बेसिर-पैर के आरोप लगाकर मेरी बदनामी का प्रयास
महिला विद्युत कर्मी ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप

अमरावती/दि.2 – यवतमाल जिला अंतर्गत महावितरण के नेर उपविभाग में लेखा विभाग में कार्यरत महिला कर्मी ने आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में आरोप लगाया कि, उनकी टीम कार्यालयीन आदेशानुसार अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत विद्युत बिलों की वसूली का काम कर रही थी. उस दौरान मालखेड विद्युत वितरण केंद्र अंतर्गत शामिल गांवों में विद्युत बिलों की बकाया वसूली का काम जारी रहते समय गांव के सरपंच सुमीत खांडवे ने 17 हजार 740 रुपयों का बकाया विद्युत बिल अदा करने में टालमटोल की. साथ ही जब महावितरण की टीम ने खांडवे के घर का विद्युत कनेक्शन काटने का प्रयास किया, तो सुमीत खांडवे ने उक्त महिला विद्युत कर्मी सहित वसूल पथक में शामिल सभी लोगों के साथ गालिगलौज करते हुए उन्हें देख लेने की धमकी दी. साथ ही उक्त महिला विद्युत कर्मी को जातीवाचक गालिया भी दी. इसके साथ ही जब अपना काम निपटाने के बाद वसूली पथक एक ढाबे पर बैठकर भोजन करते हुए व्यक्तिगत बातचीत कर रहा था, तो सुमीत खांडवे ने उस बातचीत की वीडियो शुटिंग करते हुए उससे यह कहकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया कि, उक्त महिला विद्युत कर्मी सहित वसूली पथक में शामिल अन्य सभी लोग ढाबे पर बैठकर शराब पी रहे थे. जबकि इस आरोप में कोई तथ्य नहीं है. लेकिन इस बेसिर-पैर के आरोप की वजह से उक्त महिला विद्युत कर्मी की सामाजिक प्रतिमा मलिन हुई है और उसे मानसिक तकलिफो का सामना भी करना पडा है.
रोशना भास्कर राऊत नामक महिला विद्युत कर्मी ने इस पत्रवार्ता में को संबोधित करते हुए उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही कहा कि, गांव के सरपंच रहनेवाले सुमीत खांडवे ने अपने प्रभाव एवं जान-पहचान का दुरुपयोग करते हुए कुछ अखबारो में इस पूरी घटना को लेकर बिल्कुल ही गलत व उलटी खबर छपवाई है. जिसमें दावा किया गया है कि, विद्युत वसूली पथक ने बकाया बिल की रकम को कम करने के लिए पैसों की मांग की थी. साथ ही वसूली अभियान के बाद इस पथक में शामिल अधिकारी व कर्मचारी एक ढाबे पर बैठकर शराब पी रहे थे. साथ ही साथ इस पथक ने हेटी गांव में रहनेवाले कुछ लोगों से अवैध वसूली भी की है. जबकि हकीकत यह है कि, वसूली पथक में शामिल किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने किसी भी विद्युत ग्राहक से पैसों को लेकर कोई अवैध मांग नहीं की. साथ ही हेटी गांव में यह वसूली पथक गया ही नहीं, बल्कि यह वसूली अभियान उत्तर वाढोणा व सोनवाढोणा गांव में ही चलाया गया था. इसके अलावा वसूली अभियान का काम पूरा होने के बाद दोपहर 3 बजे के आसपास वसूली पथक में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों ने जंगली ढाबा में बैठकर भोजन किया था. जहां पर शराब मिलती ही नहीं है. ऐसे में वहां पर बैठकर शराब पीने का सवाल ही नहीं उठता. साथ ही वसूली पथक में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों का भोजन करते समय व्यक्तिगत बातचीत का वीडियो चोरी-छिपे निकालने वाले सुमीत खांडवे ने इसकी कहीं पर भी कोई शिकायत देते हुए वसूली पथक में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों का कोई मेडीकल भी नहीं कराया. ऐसे में शराब सेवन की बात में भी कोई तथ्य नहीं है.
इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में पूरे मामले को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया कि, विगत 26 जुलाई को महावितरण के वसूली पथक ने सोनवाढोणा गांव निवासी सरपंच सुमीत खांडवे के घर सहित अन्य बकाएदार विद्युत उपभोक्ताओं के घरों पर भेंट दी थी और सभी को बकाया विद्युत बिल अदा करने के लिए कहा था अन्यथा विद्युत कनेक्शन काट दिए जाने का अल्टीमेटम दिया जा रहा था. यही प्रक्रिया जब गांव के सरपंच सुमीत खांडवे के घर पर भी दोहराई गई, तो विद्युत कनेक्शन काटे जाने की बात सुनते ही सुमीत खांडवे बुरी तरह से भडक गए और उन्होंने महावितरण के कामकाज को लचर बताते हुए वसूली पथक में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों को धमकाना शुरु किया. साथ ही लेखाधिकारी रहनेवाली महिला विद्युत कर्मी से जातीवाचक गालिगलौज भी की. जिसके बाद सरपंच सुमीत खांडवे ने इस पूरी घटना को लेकर कुछ अखबारो के जरिए बेसिर-पैर की खबरे भी प्रकाशित करवाई और व्यक्तिगत बातचीत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ प्रसारित किया गया. जिसका हकीकत से कोई लेन-देन व वास्ता नहीं था.





