‘घर में पधारो गजानन जी म्हारे घर में पधारो….’
घर घर में विघ्न विनाशक के स्वागत की तैयारी

* सार्वजनिक मंडलों की शोभायात्राएं परसों
* सर्वत्र उत्साह का जोरदार वातावरण
अमरावती/ दि. 25 – परसों 27 अगस्त से गणेश चतुर्थी उपलक्ष्य प्रदेश का सबसे बडा और अब राज्य पर्व घोषित गणेशोत्सव प्रारंभ हो रहा है. जिसके कारण शहर और जिले में गणेश भक्तों में अभूतपूर्व उत्साह दिखाई पड रहा है. घर- घर में गणेशजी की मिट्टी की प्रतिमाएं लायी जा रही हैं. बाल गोपाल अपने माता पिता और वरिष्ठ जनों के संग उत्साह से गणपति बाप्पा मोरिया का जयघोष करते हुए मूर्तियां स्थापना के लिए ले जा रहे हैं. उधर सार्वजनिक मंडलों में गणपति स्थापना की संपूर्ण तैयारी लगभग अंतिम चरण में हैं. पुरोहितों ने गणेश स्थापना के शुभ मुहूर्त जारी कर दिए हैं. मंडलों ने श्री की भव्य दिव्य स्थापना शोभायात्रा की तैयारी की है. ढोल-ताशे, गाजे- बाजे के साथ विघ्न विनायक की अगवानी की जा रही है.
सजी दुकानें, ग्राहकों की रेलमपेल
गणेशोत्सव के मद्देनजर मिट्टी की मूर्तियों की दुकानें शहर के विभिन्न भागों में सजी है. उन दुकानों पर बच्चे भीड कर रहे हैं और मन पसंद बाप्पा की मूर्ति चाव से ले रहे हैं. बाप्पा का सिंहासन सजाया जा रहा है. इसके लिए सजावटी सामान की दुकानों पर रेला उमडा है. इधर मुख्य मार्ग पर हैवी यातायात के कारण जहां नागरिक परेशान हो रखे हैं. वहीं दूरदराज की कॉलोनी और चौक में सजी मूर्तियों की दुकानों पर भारी भीड देखी गई. गणपति के अनेक मॉडल, रूप स्वरूप पसंदीदा है. उसमें भी दगडू सेठ गणपति, लाल बाग का राजा, बाल रूप बडे पसंद किए जाने की जानकारी सिध्देश्वर क्रिएशन के संचालक ने दी.
ढोल पथक तैयार
प्यारे गणपति बाप्पा की अगवानी के लिए शहर के अनेकानेक ढोल पथक तैयार है. उनके मंडलों से करार हो चुके है. गत दो माह से वह लोग ताल की प्रैक्टीस कर रहे थे. अब उन्हें प्रत्यक्ष शोभायात्रा में प्रदर्शन करना है. इसके बाद अगले 10 दिनों तक वे लोग व्यस्त रहेंगे. विसर्जन शोभायात्रा में भी ढोल पथक रहते हैं. कई मंडलों ने डीेजे से परहेज करने का निर्णय किया है. ऐेसे में ढोल पथक और ढोल ताशे बजानेवालों की पौ बारह हो गई है. ढोल ताशे 600 रूपए घंटे से बढकर 1000-1500 रूपए घंटे के रेट हो जाने की जानकारी दी गई.
भारी रश, गांधी चौक, रवि नगर में पैर रखने की जगह नहीं
गांधी चौक, राजकमल, राजापेठ, रवि नगर चौक में गणपति भक्तों और सजावटी सामान के खरीदारों का रेला उमडा. जिससे इन चौरस्तों पर पांव रखने की भी जगह नहीं बची. उधर रेलवे ब्रिज अचानक बंद करना पडा. इससे भी पर्यायी मार्गो पर ट्रैफीक बढा. यह यातायात अन्य रास्तों की ओर मोडने से कुछ भागों की दुकानों पर गणेशोत्सव के साजो सामान की खरीदारी की रश बेतहाशा बढ गई थी.





