जीएसटी चोरी में कई व्यापारियों पर कार्रवाई शुरू, होगी 19 करोड की वसूली
सरकार को 9 करोड का चूना , अकोला का व्यापारी गिरफ्तार

* अमरावती जीएसटी की पहली बडी कार्रवाई
* इनपुट क्रेडिट बिलों का घालमेल
* सहायक आयुक्त पोखरकर ने दी दो माह की डेड लाइन
* संभाग के 5 जिलों में व्यापारी सावधान
अमरावती/ दि. 17 –प्रत्यक्ष माल की खरीदी विक्री न करते हुए केवल सेवा व वस्तु कर के बिल देकर उसके बदले में कमिशन लेने का गौरखधंधा बढ रहा है. ऐसे व्यापारी जीएसटी विभाग के रडार पर है. अकोला के ऐसे ही व्यापारी प्रतीक गिरिराज तिवारी को जीएसटी कर वंचना के मामले में गिरफ्तार किया गया है. उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि अमरावती जीएसटी के सहायक आयुक्त संजय पोखरकर ने आज दोपहर अमरावती मंडल से बातचीत में की.
उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को राज्य सेवा और वस्तु कर विभाग ने प्रतीक तिवारी (दाब की रोड अकोला) को 44.72 करोड की खरीदी के झूठे बिल का इस्तेमाल कर भारत सरकार तथा महाराष्ट्र शासन को 9 करोड 97 लाख रूपए का राजस्व नुकसान करने के कारण गिरफ्तार किया गया. उन्होने बताया कि प्रतीक तिवारी ने विगत 25 मार्च 2019 से बालाजी ट्रेडर्स के नाम फर्म में जीएसटी नंबर लिया था. सीमेंट, हार्डवेयर की वस्तुएं दोबारा विक्री के लिए जीएसटी कानून अंतर्गत पंजीयन कराया था.
* जीएसटी की पहले दिन से निगरानी
सहायक आयुक्त ने बताया कि तिवारी के व्यवहार की पहले दिन से ही निगरानी जीएसटी महकमा कर रहा था. क्योंकि उसका व्यवहार संदिग्ध लगा था. तिवारी ने महालक्ष्मी सेल्स नाम से भी उसी पते स्वामी सार्थ किराणा, बालाजी नगर, दाबकी रोड, अकोला पर जीएसटी नंबर दर्ज कराया था. बुधवार को आरोपी को गिरफ्तार करने की कार्रवाई संजय पोखरकर के मार्गदर्शन मेें राज्य कर आयुक्त महेश कुमार धारे, राज्य आयुक्त अजय तुरेराव ने उपायुक्त एकनाथ पावडे के मार्गदर्शन में की. आरोपी को अमरावती की कोर्ट में पेश किया गया.
* प्रदेश के 7 व्यापारियों से फर्जी बिल
उन्होंने बताया कि तिवारी ने राज्य के 7 फर्जी बिल और कर्नाटक के 2 व्यापारियों से बोगस दस्तावेज देकर वस्तु व सेवा कर कानून अंतर्गत पंजीयन करवाया था. उसके बाद जांच में पता चला कि मूल तारीख से ही जीएसटी पंजीयन रद्द करवा दिया था. उनसे फर्जी बिल के आधार पर 9.97 करोड का इनपुट क्रेडिट विवरण पत्र लिया था. सहायक आयुक्त पोखरकर ने बताया कि वस्तु व सेवा कर कानून की धारा 132 (1) (3) यह दंडनीय अपराध है. सरकार से 5 करोड से अधिक का फ्रॉड होने से दखलपात्र गैर जमानती अपराध है. वस्तु व सेवा कर कानून 2017 की धारा 69 अनुसार उक्त आरोपी को गिरफ्तार करने वारंट नागपुर प्रक्षेत्र आयुक्त ने जारी किए थे. उसी आधार पर उसके गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया.
