केवल शिवसेना में ही हैं मर्द!
उद्धव ठाकरे का सरकार पर हल्लाबोल

मुंबई /दि.11- महायुति सरकार के कुछ मंत्रियों को कलंकित व भ्रष्टाचारी बताते हुए ऐसे मंत्रियों को तुरंत पद से हटाए जाने की मांग के लिए आज शिवसेना उबाठा ने पूरे राज्य में सडक पर उतरकर आंदोलन किया. जिसके तहत मुंबई में आंदोलन का नेतृत्व करते हुए शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि, सत्ता पक्ष के साथ संघर्ष करने के लिए मर्दानगी की जरुरत होती है और यह मर्दानगी केवल उनके नेतृत्ववाली शिवसेना में ही है.
इस समय महायुति सरकार पर जमकर हल्लाबोल करते हुए उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि, राज्य में क्रीडा मंत्री नहीं बल्कि रमी मंत्री है. साथ ही इस सरकार के पास ‘डोकं’ यानि दिमाग की बजाए केवल ‘खोकं’ यानि गलत मार्ग से कमाया हुआ पैसा है. ऐसे में इस भ्रष्टाचारी सरकार को उखाड फेंकने के लिए सभी को एकजुट होना ही होगा. इस समय उद्धव ठाकरे ने यह दावा भी किया कि, किसी समय विकास व नीतिमत्ता के मामले में अव्वल स्थान पर रहनेवाला महाराष्ट्र राज्य अब भ्रष्टाचार के मामलो में सबसे अव्वल है.
इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने यह दावा भी किया कि, जब वे मुख्यमंत्री थे तो उस समय उनके एक मंत्री पर गलत काम का आरोप लगते ही उन्होंने उसे तुरंत ही पद से हटा दिया था. इसी तरह जब शिवसेना के नेतृत्ववाली सरकार में मनोहर जोशी मुख्यमंत्री थे तब भी पांच मंत्रियों के इस्तीफे लिए गए थे. परंतु मौजूदा सत्ताधारियों का नैतिकता व जनता के साथ कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें केवल पैसों की भूख है. जिसके चलते वे खुद पर आरोप लगने के बावजूद अपनी कुर्सी और पद से चिपके रहते है.

* निर्वाचन आयोग के खिलाफ भी व्यक्त किया संताप
मुंबई के दादर परिसर में शिवसेना की ओर से महायुति सरकार के खिलाफ आयोजित जनाक्रोष आंदोलन का नेतृत्व करने के साथ-साथ शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ भी चुनाव में हेराफेरी करने को लेकर मोर्चा खोला और बताया कि, जहां एक ओर महाराष्ट्र में शिवसेना उबाठा द्वारा महायुति सरकार के खिलाफ जनाक्रोष आंदोलन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर आज ही इंडी गठबंधन के सभी सांसदों द्वारा दिल्ली में निर्वाचन आयोग के खिलाफ मोर्चा निकालते हुए प्रदर्शन किया जा रहा है. विधानसभा व लोकसभा चुनाव में वोटों की चोरी व हेराफेरी किए जाने के मामले की सघन जांच कराए जाने की मांग इस मोर्चे के जरिए उठाई जा रही है. उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि, मतगणना में हेरफेर किए जाने का सत्ताधारी दल को फायदा हुआ तथा निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष तरीके से काम नहीं किया.





