मुन्शी प्रेमचंद सही मायने कलम के सिपाही थे : प्राचार्य भांगडिया

के. एल. कॉलेज में प्रेमचंद जयंती मनाई

* सडक के किनारे रोपे पांच नीम के पौधे
अमरावती/दि.2 – स्थानीय श्रीमती केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय अमरावती में 31 जुलाई गुरुवार को सुबह 10 बजे हिंदी, उर्दू एवं पर्शियन विभाग ने मिलकर मुन्शी प्रेमचंद की 145 वीं जयंती मनाई. जयंती के उपलक्ष्य में तीनों विभागों द्वारा सड़क के किनारे पांच नीम के पौधे लगाए. यह पौधे प्राचार्य डॉ.विजयकुमार भांगडिया, डॉ.सतीश मोदानी, डॉ.संतोष राठोड अंग्रेजी विभाग अध्यक्ष, डॉ.रवींद्र कुमार शिरसाट हिंदी विभाग अध्यक्ष, डॉ.मो.आकिब देशमुख उर्दू विभाग अध्यक्ष, डॉ.मो.याहया जमिल पर्शियन विभाग अध्यक्ष तथा छात्रों के करकमलों से लगाए गये. उसके बाद महाविद्यालय के स्व.शंकरलाल जी राठी सभागृह में आयोजित मुन्शी प्रेमचंद जयंती समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.विजयकुमार भांगडिया ने की. उन्होंने ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि मुन्शी प्रेमचंद केवल राष्ट्रीय स्तर के या मात्र हिंदी साहित्य तक सीमित नहीं है, बल्कि साहित्य के क्षेत्र में वे अन्तरराष्ट्रीय ख्याति के लेखक है. वे सही मायने में कलम के सिपाही थे. उनकी प्रारंभिक शिक्षा फारसी में हुई थी. वे उर्दू में नवाबराय के नाम से लिखते थे. जीवन के अंत तक मुन्शी प्रेमचंद हिंदी और उर्दू साहित्य के लिए काम करते रहे. वे अपनी पत्नी के रोकटोक का जवाब देते हुए कहते कि मैं मजदूर हूँ, जिस दिन मैं न लिखूँ मुझे रोटी खाने का अधिकार नहीं. एक दर्जन से अधिक उपन्यास, तीन सौ से अधिक कहानियाँ, नाटक, समीक्षा, लेख, भाषण आदि के माध्यम से प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य को समृध्द्ध किया. मैं उनके स्मरनमात्र से स्वयं को गौरवान्ति महसूस करता हूँ.
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ.सतीश मोदानी तथा डॉ.संतोष राठोड, साथ ही विचारमंच पर डॉ.रवींद्रकुमार शिरसाट, डॉ.मो. याहया जमिल, डॉ. मो. आकिब देशमुख, डॉ.तीर्थराज राय उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से की गई. डॉ.रवींद्रकुमार शिरसाट ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी. डॉ.सतीश मोदानी एवं डॉ.संतोष राठोड़ ने क्रमशः मुन्शी प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं साहित्य पर रोशनी डाली. वही कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य जयंती के उपलक्ष्य में छात्रों को सभागृह में प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी ‘ईदगाह’ फिल्म दिखाई गई. कार्यक्रम के अंत में डॉ.तीर्थराज राय ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया. वही हिमांशी आहुजा एवं रुपाली आहूजा ने कार्यक्रम का सूत्र संभाला. तथा डॉ.याहया जमिल, डॉ. मो. आकिब देशमुख, डॉ.ज्योति भूतड़ा, डॉ.सुनील मवस्कर, डॉ.सुधा तिवारी, डॉ.अंजली मुले, डॉ.विवेक मुंदडा, डॉ.संजय रेड्डी ने कार्यक्रम का सुंदर नियोजन करके कार्यक्रम की गरीमा बढाई. डॉ.गजेन्द्र रघुवंशी, डॉ.अनिलकुमार प्रसाद डॉ.उमेशचंद्र मडावी साथ ही हिंदी, उर्दू, पर्शियन विभाग के अधिकांश छात्र, छात्राओं ने वृक्षरोपण तथा जयंती समारोह में उपास्थित रहकर सक्रिय सहभागिता की व कार्यक्रम की शोभा बढाई.
कार्यक्रम में दिलिप लाहोटी ने सभागृह की व्यवस्था संभाली. मुस्कान खान,अनामिका भारती, सेजल गोहिल ने सुंदर रंगोली निकाल कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई. इस रचनात्मक कार्यक्रम हेतु श्री गणेशदास राठी छात्रालय समिति के अध्यक्ष वसंतकुमार मालपानी, सचिव डॉ.गोविंदीजी लाहोटी ने सभी प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राओं को मुन्शी प्रेमचंद जयंती की शुभकामनाएं दीं.

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