बाघ के हमले में मृत युवक के अवशेष मिले

बारुखेडा के जंगल से बरामद हुई खोपडी व हड्डियां

* कपडों के जरिए हुई रामसिंह मावस्कर के शव की शिनाख्त
* 18 जुलाई को रानीगांव गोलाई के जंगल में लापता हुआ था रामसिंह
* रामसिंह के साथ मौजूद दूसरे चरवाहे ने जैसे-तैसे बचाई थी अपनी जान
* दूसरे चरवाहे को हिवरखेड के जंगल से खोजा गया, घटनास्थल पर मिले बाघ के फुटप्रिंट
धारणी/दि.26 – विगत 18 जुलाई को धारणी तहसील में वाण व कंजोली फॉरेस्ट रेंज अंतर्गत रानीगांव गोलाई के जंगल में पट्टेदार बाघ द्वारा रामसिंह रामचंद मावस्कर नामक 35 वर्षीय चरवाहे का शिकार किया गया था. जिसके बाद उक्त चरवाहे के शव को बाघ अपने साथ जंगल में खिंचकर ले गया था. जिसके अवशेषों को करीब 10 दिन चले खोज अभियान के बाद वन एवं पुलिस विभाग के पथक ने गोलाई-तलाई परिसर स्थित बारुखेडा के जंगल से बरामद किया है.
खास बात यह रही कि, जिस समय रामसिंह पर बाघ ने हमला किया था, तब उसका एक साथीदार भी उसके साथ था. जो बाघ द्वारा हमला किए जाते ही पास में स्थित पेड पर चढ गया था और बाद में जंगल के भीतर भाग गया था. उसे भी वन विभाग के दल ने खोज निकाला है. जो हिवरखेड के जंगल में वन एवं पुलिस विभाग के दल को मिला. जिसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारी बारुखेडा के जंगल में उस जगह पर पहुंचे. जहां पर बाघ ने रामसिंह का शिकार किया था. उस जगह पर रामसिंह की खोपडी सहित हाथ-पांव की कुछ हड्डियां बरामद हुई. साथ ही घटनास्थल पर रामसिंह के फटे हुए कपडे भी पडे थे. जिसके आधार पर रामसिंह के शव की शिनाख्त हुई और उसके हिवरखेड के जंगलशरीर के अवशेषों को बरामद किया गया. इस समय घटनास्थल पर पट्टेदार बाघ के फुटप्रिंट यानि पग चिन्ह भी पाए गए.
बता दें कि, झिल्पी गांव में रहनेवाला रामसिंह मावस्कर नामक युवक सालई गांव में रहनेवाले अपने एक साथीदार के साथ शुक्रवार 18 जुलाई को शाम के समय वाण व कंजोली रेंज से अपने जानवर लेकर जा रहा था. यह परिसर घने जंगल वाला क्षेत्र है और रास्ते में पडनेवाले रानीगांव गोलाई के जंगल परिसर में अचानक ही एक पट्टेदार बाघ ने रामसिंह मावस्कर पर हमला करते हुए उसका शिकार किया. इस समय रामसिंह के साथ मौजूद उसका साथीदार जान बचाने के लिए पेड पर चढने के साथ ही कुछ देर बार जंगल के भीतर भाग निकला. वहीं इस बात की जानकारी गांववासियों ने अगले दिन क्षेत्र के विधायक केवलराम काले तथा पूर्व विधायक राजकुमार पटेल व भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभुदास भिलावेकर को दी. साथ ही साथ धारणी के पुलिस निरीक्षक अवतारसिंह चव्हाण व वन विभाग को भी इस बारे में अवगत कराया गया. जिसके बाद पुलिस एवं वन विभाग के दलो ने रानीगांव गोलाई के जंगल में लापता रहनेवाले दोनों युवकों को खोजने हेतु सघन अभियान शुरु किया. जिसमें दोनों युवकों के परिजनों व रिश्तेदारों सहित गांववासी भी सहायता कर रहे थे. करीब 10 दिन चले इस अभियान के बाद अब बारुखेडा जंगल परिसर से रामसिंह मावस्कर के शव के अवशेष बरामद हुए है. साथ ही 10 दिन बाद रामसिंह मावस्कर का साथीदार हिवरखेड के जंगल परिसर से खोजा जा सका है. जिसकी निशानदेही पर ही पुलिस एवं वन विभाग के दल रामसिंह मावस्कर के शव तक पहुंच पाए. जिसके बाद इस बात की पुष्टि हुई कि, रामसिंह मावस्कर की मौत बाघ द्वारा शिकार किए जाने के चलते ही हुई थी. इसके उपरांत आज 26 जुलाई को तमाम कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए, मृतक रामसिंह मावस्कर के अवशेषों को अंतिम संस्कार हेतु उसके रिश्तेदारों के सुपूर्द किया गया.


* विधायक काले तथा पूर्व विधायक पटेल व भिलावेकर ने सरकारी सहायता हेतु उठाई मांग
चरवाहे का काम करनेवाले रामसिंह मावस्कर नामक आदिवासी युवक की मौत बाघ द्वारा किए गए हमले में होने की बात स्पष्ट होते ही क्षेत्र के विधायक केवलराम काले तथा पूर्व विधायक राजकुमार पटेल व भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभुदास भिलावेकर ने मावस्कर परिवार को तुरंत ऐसे मामलो के लिए निर्धारित सरकारी सहायता राशि दिए जाने की मांग उठाई. खास बात यह भी रही कि, रामसिंह मावस्कर की खोज हेतु जब पुलिस एवं वन विभाग का दल बारुखेडा के घने जंगल में गया था, तब क्षेत्र के पूर्व विधायक राजकुमार पटेल भी इस दल के साथ बारुखेडा के जंगल में गए थे और उनके समक्ष ही पुलिस पथक ने रामसिंह मावस्कर की खोपडी व हड्डियों सहित उसके कपडे व टॉर्च जैसी वस्तुओं को बरामद किया था.

* सबसे पहले ‘अमरावती मंडल’ ने ही प्रकाशित की थी खबर
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत 18 जुलाई को रामसिंह मावस्कर नामक चरवाहे के रानीगांव गोलाई के जंगल में लापता हो जाने तथा उसका बाघ द्वारा शिकार कर लिए जाने की खबर सबसे पहले अमरावती मंडल ने ही 19 जुलाई को प्रकाशित की थी और आज 10 दिन बाद अमरावती मंडल की खबर पूरी तरह से सही साबित हुई.

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