‘उस’ महिला पुलिस को मारने का दो बार हुआ था प्रयास
दोपहर में पहला प्रयास हुआ था नाकाम, शाम में दुबारा किया गया ट्राय

* दूसरे प्रयास में महिला सिपाही को गला घोंटकर उतारा गया मौत के घाट
* पुलिस कर्मी पति की प्रेमिका भी चढी पुलिस के हत्थे
* वारदात में शामिल एक अन्य आरोपी धरा गया वाशिम से
* आशा धुले हत्याकांड में कुल आरोपियों की संख्या हुई पांच
* पति ने ही 5 लाख रुपयों में दी थी पत्नी को मारने की सुपारी
* आरोपियों ने गांजा खींचते हुए बनाया था हत्या का प्लान
* शराब के नशे में वारदात को दिया गया था अंजाम
अमरावती/दि.5 – स्थानीय फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में कार्यरत रहनेवाली महिला पुलिस कर्मी आशा धुले को मौत के घाट उतारने की सुपारी लेनेवाले दो आरोपियों को अपराध शाखा यूनिट-2 के पथक ने जहां गत रोज माहुली जहांगीर के खेत परिसर से गिरफ्तार किया था. वहीं इस वारदात में शामिल निखिल विजय टिकले (30, अर्जून नगर) को वाशिम से गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही आशा धुले के पति राहुल तायडे के साथ विवाहबाह्य प्रेमसंबंध में रहनेवाली श्यामली (28) नामक विवाहिता को भी पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया है. जिस पर आरोप है कि, उसने ही राहुल तायडे को आशा धुले की हत्या करने के लिए उकसाया था. इसके साथ ही अब यह जानकारी भी सामने आई है कि, राहुल तायडे ने अपने गंजेडी दोस्तों के साथ मिलकर अपनी पत्नी आशा धुले को मौत के घाट उतारने का प्लान बनाया था. साथ ही वारदात वाले दिन श्रेयस व ओम नामक दोनों आरोपियों ने दो बार आशा धुले को मारने का प्रयास किया था. जिसमें से दोपहर डेढ बजे के आसपास किया गया पहला प्रयास नाकाम रहा था. ऐसे में दोपहर बाद शराब पीने के बाद दोनों आरोपी शाम सवा पांच बजे के आसपास दूसरी बार गुरुकृपा कॉलोनी में पहुंचे थे और इस बार उन्होंने राहुल तायडे के घर में घुसकर बेडरुम में सो रही उसकी पत्नी आशा धुले का गला घोटते हुए उसे मौत के घाट उतारा था. इस समय निखिल टिकले नामक तीसरा आरोपी कुछ ही दूरी पर अपनी कार लेकर खडा था. वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी सीधे निखिल टिकले के पास पहुंचे थे और फिर वहां से तीनों लोग शेगांव भाग गए थे. खास बात यह थी कि, इस वारदात के घटित होते समय राहुल तायडे अपने घर के पीछे ही मौजूद था और जैसे ही उसे यह अंदाजा हुआ कि, उसके दोनों साथी उसकी पत्नी को मौत के घाट उतारकर वहां से भागे है, तो उसके बाद उसने अपने घर पहुंचकर शोरशराबा करते हुए घर में अपनी पत्नी की हत्या होने और चोरी हो जाने की बात कहनी शुरु की थी.
बता दें कि, विगत 1 अगस्त की शाम वडाली परिसर में गुरुकृपा कॉलोनी में रहनेवाली महिला पुलिस कर्मी आशा धुले की उसके ही निवासस्थान पर संदेहास्पद रुप से मौत हुई थी और आशा धुले का शव नीचे फर्श पर पडा मिला था. इस मामले की बडी तेजी के साथ जांच करते हुए फ्रेजरपुरा पुलिस व क्राईम ब्रांच के दल ने अगले 24 घंटे के भीतर ही यानि 2 अगस्त को आशा धुले के पति राहुल तायडे को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पूरे मामले का पर्दाफाश होते हुए यह जानकारी सामने आई थी कि, राहुल तायडे ने ही श्रेयस संजय महल्ले (25, महारुद्र कॉलोनी, अर्जून नगर) व ओम मोरेश्वर शेकार (18, देशमुख लॉन के पास, राम नगर, गली नं. 1) को 5 लाख रुपयों में आशा धुले की हत्या करने की सुपारी दी थी. जिसके बाद पुलिस ने इन दोनों सुपारी किलर को गत रोज ही माहुली जहांगीर के खेत परिसर से गिरफ्तार किया था. वहीं जांच के दौरान इस हत्याकांड में निखिल टिकले नामक एक अन्य आरोपी का भी सहभाग पाया गया. जिसे पुलिस ने वाशिम से धर दबोचा. इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आई कि, एसआरपीएफ में पुलिस सिपाही के तौर पर पदस्थ रहनेवाले राहुल तायडे का विगत लंबे समय से किसी युवती के साथ विवाहबाह्य प्रेमसंबंध चल रहा था. जिसे लेकर राहुल तायडे व उसकी पत्नी के बीच आए दिन झगडा-फसाद हुआ करता था. ऐसे में राहुल तायडे ने आशा धुले से हमेशा के लिए पीछा छुडाने की सोची, ताकि वह अपनी प्रेमिका से विवाह कर सके. जिसके चलते राहुल तायडे ने पुलिस रिकॉर्ड पर रहनेवाले श्रेयस महल्ले व ओम शेकार नामक दो युवकों से परिचय बढाया और फिर उन्हें अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारने के लिए तैयार किया.
