प्रतिवादी लोनिवि के वकील एजीपी राव और एसएस घाटे से पूछा कि उडानपुल का निर्माण 3 जनवरी 2020 को पूर्ण हो जाना था. 7 वर्ष बाद भी यह निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है. जबकि ठेकेदार को 60 करोड के इस फ्लायओवर के काम में आनेवाली सभी बाधाओं के बारे में पहले से जानकारी थी. खंडपीठ ने सवाल उठाया कि ठेकेदार से समय पर काम पूर्ण नहीं हो पाने के बावजूद उसे निर्माण कैसे करने दिया गया ? उसके विरूध्द कोई एक्शन क्यों नहीं ली गई. जमीनी हकीकत और अन्य कठिनाईयों के बारे में ठेकेदार को मालूमात थी. किंतु लोक निर्माण विभाग ने क्यों नहीं कदम उठाए.
* क्या कोर्ट के ऑर्डर से ही काम आगे बढेगा !
खंडपीठ ने यह भी सवाल उठाया कि अदालत द्बारा आदेश देने के बाद इस केस से अनधिकृत व्यक्ति द्बारा दायर शपथपत्र में आगामी फरवरी 2026 तक उडानपुल का निर्माण पूर्ण कर लेने का दावा किया गया है. यह सरासर लोनिवि के सचिव और कार्यकारी अभियंता की ओर से घोर अनदेखी कही जा सकती है. जबकि दोनों ही इस केस में प्रतिवादी नंबर 1 और 2 हैं. कोर्ट ने लोनिवि अमरावती के मुख्य अभियंता को आज ही खंडपीठ के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया. उसी प्रकार आज दोपहर 2.30 बजे तक लोनिवि के सचिव से शपथपत्र प्रस्तुत करने कहा गया है. जिसमें चित्रा चौक उडान पुल से संबंधित सभी जानकारी दी जाए.
* वर्षो से लटका पुल, जन- जन परेशान
याचिकाकर्ता डॉ. सुनील देशमुख ने अमरावती मंडल से बातचीत में बताया कि 8 साल पहले फ्लायओवर की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई थी. दो वर्षो में फ्लायओवर तैयार हो जाना चाहिए था. आज 7 साल काम शुरू हुए बीत चुके हैं. बावजूद इसके अब भी काफी काम शेष है. कुछ वर्षो से तो कार्य बंद पडा है. जिससे क्षेत्र के लोगों में रोष हैं. जन-जन के परेशान होनेे के कारण ही कई कार्यकर्ता आए दिन इसकी शिकायत लेकर आते हैं. यह विचार कर उच्च न्यायालय में अर्जी दायर की गई. कार्यपालिका से पहले इस बारे में एक्शन लेेने की अपेक्षा व्यक्त की गई थी. वैसेे अनुरोध भी निवेदन- ज्ञापन देकर किए गये. किंतु कोई हलचल नहीं दिखाई दी.
* जनप्रतिनिधियों पर भी नाराज
अदालत ने मौखिक रूप से वर्तमान जन प्रतिनिधियों की उपरोक्त मामले में उदासीनता पर नाराजगी व्यक्त की. उसी प्रकार न्या. सांबरे और न्या. देशमुख की खंडपीठ में अफसरान को भी लपेटा. उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि 60 करोड की लागत उडान पुल निर्माण में लग रही है. इसके बावजूद कार्य वर्षो से प्रलंबित रहता है. अफसरान ध्यान क्यों नहीं देते ? कोर्ट ने यह भी कहा कि 60 करोड रूपया जनता का लग रहा है. फिर भी काम समय पर पूर्ण नहीं होता. विभाग ऐसे ठेकेदार पर कोई एक्शन नहीं लेता, पैनल्टी नहीं लगाता ? कोर्ट के कडे रूख से लोनिवि में खलबली मची है. आनन-फानन में वकील की सलाह लेकर विस्तृत हलफनामा तैयार किए जाने का समाचार है.

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