विधायक हो तो, लोगों से मारपीट करोगे क्या?
मुंबई सेशन कोर्ट ने पूर्व मंत्री बच्चू कडू को लगाई कडी फटकार

* सरकारी अधिकारी के मारपीट मामले में सुनाई तीन माह की सजा
* हाईकोर्ट में अपील करने हेतु 10 हजार रुपयों के मुचलके पर जमानत भी दी
मुंबई/दि.13 – वर्ष 2018 में हुए एक राजनीतिक आंदोलन के दौरान एक सरकारी अधिकारी से धक्कामुक्की करते हुए उसे मारने के उद्देश्य से लैपटॉप उठा लेने के मामले को लेकर दर्ज मुकदमे की सुनवाई करते हुए मुंबई के सत्र न्यायालय ने पूर्व मंत्री बच्चू कडू को दोषी करार देते हुए तीन माह के कारावास की सजा सुनाई. साथ ही इस सजा के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में अपील दायर करने की सुविधा रहने के चलते सजा के अमल पर स्थगिती लगाते हुए 10 हजार रुपए की मुचलके पर जमानत देना भी मंजूर किया. साथ ही इस समय विशेष सत्र न्यायालय के न्यायाधीश सत्यनारायण नावंदर ने पूर्व मंत्री बच्चू कडू को यह कहते हुए भी कडी फटकार लगाई कि, अगर आप विधायक निर्वाचित है, तो इससे आपको लोगों के साथ मारपीट करने का अधिकार व लाईसेंस नहीं मिल जाता.
इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए मुंबई सत्र न्यायालय ने यह भी कहा कि, मुंबई पुलिस द्वारा पेश किए गए तमाम सबूत तत्कालिन विधायक बच्चू कडू को दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त है. अपनी ड्यूटी निभा रहे किसी भी सरकारी अधिकारी को धमकाने तथा उसके साथ गालिगलौज या मारपीट करने को एक गंभीर मामला कहा जा सकता है. जिसका किसी भी तरह से समर्थन नहीं किया जा सकता, फिर चाहे ऐसा करनेवाला व्यक्ति कोई भी क्यों न हो.
इस पूरे मामले को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक 26 सितंबर 2018 को पोर्टल संबंधित मामले को लेकर मंत्रालय में काम करनेवाले तत्कालिन सूचना तकनीक संचालक पी. प्रदीप से मिलने के लिए तत्कालिन विधायक बच्चू कडू पहुंचे थे और उस समय हुए शाब्दीक विवाद के बाद बच्चू कडू ने टेबल पर रखे लैपटॉप को उठाकर पी. प्रदीप को मारने का प्रयास किया था. इस घटना को लेकर कर्मचारी संगठन की ओर से तीव्र प्रतिक्रिया दी गई थी तथा मंत्रालयीन कर्मचारियों ने काम बंद आंदोलन भी किया था. जिसके बाद बच्चू कडू के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने के संबंधित धाराओं के तहत मरीन ड्राईव पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. जिस पर गिरगांव की अदालत में मुकदमा चल रहा था. जिसके बारे में बार-बार समन्स दिए जाने के बावजूद बच्चू कडू कभी भी सुनवाई के लिए हाजिर नहीं हुए. ऐसे में अदालत ने बच्चू कडू के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया था और इसके बावजूद गैरहाजिर रहने के चलते गिरगांव दंडाधिकारी न्यायालय सन 2022 में बच्चू कडू को 14 दिन न्यायिक हिरासत में रखने आदेश जारी किया था. हालांकि बच्चू कडू ने उसी दिन तुरंत मुंबई सत्र न्यायालय में दौड लगाते हुए अस्थाई जमानत हासिल की थी और फिर नियमित जमानत के लिए भी आवेदन किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए मुंबई की सत्र न्यायालय ने बच्चू कडू को जमानत देने से इंकार करने के साथ ही उन्हें एक सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट का दोषी करार देते हुए तीन माह के कारावास की सजा भी सुनाई. साथ ही यह कहते हुए कडी फटकार भी लगाई कि, आपके विधायक रहने का यह मतलब कतई नहीं है कि, आपको लोगों के साथ मारपीट करने का अधिकार मिल गया है.
* हाईकोर्ट जा सकते है बच्चू कडू
पूर्व मंत्री बच्चू कडू को सरकारी अधिकारी के साथ मारपीट करने व सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने के मामले में दोषी करार देते हुए मुंबई की विशेष सत्र अदालत ने इस मामले में हाईकोर्ट जाने का प्रावधान भी उपलब्ध रहने के चलते पूर्व मंत्री बच्चू कडू को 10 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत देना भी मंजूर किया और जमानत अवधि के दौरान सजा के अमल पर अस्थाई स्थगिती दी. ऐसे में अब बच्चू कडू इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में भी अपील दायर कर सकते है.





