कई अधिकारियों और नेताओं का भविष्य खत्म कर सकता है हनी ट्रैप मामला
करीब 72 वीआईपी के नाम शामिल है हनी ट्रैप मामले में

* नाशिक में अनौपचारिक चर्चा के दौरान खुल गई थी ‘राज की बात’
* पंचतारांकित सोसायटी से जुडे मामले की चल रही बेहद गुप्त जांच
* हनी ट्रैप मामले में शामिल नामों को लेकर बरती जा रही हद दर्जे की गोपनीयता
नाशिक/दि.17 – महाराष्ट्र में इन दिनों तूफान आने से पहले वाली शांति है. दावा किया जा रहा है कि कुछ संदिग्ध वीडियो हैं जिनकी चुपचाप तरीके से जांच हो रही है. सुरक्षा एजेंसियों को कई बड़े बडे़ नाम मिले हैं. यह मामला सामने आया नासिक से. नासिक दौरे पर आए महाराष्ट्र राज्य के एक बड़े नेता ने अनौपचारिक बातचीत में मामले का खुलासा किया. ये मामला सामने आने कई अधिकारियों और नेताओं का भविष्य खत्म होने तक के कयास लगाए जा रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि एक महिला के पास कुछ वीडियो फुटेज हैं, जिसमें राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की संदिग्ध गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं. सभी वीडियो नासिक के एक फाइव स्टार होटल के हैं. कई प्रशासनिक अधिकारी, राजनेता और महिलाओं के जरिए किए गए गुप्त वीडियो चर्चा का केंद्र बन चुके हैं. हालांकि यह साफ नहीं हो पाया है कि यह एक सुनियोजित हनी ट्रैप ऑपरेशन था या फिर सिर्फ रसूखदारों की रासलीला. लेकिन नासिक के राजनीतिक हलकों में इस पर जोरदार चर्चा हो रही है. मामले की शुरुआत तब हुई जब मुंबई नाका पुलिस स्टेशन नासिक में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई. ये वीडियो कथित रूप से इतने संवेदनशील हैं कि कोई भी अधिकारी इस मामले में सामने आने की हिम्मत नहीं कर रहा. जांच एजेंसियां भी इस मामले को बेहद गोपनीय ढंग से देख रही हैं. * उत्तर महाराष्ट्र के मौजूदा व पूर्व मंत्रियों के नाम!
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हनी ट्रैप मामले में अटके मौजूदा व पूर्व मंत्री उत्तर महाराष्ट्र से वास्ता रखनेवाले बताए जाते है. पुलिस के पास दर्ज शिकायत में इन सभी मंत्रियों के नामों का उल्लेख रहने की जानकारी है. लेकिन पुलिस खुद इस जानकारी को उजागर नहीं कर रही है, बल्कि नामों को गुप्त रखने हेतु जबरदस्त गोपनीयता बरती जा रही है. जिसके चलते हनी ट्रैप मामले में शामिल मंत्रियों के नामों को लेकर जबरदस्त उत्सुकता बनी हुई है और चर्चाओं का बाजार गर्म है. * नाशिक, पुणे व मुंबई के अधिकारी हैं शामिल!
हनी ट्रैप मामले में अटके 72 वरिष्ठ अधिकारियों में से अधिकांश अधिकारी इस समय मुंबई, पुणे व नाशिक में कार्यरत रहने की चर्चा है. इसके अलावा कुछ अधिकारियों के अन्य क्षेत्रों में पदस्थ रहने की भी जानकारी है. जिसके चलते राज्य के प्रशासनिक क्षेत्र में भी अच्छा-खासा हडकंप मचा हुआ है. परंतु मंत्रियों के नामों की तरह प्रशासनिक अधिकारियों के नामों को लेकर भी मामले की जांच में जुटी पुलिस द्वारा जबरदस्त गोपनीयता बरती जा रही है. साथ ही साथ इस हनी ट्रैप मामले से संबंधित फोटो व वीडियो भी वायरल न हो पाए, इसे लेकर भी तमाम आवश्यक कदम उठाए जा रहे है. क्योंकि ऐसा होने पर कई मौजूदा व पूर्व मंत्रियों सहित कई बडे प्रशासनिक अधिकारियों का भविष्य संकट में पड सकता है. जिसके चलते यह चर्चा भी चल रही है कि, बडे-बडे लोगों को बचाने के लिए इस मामले को दबाए जाने का भी प्रयास हो सकता है. * किन-किन शहरों के नाम?
