उडानपुल के बंद होते ही प्रशासन व जनप्रतिनिधियों पर फूट रहा नागरिकों का गुस्सा
ऐन त्यौहारी सीजन में रेलवे पुल बंद होने से हो रही तकलिफे, नागरिकों में रोष

* पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने उडानपुल को बंद करने की टाईमिंग पर उठाए सवाल
अमरावती/दि.27 – विगत 24 व 25 अगस्त की दरम्यानी रात राजकमल चौक से रेलवे स्टेशन की ओर आनेवाले रेलवे उडानपुल को पुराना, जर्जर व खस्ताहाल बताते हुए सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग की सिफारिश पर शहर पुलिस द्वारा अकस्मात ही बंद कर दिया गया. ऐन त्यौहारी सीजन के समय एवं गणेशोत्सव पर्व के मुहाने पर शहर की हार्ट लाईन व लाईफ लाईन कहे जाते रेलवे उडानपुल के इस तरह अचानक बंद हो जाने के चलते शहर में आवाजाही को लेकर लगभग अव्यवस्था वाला माहौल पैदा हो गया और लोगों को कई-कई घंटों तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहने के लिए मजबूर रहना पड रहा है. जिससे हैरान-परेशान और हलाकान हो चुके लोगों का गुस्सा प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर फूट रहा है. वहीं पूर्व पालकमंत्री व कांग्रेस नेता डॉ. सुनील देशमुख ने प्रशासन सहित जनप्रतिनिधियों को सवालों के कटघरे में खडा करते हुए कहा है कि, उडानपुल को बंद करने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में नहीं लेना, यह प्रशासन की घोर लापरवाही है. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता के लिए इतनी बडी तकलिफ पैदा कर रहे मुद्दे पर कोई आवाज नहीं उठाना भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नाकामी को दर्शाता है. वहीं दूसरी ओर खास बात यह भी है कि, स्थानीय विधायक सुलभा खोडके सहित राकांपा नेता व विधान परिषद सदस्य संजय खोडके ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कल 28 अगस्त को इस बारे में सभी संबंधित महकमों के वरिष्ठाधिकारियों की बैठक बुलाई है. जिसमें शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर आवश्यक चर्चा की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि, ऐन गणेशोत्सव पर्व के मुहाने पर तथा त्यौहारी सीजन के समय संभागीय राजस्व आयुक्त, जिलाधीश व मनपा आयुक्त सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ कोई बैठक किए बिना ही लोकनिर्माण विभाग ने शहर के बीचोबीच स्थित रेलवे उडानपुल को तमाम तरह के वाहनों की आवाजाही हेतु बंद करने का आदेश जारी कर दिया और लोकनिर्माण विभाग की ओर से जारी पत्र के आधार पर शहर पुलिस आयुक्तालय ने भी इस आदेश पर अमल करते हुए रेलवे उडानपुल पर तमाम तरह के वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया. साथ ही इस उडानपुल के दोनों ओर बैरिकेटिंग करते हुए उडानपुल पर तगडा पुलिस बंदोबस्त भी तैनात कर दिया. जिसके चलते सोमवार से ही लोगों को राजकमल व जयस्तंभ चौक तथा हमालपुरा रोड व रेलवे स्टेशन चौक की ओर आने-जाने हेतु पर्यायी रास्तों का प्रयोग करते हुए काफी लंबा फेरा मारना पड रहा है. जिससे लोगों को काफी तकलिफे हो रही है. साथ ही साथ शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर ट्रैफिक जाम वाली स्थिति का सामना भी करना पड रहा है. जिसके चलते अब धीरे-धीरे लोगों का गुस्सा स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासन के खिलाफ फूटने लगा है.
* कहीं चित्रा चौक वाले फ्लाईओवर की तरह न हो जाए हाल
बता दें कि, अमरावती शहर में इससे पहले राजापेठ स्थित रेलवे लाईन पर बनाए गए रेलवे ओवरब्रिज व रेलवे अंडरपास का निर्माण पूरा होने में भी अच्छा-खासा समय लगा था. जिसके चलते राजापेठ रेलवे पटरी के दोनों ओर आने-जाने हेतु नवाथे रेलवे अंडरपास व राजकमल चौक से रेलवे स्टेशन की ओर जानेवाले रेलवे उडानपुल का प्रयोग करना पडता था. राजापेठ रेलवे आरओबी व रेलवे अंडरपास का काम पूरा होते-होते चित्रा चौक से इतवारा बाजार होते हुए नागपुरी गेट व वलगांव रोड की ओर जानेवाले फ्लाईओवर का निर्माण कार्य करना शुरु किया गया. परंतु वर्ष 2018 से शुरु हुआ इस फ्लाईओवर का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है और विगत साढे सात वर्षों से चित्रा चौक फ्लाईओवर का निर्माण आधा-अधूरा ही पडा हुआ है. जिसके लिए हाल ही में सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग को हाईकोर्ट द्वारा कडी फटकार लगाते हुए 31 दिसंबर 2025 तक चित्रा चौक से नागपुरी गेट की ओर जानेवाले फ्लाईओवर का निर्माण पूरा करने की सख्त ताकिद दी गई है. इस मामले को लेकर भी पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने ही नागपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. इसी दौरान सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग ने शहर पुलिस का साथ लेकर राजकमल से रेलवे स्टेशन की ओर आनेवाले उडानपुल को तमाम तरह के छोटे-बडे वाहनों की आवाजाही के लिए बंद करने के साथ ही यह ऐलान भी कर दिया कि, बहुत जल्द इस रेलवे ओवरब्रिज को तोडकर उसके स्थान पर नया रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाएगा. ऐसे में अब नागरिकों को यह डर सता रहा है कि, कहीं इस फ्लाईओवर के निर्माण में भी चित्रा चौक वाले फ्लाईओवर की तरह लेटलतिफी तो नहीं होगी, क्योंकि जितने समय तक शहर शहर के बिचोबिच स्थित फ्लाईओवर बंद रहेगा, उतने समय तक शहरवासियों को यातायात संबंधी अव्यवस्था का सामना करते रहना पडेगा.

