मत्स्य व्यवसाय को कृषि का दर्जा मिलने से मिला प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कथन

* मोर्शी के मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय का हुआ भूमिपूजन
मोर्शी /दि.4 -राज्य सरकार मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास कर रही है. इसमें सबसे अहम निर्णय यह रहा कि मत्स्य व्यवसाय को कृषि का दर्जा दिया गया है. इस मान्यता के कारण मछली पालन करने वालों को अब कर्ज, किसान क्रेडिट कार्ड तथा अन्य लाभ प्राथमिकता से मिल पा रहे हैं, जिससे यह व्यवसाय अब एक प्रमुख क्षेत्र बन गया है. यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज मोर्शी में आयोजित कार्यक्रम में कही.
यह अवसर था मोर्शी में पश्चिम विदर्भ के पहले और राज्य के चौथे मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के भूमिपूजन समारोह का. इस अवसर पर राज्य के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, मत्स्य व्यवसाय मंत्री नितेश राणे, सांसद अनिल बोंडे, विधायक प्रताप अडसड़, केवलराम काले, उमेश यावलकर, राजेश वानखेडे, प्रवीण तायडे, चैनसुख संचेती, रामदास तडस, नवनीत राणा सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि, राज्य में मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए शासन संपूर्ण सहायता दे रहा है. कई किसान अपने खेतों में सिंचाई तालाब बनाकर उसमें मत्स्य पालन कर रहे हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय के साथ रोजगार भी प्राप्त हो रहा है. उन्होंने बताया कि विदर्भ क्षेत्र के लिए वैनगंगा-नलगंगा योजना के तहत 500 किमी लंबे जलप्रवाह से 31 बांधों को पानी मिलेगा, जिससे सिंचाई का विस्तार होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आने वाले 5 वर्षों में हर साल 5 हजार करोड़ रुपए की कृषि में निवेश कर कुल 25 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही किसानों के लिए नि:शुल्क बिजली की योजना को भी विस्तार दिया गया है. उन्होंने कहा कि पहली बार बिजली दरों में 26% तक की कमी आई है, और 100 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वालों को इसका लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बेघर नागरिकों के लिए 30 लाख घरों की योजना मंजूर हुई है, जिनमें से 5 लाख घरों पर सौर पैनल लगाए जाएंगे और अतिरिक्त ऊर्जा सरकार द्वारा खरीदी जाएगी.
सांसद अनिल बोंडे ने कार्यक्रम की प्रस्तावना में मत्स्य क्षेत्र में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी. समारोह की शुरुआत शिवाजी महाराज की प्रतिमा को अभिवादन कर की गई और कॉलेज की इमारत का भूमिपूजन तथा कोनशिला अनावरण किया गया. अंत में कुलगुरु डॉ. नितीन पाटील ने आभार व्यक्त किया.
* यह क्षण अभिमान का – बावनकुले
पालकमंत्री चंद्रशेख बावनकुले ने अपने भाषण में कहा कि मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय मोर्शी में होना यह अभिमान का क्षण है. मुख्यमंत्री ने विकसित महाराष्ट्र की नीति तय की है. दिव्यांग, किसान, मजदूर – सभी वर्गों को न्याय दिलाने की दिशा में सरकार काम कर रही है. दिव्यांगों को 2500 रुपए प्रतिमाह सहायता दी जा रही है तथा कर्जमुक्ति की आवश्यकता रहनेवालों को सहायता करने के लिए समिति गठित कर विविध निर्णय लिए जानेवाले है. प्रत्येक खेत में जाने के लिए पगडंडी मार्ग बनाए जाएंगे ताकि किसान अपने उत्पाद बाजार तक ला सकें. साथ ही आगामी समय में चिखलदरा परिसर को पर्यटन का केंद्र बिंदू मानकर विकास किया जानेवाला है साथ ही मोर्शी परिसर के संतरे पर प्रक्रिया उद्योग को गति दी जानेवाली है.
* इमारत दो साल में पूर्ण करने का प्रयास – राणे
मंत्री नितेश राणे ने कहा कि मोर्शी महाविद्यालय की इमारत आगामी दो वर्षों में पूर्ण की जाएगी. इस महाविद्यालय के कारण मछुआरों के अच्छे दिन आएंगे और वे आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ समृध्दी भी आएगी. मत्स्य को कृषि का दर्जा देने से अनेक सुविधा का लाभ होनेवाला है. आगामी समय में मिठे पानी के मछुआरों को भी महत्व दिया जानेवाला है. साथ ही मत्स्य व्यवसाय में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में मार्वेल कंपनी से करार हुआ है जिससे मछुआरों के जीवन में बदलाव लाए जा सकेंगे, ऐसा भी नितेश राणे ने कहा.





