इस बार आधी अमरावती के गणपति नहीं गुजरेंगे राजकमल चौक रेलवे उडानपुल से
स्थापना व विसर्जन शोभायात्राओं के लिए बदलना होगा रास्ता

* राजकमल चौक पर आझाद हिंद मंडल व नीलकंठ मंडल के जुलूस ही पहुंचेंगे
* न्यू आझाद मंडल के ‘विदर्भ का राजा’ की शाही सवारी की विसर्जन यात्रा मार्ग पर संभ्रम
अमरावती/दि.25 – लोकनिर्माण विभाग की सिफारिश पर शहर पुलिस आयुक्तालय द्वारा 24 व 25 अगस्त की दरम्यानी रात 12 बजे से अमरावती रेलवे स्टेशन के उपर से होकर गुजरनेवाले रेलवे ओवर ब्रीज को सभी तरह के वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. जिसके लिए रेलवे उडानपुल के दोनों ओर जबरदस्त बैरिकेटिंग करते हुए कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया गया है और अब इस रेलवे ओवरब्रीज पर हलके व मध्यम चारपहिया वाहनों सहित दुपहिया वाहनों के साथ-साथ पैदल राहगिरों की आवाजाही भी प्रतिबंधित कर दी गई है. ऐसे में अब यह सवाल उपस्थित हो रहा है कि, महज दो दिन बाद शुरु होने जा रहे गणेशोत्सव पर्व के समय सालोसाल से रेलवे उडानपुल से होकर गुजरनेवाली गणेश स्थापना व विसर्जन शोभायात्राओं का क्या होगा.
बता दें कि, शहर के बीचोबीच स्थित अमरावती रेलवे स्टेशन और यहां से निकलकर बडनेरा की ओर जानेवाली रेल पटरियों की वजह से अमरावती शहर दो हिस्सों में बटा हुआ है. ऐसे में शहर के दोनों हिस्सो को आपस में जुडने हेतु रेलवे स्टेशन के पास रेलवे पटरियों के उपर रेलवे ओवरब्रीज का निर्माण सन 1963 में किया गया था. जिसे अब 62 साल बाद जर्जर व खतरनाक स्थिति में पहुंच जाने के चलते आम लोगों की आवाजाही के लिहाज से बंद करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही अब इस रेलवे उडानपुल को गिराकर उसके स्थान पर नए रेलवे ओवरब्रीज का निर्माण किया जाएगा. लेकिन इसी बीच आगामी दो दिन बाद 27 अगस्त से 10 दिवसीय गणेशोत्सव का प्रारंभ होने जा रहा है. जिसके बाद 9 दिवसीय नवरात्रौत्सव भी मनाया जाएगा. इसके उपरांत दशहरा व दीपावली जैसे पर्व भी पडेंगे. ऐसे समय शहर की मुख्य बाजारपेठ से रेलवे स्टेशन के दूसरी ओर बसे रिहायशी इलाकों को जोडनेवाले फ्लाईओवर के बंद हो जाने पर शहरवासियों को काफी समस्याओं व दिक्कतो का सामना करना पड सकता है.
बता दें कि, गणेशोत्सव व नवरात्रौत्सव के समय कई सार्वजनिक मंडलों की स्थापना व विसर्जन शोभायात्राएं इसी उडानपुल से होकर गुजरती है. साथ ही साथ पर्व एवं त्यौहारों के समय लोगबाग अपनी-अपनी जरुरत के साजोसामान की खरीददारी करने हेतु इसी उडानपुल से होकर आना-जाना करते रहे है. ऐसे में ऐन त्यौहारी सीजन के समय इस उडानपुल को आवाजाही के लिहाज से पूरी तरह बंद कर दिए जाने के चलते लोगों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना निश्चित तौर पर करना पडेगा. साथ ही साथ लोगों को अब रेलवे स्टेशन चौक से मर्च्युरी टी पॉइंट से मालवीय चौक व जयस्तंभ चौक होते हुए राजकमल चौक की ओर आने-जाने वाले वैकल्पिक रास्ते का प्रयोग करना होगा. जिसके चलते लोगों को अब अपने छोटे-मोटे कामों के लिए काफी लंबा फेरा लगाकर गुजरना होगा.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, रेलवे स्टेशन परिसर के पास भी खापर्डे बगीचा स्थित न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल द्वारा प्रति वर्ष विदर्भ का राजा के तौर पर करीब 21 फीट उंची गणेश प्रतिमा स्थापित की जाती है. जिसकी विसर्जन यात्रा शाही जुलूस के तौर पर खापर्डे बगीचा से निकलकर प्रति वर्ष मर्च्युरी टी पॉइंट व रेलवे स्टेशन चौक से होते हुए रेलवे ओवरब्रीज से होकर ही गुजरती है. पश्चात राजकमल चौक पर विदर्भ का राजा की भव्य महाआरती होने के उपरांत यह विसर्जन रैली जयस्तंभ चौक, दीपक चौक, कॉटन मार्केट, चौधरी चौक होते हुए मोसीकॉल कारखाना परिसर पहुंचती है. जहां के विशालकाय कुएं में विदर्भ का राजा की भव्य मूर्ति का विसर्जन किया जाता है. विदर्भ का राजा की विसर्जन यात्रा में कई ट्रैक्टरों व ट्रालियों का भी समावेश रहता है. जिन पर एक से बढकर एक भव्य झांकियां साकार की जाती है. साथ ही साथ विदर्भ का राजा की विशालकाय मूर्ति भी एक बडी सी ट्रॉली पर आसीन रहती है. जिसे ट्रैक्टर के जरिए खींचा जाता है. चूंकि अब रेलवे उडानपुल को दुपहिया वाहनों सहित हलके व मध्यम चारपहिया वाहनों की आवाजाही के लिए भी बंद कर दिया गया है. साथ ही साथ इस रेलवे उडानपुल से बस व ट्रक जैसे भारी वाहनों की आवाजाही को पहले ही बंद कर दिया गया है. ऐसे में अब इस बात को लेकर संभ्रम देखा जा रहा है कि, इस वर्ष खापर्डे बगीचा से निकलने वाली विदर्भ के राजा का विसर्जन जुलूस का रास्ता क्या होगा. क्योंकि जाहीर सी बात है कि, प्रशासन द्वारा विदर्भ का राजा के भारी-भरकम जुलूस को पुराने, जर्जर व खस्ताहाल हो चुके रेलवे उडानपुल से गुजरने की अनुमति शायद ही दी जाएगी. जिसका सीधा मतलब है कि, इस बार राजकमल चौक पर विदर्भ का राजा का विसर्जन जुलूस पहुंचना मुश्किल रहेगा. जिसके चलते इस वर्ष राजकमल चौक पर बुधवारा परिसर के आझाद हिंद मंडल व नीलकंठ मंडल सहित पटवीपुरा परिसर के लक्ष्मीकांत मंडल जैसे सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के साथ-साथ रेलवे पटरी के दूसरी ओर यानि मुख्य शहर की तरफ रहनेवाले गणेशोत्सव मंडलों की शोभायात्राएं भी पहुंचेंगी. वहीं आधी अमरावती के गणेशोत्सव मंडलों को अपनी शोभायात्राओं व विसर्जन जुलूस के लिए अन्य पर्यायी रास्तों का अवलंब करना पडेगा.





