आखिर शहर में कहां से आ रही ‘म्याऊं-म्याऊं’?

दो माह में 251 ग्राम एमडी ड्रग की खेप जब्त

* ड्रग तस्करी का मुख्य सूत्रधार अब तक पकड से बाहर
* ‘मिस्टर इंडिया’ बना हुआ है ड्रग तस्करी का मास्टर माइंड
* ‘सफेद चावल’ के नाम से शहर में जमकर बिक रही ड्रग्ज
अमरावती/दि.25 – विगत कुछ समय से अमरावती शहर में एमडी ड्रग्ज की धडल्ले के साथ तस्करी व विक्री हो रही है और ‘म्याऊं-म्याऊं’ के तौर पर विख्यात रहनेवाली मेफोड्रीन यानि एमडी ड्रग्ज के नशे की गिरफ्त में शहर के युवा बडी तेजी के साथ आ रहे है. जिन तक ‘सफेद चावल’ का कोडवर्ड रहनेवाली एमडी ड्रग की खेप को पहुंचाने के लिए ड्रग पेडलरों व तस्करों का पूरा नेटवर्क काम कर रहा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए शहर पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया ने शहर पुलिस के सभी थानो को एमडी ड्रग तस्करों के खिलाफ जबरदस्त अभियान छेडने के लिए सक्त दिशानिर्देश जारी किए है. जिसके चलते विगत दो माह से अमरावती शहर पुलिस ने ड्रग तस्करों के खिलाफ सघन अभियान छेडते हुए इस दौरान ड्रग तस्करी के मामले में लिप्त 10 आरोपियों को धर दबोचा. जिनके पास से करीब 251 ग्राम एमडी ड्रग की खेप जब्त की गई. ऐसे में सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर इतने बडे पैमाने पर अमरावती शहर में एमडी ड्रग्ज की खेप कहां से आ रही है. क्योंकि ड्रग तस्करी के पीछे रहनेवाला मुख्य सूत्रधार अब तक पुलिस की पकड में नहीं आया है और अमरावती में ड्रग तस्करी का ‘मास्टर माइंड’ रहनेवाला व्यक्ति इस समय अमरावती शहर पुलिस के लिए ‘मिस्टर इंडिया’ बना हुआ है. जिसे ढूंढ निकालना पुलिस के लिए इस समय की सबसे बडी चुनौती है.
उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ वर्षों से अमरावती शहर सहित जिले में नशे का सामान रहनेवाले मादक पदार्थों का चलन काफी अधिक बढ गया है और युवा वर्ग तेजी से नशे के अलग-अलग साधनों का प्रयोग करने लगा है. यहां तक की कई किशोरवयीन लडकियों व युवतियों में भी एमडी ड्रग की व्यसनाधिनता रहने के मामले सामने आए है. नशे की गिरफ्त में रहनेवाले ऐसे सभी लोगों तक नशे का सामान पहुंचाने के लिए शहर में चोरी-छिपे मार्ग से बडे पैमाने पर गांजा व ड्रग्ज की धडल्ले के साथ विक्री हो रही है. जिसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए अमरावती शहर पुलिस ने गत वर्ष भी अलग-अलग समय पर गांजे व एमडी ड्रग्ज की खेप को जब्त किया था. लेकिन इसके बावजूद अमरावती शहर में एमडी ड्रग की विक्री अब भी बडे धडल्ले साथ चल रही है. यही वजह है कि, राकांपा नेता व विधायक संजय खोडके ने राज्य विधान मंडल के पावस सत्र दौरान अमरावती में होनेवाली ड्रग तस्करी का मुद्दा बडे प्रभावी तरीके से उठाया था. जिसके चलते शहर पुलिस ने एमडी ड्रग तस्करों पर ध्यान केंद्रीत करते हुए उनकी धरपकड करनी शुरु की और विगत दो माह के दौरान 10 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके पास से करीब 251 ग्राम एमडी ड्रग की खेप जब्त की गई. जिसका बाजार मूल्य लाखों रुपए बताया गया है.
