राज ठाकरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील
कोर्ट के आदेश के बाद जनहित याचिका वापस

नई दिल्ली/दि.4-पिछले कुछ महीनों से मुंबई में हिंदी और मराठी भाषा को लेकर बहस चल रही है. सोशल मीडिया पर यह बात सामने आई थी कि मनसे पदाधिकारी कुछ हिंदी भाषी या अमराठी व्यापारियों या मराठी न बोलने वालों की पिटाई कर रहे हैं. इसी बीच, मराठी के मुद्दे पर सम्मेलन लेने के बाद ठाकरे बंधुओं द्वारा दिए गए भाषण पर आपत्ति जताते हुए राज ठाकरे के खिलाफ अदालत में एक याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई और अदालत ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई है. मुख्य न्यायाधीश (सुप्रीम कोर्ट) ने याचिकाकर्ता से पूछा, क्या हाईकोर्ट छुट्टी पर है?
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर आज मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई और के. विनोद की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज ठाकरे के खिलाफ याचिका हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की छूट देते हुए याचिका वापस लेने का सुझाव दिया है. इसके बाद, जानकारी है कि याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ले ली है.
मनसे प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए अदालत में एक जनहित याचिका (पीआयएल) दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज ठाकरे के भाषण ने महाराष्ट्र के हिंदी भाषी नागरिकों के खिलाफ हिंसा भडकाई और भाषाई घृणा फैलाई. यह याचिका मुंबई उच्च न्यायालय के वकील घनश्याम उपाध्याय ने शुक्रवार, 18 जून को दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस पर सुनवाई की. इसमें याचिकाकर्ता को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है.
* राज ठाकरे ने लिया सम्मेलन
आगामी महापालिका चुनावों की पृष्ठभूमि में राज ठाकरे आज मुंबई में पार्टी पदाधिकारियों का सम्मेलन आयोजित किया. इस समय हुई बैठक में मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया. इसलिए केवल संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही उपस्थित थे. उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनावी की पृष्ठभूमि पर काम पर जुटने के निर्देश व आवश्यक सूचनाएं दी.