केवल नासिक ही नहीं, इस मामले की आंच मुंबई और पुणे तक पहुंच गई है. इन शहरों के भी कई प्रभावशाली अधिकारियों और राजनेताओं का नाम इस कथित गिरोह के संपर्क में होने की बात सामने आ रही है. हालांकि आधिकारिक स्तर पर किसी भी एजेंसी ने अब तक कोई बड़ा बयान नहीं दिया है, लेकिन जिस तरह से यह मामला ‘गोपनीय’ रखा जा रहा है, उससे शक और गहरा होता जा रहा है. न तो पीड़िता खुलकर सामने आ रही है और न ही आरोपी. ऐसे में यह कांड धीरे-धीरे एक राजनीतिक विस्फोट की शक्ल ले सकता है? * अब मामले में लिप्त संदिग्ध कर रहे अपने मोबाइल फोन फार्मेट
इस बीच यह जानकारी भी सामने आई है कि, जिन बडे-बडे नेताओं व अधिकारियों के नाम इस हनी ट्रैप मामले में सामने आ रहे है, उन सभी ने अपने-अपने मोबाइल फोन को फार्मेट करना शुरु कर दिया है. ताकि उन्हें लेकर पुलिस के हाथ कोई सबूत न लगे. इसके साथ ही इस हनी ट्रैप में अटके सभी वीआईपी एक-दूसरे के साथ संपर्क करते हुए ‘तेरी भी चुप, मेरी भी चुप’ वाली नीति पर अमल कर रहे है. ताकि अपने साथ-साथ अपने जैसे दूसरे लोगों को भी बचाया जा सके. * जांच में उजागर होंगी कई सनसनीखेज बातें
जानकारी के मुताबिक पुलिस द्वारा इस पूरे मामले की बेहद गुप्त पद्धति से जांच की जा रही है और इस जांच के दौरान कई सनसनीखेज बातों के सामने आने की पूरी संभावना है. अनुमान जताया जा रहा है कि, जांच के दौरान संदेहित व्यक्तियों के वीडियो कॉल, उनके होटल में आने-जाने के रिकॉर्ड और काफी बडे आर्थिक व्यवहार के ब्यौरे पुलिस के हाथ लग सकते है. जिसके चलते यह मामला अपने-आप में काफी गंभीर बताया जा रहा है. जिसकी वजह से राज्य के राजनीतिक व प्रशासनिक क्षेत्र में अच्छा-खासा हडकंप मचा हुआ है. साथ ही यह संभावना भी जताई जा रही है कि, इस मामले में कई मौजूदा व पूर्व मंत्रियों के साथ-साथ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते है. जिसके चलते यह मामला बेहद हाईप्रोफाईल भी बताया जा रहा है. * विधानसभा में नाना पटोले ने उठाया मुद्दा
राज्य के उच्च पदस्थ अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे रंगदारी वसूलने की घटना ने महाराष्ट्र के प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है. महाराष्ट्र कांग्रेस नेता और विधायक नाना पटोले ने आज (16 जुलाई) विधानसभा में व्यवस्था के प्रश्न के माध्यम से यह मुद्दा उठाया. उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार को मामले का उचित संज्ञान लेने का निर्देश दिया. नाना पटोले ने कहा कि राज्य में एक बहुत ही महत्वपूर्ण मामला सामने आ रहा है. कुछ लोग हनीट्रैप के ज़रिए हमारे राज्य के गोपनीय दस्तावेज़ हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चर्चा है कि इस मामले में राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, आईएएस अधिकारी और कुछ मंत्री भी शामिल हैं. राज्य के गोपनीय दस्तावेज़ बाहर जाएं इसके लिए एक हनीट्रैप बिछाया गया है. *शरद पवार गुट वाली राकांपा ने सरकार से पूछे 4 सवाल
महाराष्ट्र में हुई हनी ट्रैप पर अब चर्चा तेज हो गई है. मामले में शरद पवार गुट वाली राकांपा के प्रवक्ता महेश तापसे ने सरकार से 4 सवाल पूछे हैं. तापसे ने बुधवार को ‘हनीट्रैप’ कांड पर मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कि यह बेहद चिंताजनक है कि सीनियर प्रशासनिक अधिकारी और राजनेता कथित तौर पर इसके शिकार हो गए हैं. इससे राज्य में शासन की जिम्मेदारी संभालने वालों की सुरक्षा और भेद्यता पर गंभीर सवाल उठते हैं. तापसे ने सरकार से 4 बिंदुओं पर जवाब मांगा. कहा कि हनी ट्रैप की घटनाओं का आरोप लगाने वाली मीडिया रिपोर्टों पर सरकार चुप क्यों है? इस व्यापक ‘हनीट्रैप’ अभियान में नौकरशाहों और राजनेताओं सहित इतनी बड़ी संख्या में हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को कैसे निशाना बनाया गया? खुफिया एजेंसियां समय पर पता लगाने या हस्तक्षेप करने में क्यों विफल रहीं? और भविष्य में ऐसे अपराधों को खत्म करने के लिए क्या उपाय लागू किए जा रहे हैं?