बता दें कि, अब तक ‘म्याऊं-म्याऊं’ के नाम से परिचित रहनेवाली एमडी ड्रग को अमरावती शहर में ड्रग तस्करों व ड्रग पेडलरों ने ‘सफेद चावल’ का नया नाम दिया था. अब तक यह कोडवर्ड केवल ड्रग की खरीदी एवं विक्री करनेवालों को ही पता हुआ करता था. परंतु अब यह कोडवर्ड पुलिस को भी पता चल गया है. जिसके चलते ड्रग तस्कर काफी सावधान व सतर्क हो गए है और वे ड्रग्ज की खरीदी व सप्लाय करने के काम में अपने व्यक्तिगत मोबाइल का भी प्रयोग नहीं करते. यह बात गत रोज उस समय उजागर हुई, जब इससे पहले ड्रग सप्लाय के मामले में पकडे गए अब्दुल फहीम के भाई अब्दुल नदीम को नागपुरी गेट पुलिस ने पकडा और पता चला कि, मोबाइल सीमकार्ड डिस्ट्रीब्युटर रहनेवाले अब्दुल नदीम ने अपने भाई अब्दुल फहीम को एक बेनामी सीमकार्ड दे रखा था. जिसका अब्दुल फहीम ड्रग की खेप मंगवाने और ड्रग की खेप की सप्लाय करने के काम हेतु अलग-अलग मोबाइल हैंडसेट के जरिए प्रयोग किया करता था और उसने इस काम में अपने व्यक्तिगत मोबाइल का एक बार भी प्रयोग नहीं किया था.
यहां यह भी उल्लेखित किया जा सकता है कि, एमडी ड्रग्ज की विक्री के व्यवसाय में अच्छा-खासा पैसा मिलने के चलते कई नवयुवक इस व्यवसाय में उतर आए है. साथ ही साथ इस व्यवसाय के साथ कुछ नवयुवतियां भी जुड गई है. यह बात उस समय उजागर हुई थी, जब सौंदर्य प्रसाधन के तौर पर प्रयुक्त होनेवाले टैल्कम पाऊडर के डिब्बे से एमडी ड्रग की तस्करी होने की जानकारी सामने आई थी. यहां यह भी याद दिलाया जा सकता है कि, विगत एक माह के दौरान अमरावती शहर पुलिस ने सरकारी विश्राम गृह के सामने एक युवक को 25 ग्राम एमडी ड्रग के साथ पकडा था. जिसके बाद गाडगे नगर पुलिस थाना क्षेत्र में दो युवकों को गिरफ्तार कर उनके पास से 31 ग्राम एमडी ड्रग धरी गई थी. साथ ही नागपुरी गेट पुलिस ने एक पूर्व पार्षद के बेटे सहित कुल दो लोगों को 76 ग्राम एमडी ड्रग की खेप के साथ हिरासत में लिया था. वहीं अपराध शाखा के दल ने ड्रग डिलिवरी करनेवाले दो लोगों को 110 ग्राम एमडी ड्रग की खेप के साथ पकडने में सफलता हासिल की थी. वहीं विगत बुधवार को एक युवक 9 ग्राम एमडी ड्रग के साथ पकडा गया. इस तरह से विगत दो माह के दौरान शहर पुलिस ने 10 आरोपियों को हिरासत में लेते हुए कुल 251 ग्राम एमडी ड्रग की खेप जब्त की.
हालांकि शहर पुलिस द्वारा विगत दो माह के दौरान ड्रग तस्करी के मामलो में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के बावजूद यह कहा जा सकता है कि, ड्रग तस्करी के मामले में शहर पुलिस के हाथ अब तक एक भी ‘बडी मछली’ नहीं लगी है, बल्कि पकडे गए सभी आरोपी ‘लोकल प्यादे’ है. करीब 5 हजार रुपए प्रति ग्राम की कीमत रहनेवाले एमडी ड्रग के केवल कुछ छिटपूट व चिल्लर विक्रेता ही इस समय पुलिस के हाथ लगे है. जबकि जानकारी के मुताबिक शहर के पश्चिमी क्षेत्र में मुंबई के भिवंडी परिसर से दो किलो एमडी ड्रग का पार्सल बुलाया जाता है. जिसकी कुछ ग्राम वाली छोटी पुडियां तैयार कर उन्हें छिटपूट व चिल्लर विक्रेताओं के जरिए सप्लाय किया जाता है. ऐसे में मुंबई से ड्रग्ज की खेप मंगवाकर उसकी पेडलरों के जरिए सप्लाय करनेवाली पश्चिमी क्षेत्र की तीन बडी मछलियों तक पहुंचना पुलिस के लिए बेहद जरुरी हो चला है. लेकिन पुलिस के हाथ अब तक उन बडी मछलियों के गिरेबान तक नहीं पहुंच पाए है. यहां यह याद दिलाया जा सकता है कि, विगत 6 जुलाई को पाटीपुरा परिसर में रहनेवाले इमरान खान उर्फ इम्मू को नागपुरी गेट पुलिस ने 76 ग्राम एमडी ड्रग की खेप के साथ पकडा था. जिसे सप्लाय के लिए अब्दुल फहीम अब्दुल रफीक ने ड्रग की खेप दी थी. परंतु अब्दुल फहीम को ड्रग की खेप किसने दी, यह अब तक पता नहीं चल पाया है. जिसके चलते ड्रग तस्करी का मुख्य मास्टर माइंड रहनेवाले व्यक्ति का नाम अब तक सामने नहीं आ पाया है और यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि, 5 हजार रुपए प्रति ग्राम के दाम रहनेवाले ‘सफेद चावल’ की खेप आखिर कहां से आ रही है और कौन पूरे शहर में ‘म्याऊं-म्याऊं’ का जाल फैला रहा है.

Back to top button