* 15 दिन पहले ही दी गई थी सुपारी
जानकारी के मुताबिक 15 दिन पहले राहुल तायडे अपने साथ श्रेयस महल्ले व ओम शेकार को शराब पीने के लिए एक बार में लेकर गया था. जहां पर राहुल ने इन दोनों को अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारने के लिए 4 से 5 लाख रुपए देने की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि, पत्नी को वह खुद यानि राहुल तायडे ही मारेगा और वे दोनों यानि श्रेयस महल्ले व ओम शेकार घर में लूटपाट जैसी स्थिति बनाते हुए वहां से भाग जाएंगे. लेकिन आगे चलकर श्रेयस महल्ले व ओम शेकार इस बात के लिए तैयार हो गए कि, वे दोनों ही आशा धुले को मौत के घाट उतारेंगे और उस समय राहुल तायडे अपने घर से बाहर रहेगा.
* निखिल के जरिए दोनों आरोपियों से हुई थी राहुल की पहचान
जानकारी यह भी सामने आई है कि, राहुल तायडे की सबसे पहले निखिल टिकले के साथ जान-पहचान हुई थी. जो अक्सर ही गांजा पीने के लिए वडाली परिसर में आया करता था और राहुल तायडे भी उसके साथ ही बैठकर गांजा पीया करता था. वहां पर श्रेयस और ओम भी गांजा पीने आया करते थे. जिनसे गांजा पीने के दौरान निखिल के जरिए राहुल तायडे का परिचय हुआ था और कुछ समय बार चारों लोग एक साथ बैठकर गांजा पीया करते थे. ऐसे में जान-पहचान थोडी और मजबूत व घनिष्ट होने पर राहुल तायडे ने उन तीनों लोगों के सामने अपनी पत्नी आशा धुले को मौत के घाट उतारने की बात रखी थी.
* ऐसे दिया गया था वारदात को अंजाम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक राहुल तायडे ने 1 अगस्त को दोपहर डेढ बजे के आसपास ही उसकी पत्नी आशा धुले को मौत के घाट उतारने का प्लान बनया था. लेकिन इस प्लान पर दोपहर की बजाए शाम के समय अमल हुआ. आशा धुले की हत्या के बाद वहां से भाग निकले श्रेयस महल्ले व ओम शेकार को कुछ ही दूरी पर अपनी कार लेकर खडे निखिल टिकले ने अपनी कार में बिठाया और फिर तीनों लोग अमरावती से निकलकर शेगांव चले गए. जहां पर अपने किसी परिचित के यहां पूरी रात बिताने के बाद तीनों लोग दूसरे दिन नांदगांव पेठ परिसर में आए. जहां से श्रेयस और ओम माहुली जहांगीर के खेत परिसर में जाकर छिप गए. वहीं निखिल टिकले तुरंत ही वाशिम के लिए रवाना हो गया.
* वारदात से पहले आरोपियों ने खरीदे थे नए कपडे
खास बात यह भी है कि, वारदात वाले दिन ओम शेकार ने सबसे पहले सुबह के वक्त एक जगह से बीयर खरीदी थी. जिसके बाद ओम और श्रेयस ने बापट चौक परिसर स्थित दुकान से नए कपडे भी खरीदे. पश्चात दोपहर 1 बजे के आसपास राहुल, श्रेयस, ओम व निखिल एक साथ कोर्ट के बगल वाली गली में इकठ्ठा हुए. जहां पर अपने प्लान को लेकर बातचीत करने के बाद राहुल के अलावा तीनों लोग वडाली की ओर गए, जहां हाईवे पर निखिल टिकले अपनी कार लेकर रुक गया. वहीं श्रेयस और ओम पैदल चलते हुए गुरुकृपा कॉलोनी स्थित आशा धुले के घर पर पहुंचे.
