विधान भवन मारपीट मामले में एफआईआर दर्ज, 2 गिरफ्तार

लॉबी में भिड गए थे पडलकर व आव्हाड के समर्थक

* जमकर हुई थी गालीगलौच व मारपीट
* आज विधानसभा में भी गूंजा मामला
* आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरु
* दोनों विधायकों ने जताया खेद
मुंबई/दि.18 – गत रोज विधान भवन में विधानसभा की लॉबी में भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर तथा शरद पवार गुट वाली राकांपा के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच जमकर झगडा हुआ था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है. जिसमें दोनों विधायकों के समर्थक आपस में भिडने के साथ ही गालीगलौच व हाथापाई करते दिखाई दिए. इस मारपीट की वजह यद्यपि अब तक सामने नहीं आई है. लेकिन मुंबई पुलिस ने इस मामले को लेकर आज एफआईआर दर्ज करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है. वहीं अब इस पूरे मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरु हो गई है. साथ ही साथ इस घटना के चलते पूरे राज्य में अच्छा-खासा हडकंप भी व्याप्त है. वहीं इस बीच शरद पवार गुट वाली राकांपा के समर्थको ने बीती रात मरीन ड्राइव पुलिस थाने के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायक जितेंद्र आव्हाड के साथ आए नितिन देशमुख व विधायक गोपीचंद पडलकर के साथ आए सर्जेराव टकले नामक दो अभ्यागतो के व्यवहार को सभागृह की प्रतिमा व प्रतिष्ठा मलिन करनेवाला बताते हुए उनके खिलाफ जांच कर विशेषाधिकार भंग अवमान की कार्रवाई करने हेतु यह मामला विधानसभा विशेषाधिकार समिति के सुपूर्द किया गया है और उन दोनों के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की गई है. साथ ही अध्यक्ष नार्वेकर ने उन दोनों अभ्यागतो को अपने साथ विधान भवन में लानेवाले विधायक आव्हाड व पडलकर से इस घटना को लेकर खेद व्यक्त करने एवं भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देने की गारंटी देने के लिए भी कहा.

