भाई-भाभी की नवजात बच्ची को चुराया

ननद-नंदोई के खिलाफ मामला दर्ज

* बच्ची की पैदाइश के समय ही बनाए फर्जी डॉक्युमेंट
* राजापेठ थाने के सामने आया अजिबोगरीब मामला
अमरावती/दि.9 – स्थानीय राजापेठ पुलिस थाने में गत रोज एक नवजात बच्ची के अपहरण से संबंधित बेहद अजिबोगरीब मामला पहुंचा. जिसमें शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया कि, उसकी ननद व नंदोई ने उसकी 6 माह के आयु वाली बच्ची का 5 माह पहले अपहरण कर लिया था. साथ ही उसकी ननद-नंदोई ने उक्त बच्ची को अपनी बेटी बताने हेतु उसकी पैदाइश के संबंधित सभी दस्तावेज भी खुद के नाम बनवा लिए है और उसे उसकी बच्ची वापिस लौटाने से आनाकानी भी कर रहे है. साथ ही साथ उसके ननद-नंदोई ने उसके सहित उसके पति के खिलाफ नेर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बच्ची को अपनी बेटी बताकर आरोप लगाया है कि, भाई-भाभी यानि वह और उसका पति बच्ची को जबरन अपने कब्जे में लेना चाह रहे है. ऐसे में अब राजापेठ पुलिस इस अजिबोगरीब मामले की जांच कर रही है.
इस संदर्भ में शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि, गर्भवती होने के बाद उसने 6 से 7 माह तक डॉ. आरती मुरके के यहां ट्रीटमेंट ली थी. लेकिन इसके बाद उसकी ननद ने उसे बचे हुए समय की ट्रीटमेंट साईनगर परिसर स्थित डॉ. राज अग्रवाल से कराने की सलाह दी. जहां पर अगले दो-ढाई महिने ट्रीटमेंट करवाने के बाद 17 फरवरी 2025 की रात उसकी डॉ. मोनाली कलंबे-बोंडे के अस्पताल में प्रसूति हुई और उसने एक बच्ची को जन्म दिया. अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जब वह अपनी बच्ची को लेकर अपने घर पहुंची तो 6 मार्च को उसकी ननद व नंदोई ने 8 दिन के लिए नवजात बच्ची को अपने साथ ले जाने की बात कही और वे बच्ची को अपने साथ लेकर चले गए. लेकिन 8 दिन के बाद जब उक्त महिला ने अपनी भाभी को बच्ची वापिस लाकर देने के लिए कॉल किया तो दूसरी ओर से कोई प्रतिसाद नहीं मिला. बल्कि उसका फोन कट करते हुए उसके फोन नंबर को ही ब्लॉक कर दिया गया. इसी दौरान 2 से 3 माह का समय बीत गया. ऐसे में उक्त महिला 22 जून को अपने पति के साथ अपनी बच्ची को वापिस लाने हेतु ननद-नंदोई के नेर तहसील अंतर्गत स्थित गांव पहुंचे और बच्ची तुरंत वापिस लौटाने की बात कही, तो उक्त महिला के नंदोई ने अगले दिन बच्ची वापिस लाकर देने का वादा किया. परंतु अगले दिन फोन करने पर धमकी देते हुए कहा कि, तुम्हें जो करना है कर लो, लेकिन बच्ची वापिस नहीं होगी. इसके साथ ही 23 जून को ही शिकायतकर्ता महिला के पति को नेर पुलिस थाने से फोन करते हुए बताया गया कि, उसके खिलाफ उसकी बहन ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि, वह अपनी बहन की बच्ची को जबरन ले जाने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में शिकायतकर्ता महिला 26 जून को नेर पुलिस थाने पहुंची, जहां पर उन्हें बच्ची के जन्म प्रमाणपत्र व आधार कार्ड सहित अस्पताल का डिस्चार्ज कार्ड दिखाया गया. जिसमें हर जगह पर ननद-नंदोई के नाम दर्ज थे और आधार कार्ड में उक्त बच्ची को ननद-नंदोई की बेटी दिखाया गया था. यह देखते ही शिकायतकर्ता महिला को संदेह हुआ कि, संभवत: प्रेग्नेसी के अंतिम तीन माह के दस्तावेज और डिस्चार्ज कार्ड को उसके ननद-नंदोई ने अपने नाम पर बनवा लिया था. जिसके आधार पर बच्ची के जन्म प्रमाणपत्र व आधार कार्ड बनाते हुए उसे ननद-नंदोई द्वारा अपनी बेटी दर्शाया जा रहा है और इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के दम पर उसकी बेटी को ननद-नंदोई ने जबरन अपने कब्जे में रखा है. यह बात समझ में आते ही शिकायतकर्ता महिला ने राजापेठ पुलिस थाने में गुहार लगाते हुए अपनी बच्ची खुद को वापिस दिलाए जाने की मांग की. इस शिकायत के आधार पर राजापेठ पुलिस ने बीएनएस की धारा 3 (5) व 137 (2) के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है.

Back to top button