* दोपहर में भी हुआ था हत्या का असफल प्रयास
जानकारी यह भी मिली है कि, 1 अगस्त को दोपहर 1.30 बजे के आसपास ही श्रेयस व ओम अपने चेहरे पर सफेद रंग का दुपट्टा बांधकर गुरुकृपा कॉलोनी में पहुंचे थे. परंतु उस वक्त वहां से गुजर रहे एक पुलिस कर्मी को उन पर कुछ संदेह हुआ तो उसने उन दोनों को टोका और पूछताछ की, तो इधर-उधर की टालमटोल वाली बात करते हुए दोनों आरोपी वहां से आगे बढ गए और छिपते-छिपाते हाईवे पर पहुंच गए. जहां से वे निखिल के साथ कार में सवार होकर रहाटगांव की ओर निकल गए और तीनों ने रहाटगांव के एक बार में बैठकर शराब पी. इसके बाद शाम 5.15 बजे के आसपास ओम व श्रेयस एक बार फिर गुरुकृपा कॉलोनी परिसर में पहुंचे और उन्होंने आशा धुले को गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया. जिसके बाद वे दोनों वहां से भाग निकले. खास बात यह रही कि, आशा धुले की हत्या करने के बाद उन दोनों को वहां से भागते हुए आशा धुले के 13 वर्षीय बेटे ने देखा था.
* 5.15 बजे राहुल निकला था घर से बाहर, श्रेयस ने घोटा था आशा का गला
इस वारदात को लेकर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विगत 1 अगस्त की शाम 5.15 बजे पहले से तय प्लान के मुताबिक राहुल तायडे अपनी बेटी को लेकर अपने घर से बाहर निकला था. उस समय आशा धुले अपने कमरे में सो रही थी. घर से बाहर जाते समय राहुल ने अपने घर व बेडरुम के दरवाजों को खुला ही रखा था. साथ ही मंगलसूत्र व दो अंगूठियों को भी अलमारी से निकालकर सामने ही रख दिया था. ताकि इन आभूषणों को श्रेयस व ओम द्वारा वारदात के बाद चुराया जा सके. इसके बाद शाम 5.40 बजे के आसपास श्रेयस व ओम बेहद दबे पांव के साथ आशा धुले के घर व कमरे में घुसे. जहां पर श्रेयस महल्ले ने आशा धुले का गला घोटते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी एसआरपीएफ के गेट से पैदल बाहर निकले और वहां से ऑटो में सवार होकर बियानी चौक पहुंचे. जहां पर निखिल अपनी कार लेकर पहले से तैयार था और फिर तीनों लोग कार में सवार होकर शेगांव चले गए. शेगांव से 2 अगस्त की सुबह माहुली जहांगीर आने के बाद तीनों आरोपी पूरा दिन वहीं पर रुके रहे और 3 अगस्त की सुबह कार वापिस करने की बात करते हुए निखिल वहां से चला गया. जबकि श्रेयस और ओम वहीं के खेत परिसर में स्थित एक वाडी में छिपे हुए थे. जिन्हें सोमवार की सुबह पुलिस ने खोज निकाला. इस समय दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, उन्होंने आशा धुले के कमरे से चुराया गया सोना निखिल टिकले को दिया था. ऐसे में पुलिस ने निखिल टिकले की खोजबीन करनी शुरु की और उसे वाशिम से ढुंढ निकाला.
* राहुल ने श्रेयस को दिए थे 37,800 रुपए
अपनी पत्नी को मारने हेतु 5 लाख रुपयों की सुपारी देनेवाले राहुल तायडे ने मई से 1 अगस्त तक श्रेयस महल्ले को ऑनलाइन तरीके से कुल 37 हजार 800 रुपए भेजे थे. साथ ही कई बार उसे गांजा भी खरीदकर दिया था. इसके अलावा 1 अगस्त को राहुल ने श्रेयस को 4 हजार रुपए भेजे थे. जिसमें से 2 हजार रुपए ओम शेकार को दिए जाने थे. वहीं बची हुई रकम काम होने के बाद देने की बात राहुल ने ओम और श्रेयस से कही थी.
* एमसीआर के तहत राहुल तायडे जेल रवाना
विगत 2 अगस्त को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए राहुल तायडे को अदालत ने 4 अगस्त तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश दिया था. जिसकी अवधि खत्म होने के बाद उसे सोमवार को एक बार फिर अदालत के सामने पेश किया गया. जहां से अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत के तहत जेल रवाना कर दिया. वहीं अब शेष 4 आरोपियों को अपनी हिरासत में लेते हुए पुलिस उनसे इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ कर रही है.
