लाल किले पर भगवा फहराने के लिए काम करो
संभाजी भिडे का बयान घिरा विवाद में

* सर्वधर्म समभाव को बताया नपुंसकता
नाशिक/दि.5 – अपने बयानों व भाषणों के चलते हमेशा ही विवादों में घिरे रहनेवाले शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्थान के मुखिया संभाजी भिडे एक बार फिर अपने एक बयान को लेकर चर्चा एवं विवादों में घिरते नजर आ रहे है. इस बार संभाजी भिडे ने सर्वधर्म समभाव को नपुंसकता संबोधित करते हुए कहा है कि, अब हम सभी ने लाल किले पर भगवा झंडा फहराने के लिए काम करना चाहिए.
नाशिक में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संभाजी भिडे ने कहा कि, देश को आजादी मिलते समय राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर तिरंगा झंडा स्वीकार किया गया था. अत: तिरंगा ध्वज व संविधान का सम्मान तो होना ही चाहिए. लेकिन हजारों वर्षों से भगवा ध्वज हमारे देश की पहचान रहा है. ऐसे में हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए तिरंगा झंडा तो फहराएंगे. लेकिन दिल्ली के लाल किले पर भगवा झंडा फहराने के लिए भी काम करते रहेंगे.
इसके साथ ही संभाजी भिडे ने अपने द्वारा लगाए गए आम के पेड का आम खाने से संतान होने वाले अपने बयान को दोबारा दोहराया और कहा कि, भले ही उस बयान को लेकर उनके खिलाफ अदालत में मुकदमा चल रहा है. लेकिन वे आज भी अपने उस बयान पर कायम है. उन्होंने अपने खेत में आम का एक पेड लगाया है. जिस पर लगनेवाले फलों का सेवन कर निसंतान दंपति आज भी उनके बयान की पुष्टि कर सकते है.
इसके अलावा संभाजी भिडे गुरुजी ने छत्रपति संभाजी महाराज को छत्रपति शिवाजी महाराज के बराबर दर्जेवाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि, यदि छत्रपति संभाजी महाराज को उनकी सौतेली मां सोयराबाई व पत्नी के भाई गणोजी शिर्के ने दगा नहीं दिया होता, तो आज देश का इतिहास कुछ अलग रहा होता. इसके साथ ही संभाजी भिडे ने यह दावा भी किया कि, खग्रास ग्रहण काल के दौरान यदि कोई व्यक्ति किसी मंत्र का जाप करता है, तो उसे उस मंत्र की शक्ति जन्मजन्मांतर के लिए प्राप्त होती है.





