आदिवासी छात्रा पर अत्याचार करनेवाले चौकीदार को उम्रकैद की सजा

विशेष सत्र न्यायालय का फैसला

* बुटीबोरी शाला के होस्टेल की घटना
नागपुर /दि.6 – शिक्षा लेकर समाज के मुख्य प्रवाह में आने का सपना देखनेवाली नाबालिग आदिवासी छात्रा पर लैंगिक अत्याचार करनेवाले नराधम चौकीदार को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई और 15 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया. विशेष सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जे.ए. शेख ने यह फैसला सुनाया. यह घटना बुटीबोरी की है. सजा सुनाए गए आरोपी का नाम होमदेव उत्तम पडोले (35) है. यह आरोपी मुल भंडारा जिले के पवनी तहसील में आनेवाले ब्राम्हणी गांव का रहनेवाला है.
घटना के समय वह बुटीबोरी के एक इंग्लिश मीडियम शाला के एक होस्टेल में चौकीदार के रूप में काम करता था. पीडित छात्रा गोंदिया जिले की रहनेवाली है. उसने आदिवासी विभाग की शैक्षणिक योजना के तहत इस शाला में प्रवेश लिया था. साथ ही वह शाला की ही होस्टेल में रहती थी. उसका पूरा खर्चा सरकार उठा रही थी. सरकार को उसे समाज के मुख्य प्रवाह में लाना था. लेकिन नराधम होमदेव की इस छात्रा पर बुरी नजर थी. वह किसी न किसी कारण से छात्रा पर संतप्त होकर मारपीट करता था. उसने 7 छात्राओं पर बार-बार लैंगिक अत्याचार किया. न्यायालय में सरकार की तरफ से एड. प्रशांत साखरे ने काम संभाला. उन्होंने ठोस सबूतों के आधार पर होमदेव को दोषी सिध्द किया. होमदेव छात्रावास के एक आदिवासी नाबालिग छात्र पर भी अनैसर्गिक अत्याचार करता था. एक दिन वह छात्र घर गया और उसने शाला में वापस जाने से इंकार कर दिया. पालक ने गहन पूछताछ की तब होमदेव के घृणित कृत्य की जानकारी दी. पश्चात होमदेव के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई. इस प्रकरण में होमदेव को गत जनवरी में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. पीडित छात्र की शिकायत के कारण आदिवासी विभाग ने गहन जांच की तब 7 पीडित छात्राओं ने उन पर हुए अत्याचार की जानकारी दी. इस कारण होमदेव के खिलाफ 17 फरवरी 2017 को दूसरा एफआईआर दर्ज किया गया था.

* आठ साल चला मुकदमा
यह मुकदमे का निपटारा करने के लिए आठ साल तीन माह और नौ दिन लगे. पुलिस ने 26 अप्रैल 2017 को यह मुकदमा दायर किया था. पश्चात न्यायालय ने 20 अक्तुबर 2011 को होमदेव के खिलाफ आरोप निश्चित किए तथा 15 फरवरी 2022 से सबुत दर्ज करना शुरू किया था.

* ऐसी है सजा
लैंगिक अत्याचार के मामले में उम्रकैद और 10 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने पर दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा. जान से मारने की धमकी देने के प्रकरण में एक साल कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना अदा न करने पर दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा.

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