* एक प्रेम कहानी, दो परिवार बर्बाद, तीन बच्चों का भविष्य अधर में
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, राहुल तायडे व उसकी श्यामली (काल्पनिक नाम) नामक विवाहित प्रेमिका के बीच चल रही इस एक प्रेम कहानी की वजह से जहां आशा धुले को अपनी जान से हाथ धोना पडा. वहीं इससे राहुल तायडे व श्यामली के दो हंसते-खेलते परिवार बर्बाद हो गए है. इसके अलावा जहां एक ओर राहुल तायडे व आशा धुले के बच्चे लगभग अनाथ हो गए है. क्योंकि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं है. वहीं पुलिस सिपाही रहनेवाला पिता अब एक आरोपी के तौर पर पुलिस की हिरासत में है. जिसके चलते दोनों बच्चे इतनी बडी दुनिया में अकेले रह गए है. वहीं दूसरी ओर राहुल तायडे की विवाहित प्रेमिका को भी दो साल की बेटी है. जो अपने पिता के साथ घर पर अकेली रह गई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, इस एक प्रेम कहानी में दो परिवार को बर्बाद करने के साथ ही तीन बच्चों के भविष्य को उजाडकर रख दिया है.
* घटना के चलते पूरा पुलिस महकमा हैरान होकर सकते में
विगत 1 अगस्त की शाम घटित आशा धुले नामक महिला पुलिस कर्मी की हत्या के मामले का जैसे ही पर्दाफाश हुआ, वैसे ही पूरा पुलिस महकमा सन्न एवं हैरान रह गया. क्योंकि फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में महिला पुलिस सिपाही के तौर पर कार्यरत रहनेवाली आशा धुले को मौत के घाट उतारने का प्लान खुद उसके एसआरपीएफ पुलिस कर्मी रहनेवाले पति राहुल तायडे ने बनाया था तथा इस काम के लिए चोरी-चकारी का काम करनेवाले दो गंजेडी युवकों को सुपारी दी गई थी. साथ ही हैरान कर देनेवाली बात यह भी रही कि, आरोपी राहुल तायडे ने जिस विवाहित महिला के साथ विवाहबाह्य प्रेमसंबंध में रहने के चलते अपनी पत्नी आशा धुले को मौत के घाट उतारा, राहुल तायडे की वह विवाहित प्रेमिका भी एक एसआरपीएफ पुलिस कर्मी की पत्नी है. जिसे अब आशा धुले हत्याकांड में मुख्य मास्टर माईंड बताया जा रहा है, क्योंकि उसने ही राहुल तायडे को इस बात के लिए उकसाया था कि, आशा धुले को रास्ते से हटा दिया जाए.
* श्यामली ही थी हत्याकांड के पीछे मुख्य मास्टर माईंड!
इस पूरे मामले को लेकर चल रही जांच के दौरान यह जानकारी भी सामने आई है कि, राहुल तायडे के साथ विगत करीब तीन-चार वर्षों से विवाहबाह्य प्रेमसंबंध में रहनेवाली श्यामली (काल्पनिक नाम) नामक विवाहिता ही आशा धुले हत्याकांड के पीछे मुख्य मास्टर माईंड थी. जिसने अपने विवाहित प्रेमी राहुल तायडे को कई बार आशा धुले की हत्या के लिए उकसाया था और जब राहुल तायडे ने निखिल टिकले, श्रेयस महल्ले व ओम शेकार के साथ मिलकर आशा धुले को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई थी, तो इसकी पूरी जानकारी राहुल की प्रेमिका श्यामली को भी थी तथा प्लान को कैसे अंजाम देना है, इसके बारे में भी राहुल और श्यामली के बीच कई बार चर्चा हुई थी.
* आशा धुले के दोनों बच्चों से मिले डीसीपी शिंदे
– महिला सहकर्मियों ने भी दोनों बच्चों का किया दुलार
इस बीच अपने ही घर में अपने पति द्वारा भेजे गए भाडे के हत्यारों के हाथों मारी गई आशा धुले के दोनों बच्चों ने आज शहर पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे से उनके कक्ष में भेंट की. इस समय फ्रेजरपुरा पुलिस स्टेशन में आशा धुले की सहकर्मी रहनेवाली कुछ महिला पुलिस कर्मी भी उपस्थित थी. इस समय जहां डीसीपी शिंदे ने आशा धुले के दोनों बच्चों ढांढस बंधाया, वहीं महिला पुलिस कर्मियों ने अपनी सहकर्मी रहनेवाली आशा धुले के दोनों बच्चों का दुलार किया. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, आशा धुले की एक अच्छी महिला पुलिस सिपाही के तौर पर पहचान रही और उसके अपने सहकर्मियों के साथ काफी घनिष्ट संबंध भी है. जिसके चलते आशा धुले के सभी सहकर्मियों में इस घटना को लेकर दुख व आश्चर्य की लहर देखी जा रही है.
