चरकाचार्य चिकित्सा जगत के भीष्म पितामह

प्राचार्य श्यामसुंदर भुतडा का कथन

अमरावती/दि.30 -त्रिदोष पर आधारित तथा औषधोपचार द्वारा चिकित्सा करने की जानकारी और तकनीक महर्षि चरकाचार्य ने विकसित की. उन्हें चिकित्सा जगत के भीष्म पिता के रूप में संबोधित किया जाता है, यह बात प्राचार्य डॉ. श्यामसुंदर भुतडा ने व्यक्त की. पी.आर.पोटे पाटिल कॉलेज ऑफ मेडिकल सायन्सेस आयुर्वेद के सहिंता विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वे बोल रहे थे. कार्यक्रम का संचालन वैद्य प्रगति वाजीरे ने किया तथा आभार नीलिमा जैन ने माना. इस अवसर पर डॉ. ओवी शिंदे, डॉ. मेघा गौरखेडे, डॉ. चरणदास गाडेकर, डॉ. मनोदय मोहोड, डॉ. स्वाती धामणीकर, डॉ. चैतन्य कावलकर, डॉ. अपेक्षा मोरे, डॉ. गौरव खवले, डॉ. अनिरूद्ध भोपले, डॉ. हेमलता माहोरे, डॉ. अंकिता कोरडे, डॉ. पारूल नांदगांवकर, डॉ. सोनाली ठाकरे, डॉ. भारती बिरे, डॉ. स्वाति सावरकर, डॉ. भैरवी देशमुख, डॉ. अश्विनी वाणी, डॉ. शैलेंद्रदत्त मिश्रा आदि उपस्थित थे.

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