तलवार और कोयते से हमला कर युवक की निर्मम हत्या

यवतमाल के वाघाडी गांव की घटना

* गांव में भाईगिरी करता था मृतक युवक
* दो हत्यारोपी गिरफ्तार, जांच जारी
यवतमाल /दि.6 – गांव में भाईगिरी करने वाले युवक की पुरानी रंजिश के चलते दो युवकों ने तलवार और कोयते से हमला कर बेरहमी से हत्या कर दी. यह घटना सोमवार देर रात यवतमाल के पास वाघाडी गांव में घटित हुई. मृतक का नाम महेश नरेश कोल्हेकर (32 वर्ष, निवासी चापडोह) है. इस मामले में उमेश शिरभाते (19) और रोशन राऊत (25, दोनों निवासी वाघाडी) के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, महेश कोल्हेकर पिछले तीन-चार वर्षों से वाघाडी गांव में एक महिला मित्र के साथ रह रहा था. वह शिंदे के खेत में मज़दूरी करता था और शराब की लत का शिकार था. कुछ महीने पहले शराब के नशे में उसने उमेश शिरभाते की दादी से मारपीट की थी. इसी घटना के कारण महेश और उमेश के बीच विवाद हुआ था, जो बाद में शांत हो गया था. हालांकि गांव में महेश की ‘भाईगिरी’ और लोगों को डराने-धमकाने की वजह से लोगों में आक्रोश था. सोमवार रात महेश गांव आया और दुर्गा देवी के चबूतरे पर बैठा था. बताया गया कि वह उस समय शराब के नशे में था. रात करीब साढ़े नौ बजे उमेश और रोशन ने मिलकर अचानक उस पर तलवार और कोयते से हमला कर दिया. दोनों ने मिलकर महेश के सिर, छाती, पेट और चेहरे पर वार किए, जिससे वह लहूलुहान हो गया. यह पूरी घटना महेश के साथ रहने वाली सिताबाई बोरकर की मां ने प्रत्यक्ष देखी और शोर मचाया, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे.
स्थानीय लोगों ने घायल महेश को यवतमाल के शासकीय मेडिकल कॉलेज ले जाने की कोशिश की, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उसकी मौत हो गई. इस मामले में सिताबाई बोरकर द्वारा दी गई शिकायत पर यवतमाल ग्रामीण पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया और जांच शुरू की. मोहा गांव से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इस मामले की जांच यवतमाल ग्रामीण थाने के प्रभारी सुनील नाइक कर रहे हैं.
गंभीर चिंता का विषय यह है कि जिले में हत्या और अन्य अपराधों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. औसतन हर दिन एक हत्या हो रही है. पारिवारिक विवाद, पुराने झगड़े, पैसों के लेनदेन, अवैध संबंध और नशे की आदत जैसे कारणों से सीधे हत्या की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे पुलिस भी हतप्रभ है. कुछ अपराधियों के मन में यह भ्रम घर कर गया है कि हत्या के बावजूद तीन महीने में जमानत पर बाहर आ जाएंगे. इसी सोच के चलते यवतमाल जिले में हत्या का चलन बढ़ रहा है. इस परिस्थिति से उबरने के लिए कुछ सामाजिक संस्थाएं जागरूकता अभियान चला रही हैं.

 

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