* प्रॉपर्टी और बीमा राशि पर थी राहुल की नजर
जांच के दौरान सामने आई जानकारी के मुताबिक पुलिस विभाग में कार्यरत रहनेवाले राहुल तायडे व आशा धुले ने एक-दूसरे के साथ विवाह करने के उपरांत अपने पैसों से साथ मिलकर गुरुकृपा कॉलोनी में अपना एक घर बनाया था. जो आशा धुले के नाम पर था और इस घर के निर्माण हेतु लिए गए कर्ज की ऐवज में निकाली गई बीमा पॉलिसी भी आशा धुले के नाम पर थी. जिसमें राहुल तायडे ने खुद को नॉमिनी बना रखा था. इसके अलावा भी आशा धुले की करीब तीन से चार बीमा पॉलिसी थी और उन सभी पॉलिसी में भी राहुल तायडे ने अपने-आप को नॉमिनी बना रखा था. जब राहुल तायडे का श्यामली नामक विवाहित महिला के साथ प्रेमसंबंध चलना शुरु हुआ और इसकी जानकारी मिलने पर आशा धुले व राहुल तायडे के बीच विवाद व तनाव वाली स्थिति बननी शुरु हुई, तो राहुल तायडे ने आशा धुले पर इस बात के लिए दबाव डालना शुरु कर दिया कि, आशा धुले उक्त घर को राहुल तायडे के नाम पर कर दे. इसके साथ ही राहुल तायडे को सोच-विचार के बाद यह बात भी समझ में आई कि, अगर वह किसी तरह से अपनी पत्नी आशा धुले को रास्ते से हटा दे, तब घर तो उसके यानि राहुल तायडे के नाम पर हो ही जाएगा. साथ ही साथ आशा धुले की बीमा पॉलिसियों से भी उसे अच्छी-खासी रकम मिलेगी. यह बात संभवत: श्यामली ने ही राहुल तायडे को समझाई थी. जिसके बाद करीब 6 माह पहले से ही राहुल तायडे ने आशा धुले को रास्ते से हटाने का प्लान बनाना शुरु कर दिया था. * सीपी चावरिया की तत्परता से तुरंत सुलझा मामला
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, महिला पुलिस कर्मी की उसके ही घर पर संदेहास्पद मौत होने की जानकारी मिलते ही शहर पुलिस का नेतृत्व करनेवाले पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया ने खुद गुरुकृपा कॉलोनी स्थित आशा धुले के निवासस्थान पर भेंट दी थी और फ्रेजरपुरा पुलिस के साथ ही क्राईम ब्रांच को तुरंत ही मामले की जांच में जुट जाने के निर्देश दिए थे. इस समय मौके पर उपलब्ध प्राथमिक साक्ष्यों को देखते ही सीपी अरविंद चावरिया की अनुभवी आंखों ने यह बात पकड ली थी कि, यह हो न हो हत्या का मामला है और उन्होंने उसी लिहाज से अपने मातहतों को जांच में जुट जाने के लिए कहा था. जिसके सार्थक नतीजे अब सामने आए है और 1 अगस्त की शाम घटित आशा धुले हत्याकांड का पर्दाफाश अगले 24 घंटे के भीतर होने के साथ ही इस हत्याकांड में लिप्त सभी आरोपी भी पुलिस की पकड में आज चुके है.
यहां पर यह ध्यान दिलाया जा सकता है कि, कुछ समय पहले वलगांव पुलिस थाने में पदस्थ रहनेवाले एएसआई अब्दुल कलाम की भी नवसारी रिंग रोड परिसर में निर्ममतापूर्वक हत्या की गई थी और उस हत्याकांड को एक्सीडेंट दर्शाने का भी पूरा प्रयास किया गया था. लेकिन सीपी अरविंद चावरिया ने उस मामले में भी अपने अनुभव व कौशल्य का प्रयोग करते हुए मामले की जांच में व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दिया था तथा अब्दुल कलाम हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए कलामभाई के हत्यारों को भी अगले 24 घंटों के भीतर गिरफ्तार किया था.





