विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस पर निकला मूकमोर्चा
हिंदू समाज व भाजपा कार्यकर्ताओं का आयोजन

* सिंधी समुदाय के नागरिक हुए बडी संख्या में शामिल
अमरावती/दि. 14 – भारत का विभाजन देश के लिए किसी विभीषिका से कम नहीं था. इसका खामियाजा सबसे ज्यादा सिंधी, पंजाबी, बंगाली हिंदू समाज ने भुगता है, विभाजन विभीषिका दिवस हम सब हिंदू भाइयों और बहनों के लिए भावुक दिन है. इस अवसर पर अपने पूर्वजों के साहस, पीड़ा और संघर्ष को याद किया गया. हमें इस बात का गर्व होता है कि उन्होंने अपनी जड़ों से दूर होने पर भी अपने धर्म और संस्कृति को कभी नही छोड़ा, उसी को याद करके हर साल की तरह भाजपा शहर जिलाध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता एवं समस्त सिंधी समाज द्वारा गुरूवार 14 अगस्त को सुबह मूकमोर्चे का आयोजन किया गया था.
सुबह 10 बजे मूकमार्च सेवा मंडल से शुरुआत कर फर्शी स्टॉप पर छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले को माल्यार्पण कर मूकमोर्चा शिवधारा आश्रम पहुंचकर समाप्त हुआ.सांसद डॉ. अनिल बोडे, संत कंवरराम धाम के राजेशलाल मोरडिया,रामपुरी पंचायत के डॉ इंद्रलाल गेमनानी, शिवराय कुलकर्णी, बलदेव बजाज, श्रीचंद तेजवाणी, सदुभाऊ पुंशी,सीमा बत्रा,तुलसी सेठीया, दीपक डादलांनी, संजय शादी विजय खत्री, रोमा बजाज, संजय तिरथकर, मंगेश खोंडे,मिलिंद बांबल,दीपक अनासाने ,पदमजा कौंडण्य, अनिता राज, संगीता शिंदे, संतोष कावरे, शाम ढोले, श्रीकांत धानोरकर, लखन राज,सर्जेराव गलफट, रामकृष्ण महाजन, ममता चौधरी, अपूर्वा केवले, सभी भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व सिंधी समाज के नागरिकगण उपस्थित थे.
* पीएम मोदी के आवाहन पर आयोजन
विभाजन की त्रासदी यदि सबसे अधिक किसी ने झेली है तो वह सिंधी समाज ने. इस विभीषिका को स्मृति दिवस मनाने का आवाहन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. इसके मुताबिक इसका आयोजन किया गया. इस मूकमोर्चा में सिंधी समुदाय के धार्मिक संस्थान, पंचायत, सामाजिक, व्यवसायी, सांस्कृतिक, शैक्षणिक संस्था व गणेश मंडल तथा युवा बडी संख्या में शामिल हुए थे. सभी ने देश विभाजन की विभीषिका के स्मृति दिवस पर जिन्होंने त्याग किया उन्हें याद कर उनके संघर्ष का स्मरण किया.





