हरीसाल में फिर बाघ ने बैल पर किया हमला

ग्रामीणों में दहशहत का वातावरण

* एक माह पहले एक व्यक्ति को बनाया था शिकार
हरिसाल/दि. 12 – हरिसाल में फिर एक बार हमला कर बैल को घायल कर दिया है. इससे पहले भी एक व्यक्ति को एक माह पहले बाघ ने हमला कर मार डाला था. उसके बाद लगातार दो-तीन दिनों के अंतराल पर गांव के पालतु पशुओं पर बाघ द्बारा हमला करने की घटना जारी है. एक माह से लगातार पशुओंं पर बाघ द्बारा हमला किए जाने से ग्रामवासियों ने बाघ को पकडने के लिए व्याघ्र प्रकल्प से निवेदन किया है.
अधिकारियों का कहना है कि बाघ अपने आरक्षित जंगल में है और वह सिधे गांव में आकार शिकार नहीं करता है. इसलिए उसे पकडकर पिंजरे में कैद नहीं किया जा सकता है. साथ ही इसके लिए सरकार की अनुमति भी जरूरी है. संभवता: ग्रामवासियों को ही कोर क्षेत्र में जाने से बचने की सलाह अधिकारियों द्बारा दी गई है. वहीं हरिसाल के जंगल में हाथियों के जरिए वन अधिकारियों द्बारा गस्त लगाई जा रही है. इसी वजह से लगभग एक महिने तक बाघ का कोई अता-पता नहीं था. लेकिन अचानक 11 अगस्त को बाघ फिर से दिखाई दिया. जिससे ग्रामवासियों में दहशत है.
हरिसाल से चौराकुंड की ओर जानेवाले रास्ते पर गांव से लगभग 2 किमी दूरी पर जंगल किनारे चल रहे मवेशियोें पर बाघ ने हमला कर दिया. दोपहर के करिब 2 बजे बाघ ने फिर एक बैल पर हमला कर दिया. मवेशी चरानेवाले चरवाहों को जब बैल की आवाज आयी तब उन्होंने शोर शराबा शुरू कर दिया. जिससे बाघ घटनास्थल से भाग गया. इस हमले बैल गंभीर रूप से घायल हो गया. इस घटना की जानकारी तुरंत हरिसाल टायगर प्रोजेक्ट को दी गई. टायगर प्रोजेक्ट के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पंचनामा करने के बाद बाघ के होने की पुष्टि की फिलाल हरिसाल में बाघ को लेकर ग्रामीणों में दहशत का वातावरण है. गांव के गणेशलाल मनसू बेठे के बैल पर चांभार कुंडी नाले के पास बाघ ने यह हमला किया था.

 

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