पालिका चुनाव की हलचलें तेज, बडे नेता सक्रिय

महायुति और आघाडी के बारे में कार्यकर्ताओं में उत्सुकता

अमरावती/ दि. 26 – 3-4 वर्षो से प्रलंबित स्थानीय निकाय चुनाव दिवाली पर हो सकते हैं. प्रशासन ने तैयारी छेड दी है. जिला परिषद, पंचायत समिति और पालिका के प्रभाग प्रारूप घोषित हो चुके हैं. ऐसे में नगर पंचायत और पालिका के चुनाव हेतु राजनीतिक हलचलें भी गतिमान होने की जानकारी दलीय सूत्रों ने दी. कार्यकर्ताओं में इस बात की बडी उत्सुकता है कि वर्तमान राजनीतिक हालात देखते हुए निकाय चुनाव पार्टियों द्बारा अपने बल पर लडे जायेंगे या महायुति और महाविकास आघाडी जैसे गठजोड कायम रहेंगे.
* 10 पालिका और 2 नगर पंचायत
जिले में 10 नगर पालिका अचलपुर, अंजनगांव सुर्जी, वरूड, दर्यापुर, चांदुर बाजार, चिखलदरा, धामणगांव रेलवे, मोर्शी, चांदुर रेलवे, शेंदुरजनाघाट के चुनाव होने हैं. धारणी और नांदगांव खंडेश्वर दो नगर पंचायत है. जहां चुनाव प्रस्तावित है. विभागीय आयुक्त ने प्रभाग और नगर सेवकों की संख्या जारी की है. जिसके अनुसार कुल 278 नगरसेवक चुने जाने हैं. उसमें से 141 स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित है. उसी प्रकार आरक्षण की बात करें तो अनुसूचित जाति के 36, जनजाति के 20 और अन्य पिछडा वर्ग ओबीसी से 74 सदस्य चुने जाने हैं.
* अचलपुर में तगडा मुकाबला
जानकारों ने बताया कि जिले में एकमात्र अ श्रेणी की पालिका अचलपुर है. वहां सर्वाधिक 41 नगरसेवक चुने जाने हैं. जिसमें से 21 सीटे महिलाओं के लिए रखी जायेगी. ऐसे में राजनीतिक रूप से देखा जाए तो सबसे कडा मुकाबला यहां अचलपुर में ही होने की संभावना बताई जा रही है. धारणी और नांदगांव खंडेश्वर नगर पंचायतों में 17-17 सदस्य चुने जाने हैं.
* मध्यम आकार की पालिका
मध्यम आकार की पालिका की बात करें तो अंजनगांव सुर्जी 28, वरूड 26, दर्यापुर 25, मोर्शी 24 नगर सेवक रहेंगे. इनकी औसत सदस्य संख्या 24 से 28 है. वहीं महिला सदस्यों की संख्या 12- 14 रह सकती है. चांदुर बाजार, शेंदुरजनाघाट, चिखलदरा, धामणगांव रेलवे, चांदुर रेलवे इन पांच पाालिका में 20-20 सदस्य होेंगे. आधी सीटें महिलाओं हेतु रहेगी.
* महिला वोटर्स महत्वपूर्ण
पालिका की सदस्य संख्या में आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहने से निर्णय प्रक्रिया में महिलाओं की भ्ाूमिका महत्वपूर्ण रहनेवाली है. ऐसे में वोटर्स भी महत्वपूर्ण हो गई है. चुनाव में महिलाओं पर सभी दलों का फोकस रहेगा, ऐसा कहा जा रहा है. जानकारों ने बताया कि सदस्य संख्या और उस अनुपात में महिला आरक्षण 2011 की जनगणना पर आधारित है. इसलिए आगामी चुनावों में सदस्य संख्या में परिवर्तन हो सकता है.

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