खामगांव में आकाश ट्रेडर्स घाटपुरी रोड, सनी पॅलेजस थिएटर के पास रहनेवाले आकाश अडचुले और सज्जन पुरी, जयहिंद किराणा के पास मेन रोड खामगांव में सहयोग ट्रेडर्स की मालकीन श्रीमती अनिस शहा ग्रोवर शहा ने प्रत्यक्ष में कोई व्यवसाय न करते हुए सिर्फ फर्जी बिल तिवारी की बालाजी ट्रेडर्स अकोला और महालक्ष्मी सेल अकोला को दिए. उस मुताबिक जीएसटी पोर्टल पर बिलों की जानकारी दर्ज की गई. किंतु टैक्स का भुगतान नहीं किया गया.
* जून में रेड, लिखित कबूली
सहायक आयुक्त ने बताया कि गत 11 जून को वारंट आदेश पर सहयोग ट्रेडर्स और आकाश ट्रेडर्स पर जीएसटी रेड की गई.् जिसमें दोनों ही फर्म के संचालकों ने तिवारी को फर्जी बिल देने की बात स्वीकार की. आकाश ट्रेडर्स से 1.79 करोड तथा सहयोग टे्रडर्स से 5.73 करोड रूपए के बिल देने की बात लिखकर दी. बालाजी ट्रेडर्स और महालक्ष्मी सेल्स पर छापा मारा गया. उन्हें जवाब के लिए संपूर्ण अवसर दिया गया. कर वंचना की राशि का भुगतान करने बार- बार कहा गया. आखिरकार आज राजस्व हानि वसूल करने के तहत प्रतीक तिवारी को गिरफ्तार किया गया.
सहायक आयुक्त ने बताया कि जीएसटी टैक्स के फर्जी बिल बगैर किसी प्रकार के माल की खरीदी विक्री करते हुए की जा रही थी. ठेकेदारी और भवन निर्माण का व्यवसाय करनेवाले कई व्यापारी का इसमें पता चला है. विभाग ने अन्वेशन शाखा के माध्यम से उन पर भी कानूनन जांच कर कार्रवाई शुरू की है. उन पर भी ब्याज सहित टैक्स वसूली और कर चोरी की गई राशि जितना जुर्माना वसूल करने की कार्रवाई नोटिस देकर शुरू की गई है.
भोजवानी और पवार
इसी कडी में खामगांव के अनिल प्रमोद भोजवानी के भारत बिल्डर्स और श्याम यशवंत पवार के मेसर्स श्याम पवार एवं पार्थ सतीश गवली के सतीश कन्स्ट्रक्शन फर्म की जांच गत 16 जून और 27 जून को छापा मारकर की गई थी. वहां से कागजात जब्त किए गये. सहायक उपायुक्त ने बताया कि इन फर्मो से भी बालाजी ट्रेडर्स और महालक्ष्मी सेल्स से हकीकत में कोई सीमेंट या स्टील माल की खरीदी न करते हुए केवल फर्जी बिलों के आधार पर सरकार से धोखाधडी करना कबूल किया है.
* दो महीने में वसूल होगा जुर्माना
नाशिक के भी दो व्यापारी इस कडी में जीएसटी अधिकारियों की रडार पर आए है. उनके यहां गत 8 जुलाई को छापा मारा गया. उनसे राजस्व हानि की वसूली की कार्रवाई शुरू की गई है. संजय पोखरकर ने अमरावती संभाग के झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेनेवाले व्यापारी फर्मो, ठेकेदारों पर धारा 122 के अनुसार कर चोरी की रकम जितना जुर्माना दो माह के भीतर वसूल के करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अमरावती संभाग को 1800 करोड का जीएसटी का लक्ष्य राज्य आयुक्त आशीष कुमार शर्मा ने दिया है. पोखरकर द्बारा कार्यभार स्वीकार करने के बाद अमरावती के 5 जिलों में राजस्व वसूली 1215 करोड तक जा पहुंची थी.