* अब सत्रकाल के दौरान विधान मंडल में अभ्यागतो को प्रवेश नहीं
गत रोज विधान भवन के मेन पोर्च में दो सदस्यों के साथ आए अभ्यागतो के बीच हुई मारपीट की घटना का असर आज विधानसभा में भी दिखाई दिया. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि, अब विधान मंडल परिसर में अधिवेशन काल के दौरान सदन के सदस्यों, उनके स्वीय सहायकों व सरकारी कर्मचारियों को ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके अलावा अन्य सभी अभ्यागतो के लिए सत्रकाल के दौरान विधान मंडल परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. अध्यक्ष नार्वेकर का कहना रहा कि, विधान मंडल की उच्च परंपराओं का पालन करना हमारी संवैधानिक जवाबदारी है. विधान मंडल सहित सभी संस्थाए संविधान के जरिए निर्मित हुई है और विधान मंडल के सदस्य के तौर पर हम सभी विधि द्वारा स्थापित संविधान के प्रति श्रद्धा व निष्ठा रखने की शपथ लेते है. ऐसे में हम सभी ने अपने संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति सजग व सचेत रहना चाहिए.
इसके साथ ही अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि, मंत्रियों द्वारा विधान भवन में अलग-अलग विषयों को लेकर बैठके आयोजित की जाती है. जिसके लिए अभ्यागतो को प्रवेश देने का निवेदन किया जाता है. लेकिन अब मंत्रियों को मंत्रालय स्थित उनके दालान में बैठक लेने हेतु सूचित किया गया है और बेहद अपवादात्मक स्थिति में अध्यक्ष व सभापति के साथ पूर्व अनुमति के बाद ही मंत्रियों को विधान मंडल में बैठक लेने और अभ्यागतो को प्रवेश देने पर विचार किया जाएगा.
* सीएम फडणवीस ने घटना को बताया शर्मनाक, व्यक्त किया संताप
गत रोज विधान भवन की लॉबी में दो विधायको के समर्थकों के बीच हुई गालिगलौच व मारपीट वाली घटना को शर्मनाक बताने के साथ ही सीएम फडणवीस ने इस घटना को लेकर अपना संताप भी व्यक्त किया. जिस समय सदन में इस घटना को लेकर राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड खेद व्यक्त कर रहे थे और उनकी ही पार्टी के विधायक जयंत पाटिल ने आव्हाड का पक्ष लेने का प्रयास किया, तो सीएम फडणवीस ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि, इस मुद्दे पर राजनीति करना बिलकुल भी योग्य नहीं है और कहीं न कहीं हम सभी ने राजनीति से परे जाकर विचार करना चाहिए. क्योंकि कल की घटना के बाद केवल पडलकर व आव्हाड की ही आलोचना नहीं हो रही, बल्कि सभी विधायकों की पूरे राज्य में आलोचना हो रही है. सीएम फडणवीस द्वारा खडे बोल सुनाए जाते ही जितेंद्र आव्हाड ने तुरंत खेद जताते हुए कहा कि, जिस समय मारपीट वाली घटना हुई तब वे मौके पर मौजूद नहीं थे और नितिन देशमुख उनके साथ विधान भवन में नहीं आए थे. लेकिन इसके बावजूद भी जो कुछ हुआ वह गलत है और वे इस पर अपना खेद जताते है.                                                            * बाहर से गुंडे बुलाकर की गई मारपीट, विपक्ष ने लगाया आरोप
इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार गुट वाली राकांपा के विधायक रोहित पवार ने कहा कि, कल चार लोगों ने महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर नेता जितेंद्र आव्हाड पर हमला करने का प्लान बनाया था. हमें व्हाट्सएप और नए ’आका’ के कार्यकर्ताओं से धमकी मिली थी. नया ’आका’ दूर से इशारा देता है और ये चार गुंडे वहां गुंडागर्दी करते हैं. इसके साथ ही शरद पवार गुट वाली राकांपा के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि, हमलावर कौन थे और किसके समर्थक थे, यह बात पूरा महाराष्ट्र जानता है. इसके बावजूद हमसे बार-बार सबूत मांगे जा रहे हैं. जबकि पूरे देश ने देखा है कि हमला किसने किया. गुंडों को विधानसभा में घुसने दिया जा रहा है, जिससे विधायकों की सुरक्षा को खतरा है. अगर विधायक विधानसभा में सुरक्षित नहीं हैं, तो हम विधायक क्यों बने रहें.
वहीं शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख व विधायक उद्धव ठाकरे ने कहा कि, अगर गुंडे विधानसभा पहुंच गए हैं, तो सीएम को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. ठाकरे ने घटना को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. विधानसभा में इस तरह का आचरण उचित नहीं है.
* विधायक पडलकर ने जताया खेद
इसी बीच इस पूरे मामले को लेकर भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने कहा कि, विधानसभा में जो कुछ हुआ, उससे मैं सचमुच दुखी हूं. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जिसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं और माफी मांगता हूं.                                                              * सत्ताधारियों की संस्कृति व मनोवृत्ति हुई उजागर
– विधायक आव्हाड की पत्नी ने व्यक्त किया संताप
इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा विधायक रोहित पवार ने आरोप लगाया था कि, उस मारपीट वाली घटना के समय पडलकर के कार्यकर्ताओं ने विधायक आव्हाड के परिवार की महिलाओं के लिए अपशब्दों व अश्लिल गालियों का प्रयोग किया था. जिसके बाद विधायक आव्हाड की पत्नी ऋता आव्हाड ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि, कई लोगों ने उनकी बेटी के साथ एक्स प्लेटफॉर्म पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गालिगलौच की है. जिससे मौजूदा सत्ताधारियों की संस्कृति व मनोवृत्ति को समझा जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, इससे पहले विधान भवन परिसर में विधायकों के परिजनों को भी इतनी आसानी से प्रवेश नहीं मिला करता था. लेकिन अब किसी भी तरह के लोग विधान भवन में पहुंच जाते है.

 

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