जल्द ही इतिहासजमा हो जाएगा पुराना रेलवे ओवर ब्रिज

प्रशासन ने लिया रेलवे उडानपुल को तोडने का निर्णय

* एहतियात के रुप में रेल्वे उड़ानपुल पर भारी वाहनों का प्रवेश किया गया बंद
* रेल्वे उड़ानपुल के तीनों ओर से लगाये गये बैरिकेट्स, केवल दुपहिया, कार व ऑटो को गुजरने की अनुमति
* बस व ट्रक जैसे वाहनों की रेल्वे उड़ान पुल पर हर ओर से आवाजाही रोकी गई
* रेलवे विभाग के स्ट्रक्चरल ऑडीट में रेल्वे उड़ानपुल को बताया जर्जर व खतरनाक
* सार्वजनिक लोकनिर्माण की सिफारिश पर शहर पुलिस ने रेलवे ओवर ब्रिज पर लगाया बंदोबस्त
* पुराने रेल्वे ओवर ब्रिज को तोड़कर उसी जगह बनाया जायेगा नया उड़ानपुल
अमरावती/दि. 24 – शहर के बीचोंबीच राजकमल चौक व जयस्तंभ चौक से रेल्वे स्टेशन व हमालपुरा की ओर आवाजाही का मुख्य साधन रहनेवाले रेल्वे ओवरब्रिज पर बीती शाम अचानक ही शहर पुलिस द्वारा बैरिकेटिंग करते हुए इस उडानपुल पर बस व ट्रक जैसे मध्यम व भारी वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया. साथ ही केवल दुपहिया वाहन सहित कार व ऑटो जैसे हलके वाहनों को ही इस उडानपुल से आवाजाही की अनुमति दी गई. साथ ही साथ इस उडानपुल के दोनों ओर पुलिस बंदोबस्त भी लगा दिया गया. इसके साथ ही शहर पुलिस आयुक्तालय ने बाकायदा एक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि, सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के सक्षम प्राधिकरण रहनेवाले बीएन्डसी ने रेलवे द्वारा किए गए स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर इस पुराने रेल्वे ओवरब्रिज को जर्जर घोषित करने के साथ ही मध्यम व भारी वाहनों की आवाजाही के लिहाज से खतरनाक घोषित किया है, जिसके चलते कई दशक पुराने हो चुके इस रेल्वे ओवरब्रिज को तोड़कर उसके स्थान पर नया रेल्वेओवर ब्रिज बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए इस रेल्वे ओवरब्रिज को आवाजाही के लिहाज से बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया कि, अमरावती शहर के बीचोंबीच विगत पांच दशकों से अधिक समय से मौजूद रेलवे पुल अब कालातीत होकर इतिहास में जमा होने जा रहा है.
बता दें कि, राजकमल से रेल्वे स्टेशन की ओर आनेवाले रेल्वे ओवर ब्रिज का निर्माण सन् 1963 में हुआ था और इसका निर्माण हुए 60 वर्ष से अधिक समय हो चुका है, जिसके चलते इस उड़ान पुल का आयुर्मान खत्म हो चुका है, अतः इसे गिरा दिया जाना चाहिए, ऐसी अनुशंसा खुद रेल्वे विभाग ने इस ओवरब्रिज का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने के बाद अपनी रिपोर्ट में की है, साथ ही इस बारे में रेल्वे एवं लोकनिर्माण विभाग के बीच आवश्यक पत्रव्यवहार भी हुआ है. जिसके उपरांत लोकनिर्माण विभाग के निवेदन पर शहर पुलिस ने बीती शाम से इस उडानपुल पर मध्यम व भारी वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है और पर्यायी रास्तों के प्रयोग को लेकर अस्थायी अधिसूचना भी जारी की है.
ज्ञात रहे कि, अमरावती शहर के बीचोबीच स्थित अमरावती रेलवे स्टेशन और यहां से बडनेरा की ओर जाने हेतु डाली गई रेल लाईन के चलते अमरावती शहर दो हिस्सो में बटा हुआ है. रेलवे स्टेशन के एक ओर राजकमल चौक व जयस्तंभ चौक जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र है. वहीं दूसरी ओर हमालपुरा, कांग्रेस नगर व रुक्मिणी नगर जैसे रिहायशी इलाके है. शहर के इन दोनों हिस्सों को आपस में जोडने हेतु रेलवे लाईन के उपर से होते हुए सन 1963 में सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग व रेल विभाग द्वारा रेलवे ओवरब्रिज क्रमांक 671-1415 का निर्माण किया गया था. जिसका निर्माण हुए अब लगभग 63 वर्ष हो चुके है. इस रेलवे उडानपुल का हाल ही में रेल विभाग एवं सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग द्वारा संयुक्त रुप से स्ट्रक्चरल ऑडिट किया गया. जिसमें पाया गया कि, रेलवे लाईन के ठीक उपर इस ओवरब्रिज के स्टील गर्डर्स को जंग लग गई है. साथ ही डेक स्लैब में कई स्थानों पर फ्लेक्सरल व शिअर क्रैकिंग तथा डेक स्लैब सहित स्टील गर्डर्स को आधार देनेवाले एब्टेमेंट में दरारे पड गई है. जिसके चलते अब यह रेलवे उडानपुल जर्जर होने के साथ ही भारी वाहनों की आवाजाही के लिए खतरनाक हो गया है और यदि इसके बावजूद इस उडानपुल का भारी वाहनों की आवाजाही के लिए प्रयोग जारी रखा जाता है, तो कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग ने रेलवे विभाग की अनुशंसा पर अमरावती शहर पुलिस को इस बारे में सूचित किया. जिसके चलते अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय तुरंत ही एक अधिसूचना जारी करते हुए राजकमल चौक से रेलवे स्टेशन की ओर आनेवाले रेलवे उडानपुल को सभी तरह के मालवाहक वाहनों सहित 407 मिनीडोर, ट्रक, टिप्पर, मिनी ट्रक जैसे सभी छोटे-बडे मालवाहक वाहनों सहित सभी तरह की बसों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया. साथ ही सहायक पुलिस आयुक्त संजय खताले द्वारा इस उडानपुल सेे दुपहिया, कार व ऑटो जैसे वाहनों को आवाजाही की अनुमति देते हुए अन्य वाहनों को आवाजाही के लिए पर्यायी मार्गों का प्रयोग करने के संदर्भ में अस्थाई अधिसूचना जारी की गई है.
* ऐसा है आदेश
23 जुलाई को रात 8 बजे से अमरावती शहर में अमरावती-बडनेरा रेलवे मार्ग पर राजकमल चौक, हमालपुरा, जयस्तंभ चौक व रेलवे स्टेशन चौक जैसे मार्गों को जोडनेवाले रेलवे उडानपुल पर सभी तरह के मालवाहक तथा हलके व भारी वाहन (टाटा 407, मिनीडोर, ट्रक, टिप्पर, मिनी ट्रक व अन्य छोटे मालवाहक वाहन) तथा सभी तरह की बसों के लिए अगले आदेश तक प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. इस आदेश पर 23 जुलाई की रात 8 बजे से ही अमल किया जा रहा है.
* इन पर्यायी मार्गो का करना होगा अमल
हमालपुरा व एसटी बसस्थानक की ओर से आनेवाले प्रतिबंधित वाहनों को रेलवे स्टेशन से मर्चुरी टी पॉइंट होते हुए जयस्तंभ चौक व राजकमल चौक की ओर जाना होगा. इसी तरह ऐसे वाहन सीधे राजापेठ की ओर जाने के लिए मर्चुरी टी पॉइंट से आगे फ्लाईओवर का प्रयोग करते हुए सीधे राजापेठ पुलिस थाने के सामने पहुंच सकेंगे. इसी तरह राजकमल व जयस्तंभ चौक की ओर से आनेवाले वाहनों को मालवीय चौक होते हुए इर्विन चौक से बसस्थानक की ओर आना होगा.
* पिल्लरबेस्ड नए फ्लाईओवर का होगा निर्माण
इस संदर्भ में विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिस स्थान पर इस वक्त मौजूदा रेलवे ओवरब्रिज है, उसी स्थान पर भविष्य में पिल्लरबेस्ड रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जा सकता है. ज्ञात रहे कि, इस समय अस्तित्व में रहनेवाला रेलवे ओवरब्रिज नीचे से लेकर उपर तक पूरी तरह खोस है. जिसके चलते इस रेलवे ओवरब्रिज के दोनों ओर स्थित अंबापेठ व रायली प्लॉट तथा रायली प्लॉट व नेहरु मैदान मार्केट सहित हमालपुरा व होटल टुरिस्ट परिसर जैसे इलाके एक-दूसरे से पूरी तरह कटे हुए है. ऐसे में पिल्लरबेस्ड रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण होने पर इन इलाको की आपसी कनेक्टीविटी रहेगी. साथ ही पिल्लरों के बीच वाहनों की पार्किंग के लिए जगह भी उपलब्ध रहेगी. जिससे शहर में पार्किंग की समस्या कुछ हद तक हल होगी, ऐसी उम्मीद है.
* भसीन ठेकेदार ने किया था रेलवे पुल का निर्माण, दो साल बाद ही अंबापेठ वाला हिस्सा ढहा था
बता दें कि, सन 1963 में सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग द्वारा भसीन इंजीनियर नामक ठेकेदार के जरिए इस रेलवे उडानपुल का निर्माण करवाया गया था. इस पुल के निर्माण में नीव से लेकर उपरी दो पदरी रास्ते तक चौकोन काले पत्थरों का प्रयोग किया गया था और बीच में रेती-मिट्टी व गिट्टी की भरती भरी गई थी. परंतु निर्माण के दो वर्ष बाद ही इस रेलवे उडानपुल का अंबापेठ की ओर रहनेवाला हिस्सा अचानक ही ढह गया था. जिसके चलते भसीन इंजीनियर के जरिए ही उस हिस्से की दुरुस्ती करते हुए उसे सीमेंट की सपाट दीवार के तौर पर बनाया गया था. यही वजह है कि, उडानपुल के अन्य हिस्सों की तुलना में अंबापेठ की ओर वाला उडानपुल का हिस्सा थोडा अलग दिखाई देता है.
* हमालपुरा, अंबापेठ, रायली प्लॉट व रेलवे स्टेशन की ओर उतरने के लिए थी सीढियां
उल्लेखनीय यह भी है कि, इस उडानपुल के दोनों ओर फुटपाथ का निर्माण करने के साथ ही चार स्थानों पर उडानपुल से नीचे उतरने के लिए सीढियां भी बनाई गई थी. जिनके जरिए उडानपुल से हमालपुरा (दत्त मंदिर), अंबापेठ (राम मंदिर), रायली प्लॉट व रेलवे स्टेशन की ओर जाया जा सकता था. हालांकि कालांतर में इन सीढियों के पूरी तरह से जर्जर हो जाने के चलते उन्हें तोड दिया गया और रेलवे पुल से सीढी के लिए खुलनेवाली जगह को साईड कॉलम लगाकर बंद कर दिया गया था.

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