* रेल मंत्री से मांगा गया है 250 करोड का फंड
वहीं इस बारे में प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने बताया कि, उन्होंने राज्यसभा में पहुंचते ही रेल मंत्री के समक्ष अमरावती के राजकमल फ्लाईओवर के बारे में बात की थी और इस पुल का नए सिरे से निर्माण करने हेतु 250 करोड रुपयों की निधि भी मांगी थी. जिसके जल्द ही मिलने के आसार है. साथ ही सांसद डॉ. बोंडे ने भी यह स्वीकार किया कि, ऐन त्यौहारों के समय इस पुल को बंद कर देने से नागरिकों को होनेवाली परेशानी तो बढी है. लेकिन उडानपुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना को रोकने हेतु इस पुल से आवागमन को बंद करना भी जरुरी था. हालांकि लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों से बात करते हुए इस संभावना को भी टटोला जाएगा कि, क्या किसी तरह की मरम्मत के साथ त्यौहारी सीजन तक इस पुल से आवागमन को जारी रखा जा सकता है.

* शहर की लाईफ लाईन व हार्ट लाईन को अचानक कैसे बंद कर सकते हैं?
कांग्रेस नेता व पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने एकदम अचानक और आननफानन में रेलवे उडानपुल को बंद करने हेतु लिए गए व अमल में लाए गए फैसले पर सवालिया निशान उपस्थित करते हुए जानना चाहा है कि, इतना बडा फैसला लेने से पहले प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों को भरोसे में क्यों नहीं लिया गया. साथ ही खुद जनप्रतिनिधियों ने उनसे पूछे बिना लिए गए इस फैसले के बारे में प्रशासन के समक्ष कोई आपत्ति व आक्षेप उपस्थित क्यों नहीं किए. इसके साथ ही पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख ने यह भी कहा कि, भले ही इस रेलवे उडानपुल के स्थान पर नए फ्लाईओवर के निर्माण हेतु 250 करोड रुपयों की निधि मांगी गई है. लेकिन इस राशि का प्रावधान केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किया जाना है. जिसे लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है. पुल के निर्माण हेतु कोई प्रारुप भी तैयार नहीं किया गया है और यह भी तय नहीं है कि, इस रेलवे पुल को कब तक तोडा जाएगा और इसके स्थान पर नए रेलवे उडानपुल का काम कब तक शुरु होगा, यह अभी तक तय नहीं हुआ है. लेकिन मौजूदा उडानपुल को हर तरह के वाहनों की आवाजाही के लिहाज से बंद करते हुए आम नागरिकों को मुश्किलो में डाल दिया गया है. जिसके लिए पूरी तरह से प्रशासन एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि जिम्मेदार है.

* संबंधित महकमे से बात कर लेंगे स्थिति का जायजा
अमरावती संसदीय क्षेत्र के लोकसभा सदस्य बलवंत वानखडे ने कहा कि, वे नागरिकों की परेशानी से पूरी तरह वाकीफ हैं. लेकिन रेलवे उडानपुल की स्थिति वाकई काफी खतरनाक हो चुकी थी. जिसके चलते इसे सभी तरह के वाहनों की आवाजाही के लिहाज से बंद किया गया. वे इस बारे में जल्द ही संबंधित महकमे के अधिकारियों से बातचीत करेंगे. साथ ही सभी अधिकारियों के साथ इस रेलवे पुल का प्रत्यक्ष मुआयना भी करेंगे. इसके अलावा नागरिकों को हो रही असुविधा के बारे में भी प्रशासन के साथ बातचीत करते हुए मसले का जल्द से जल्द कोई हल निकालने का प्रयास भी किया जाएगा.

* रेलवे पुल के निर्माण में नहीं आएगी कोई बाधा
जिले की पूर्व सांसद व भाजपा नेत्री नवनीत राणा ने अपना आशावाद व्यक्त करते हुए बताया कि, देश में रेलवे ने कभी भी अपने किसी भी रेलवे ओवरब्रिज या रेलवे अंडरपास के निर्माण में पैसों की कमी नहीं आने दी है और रेलवे ब्रिज के काम हमेशा ही तय समय पर ही पूरे होते है. जिसके चलते इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं कि, अमरावती में राजकमल चौक से रेलवे स्टेशन की ओर आनेवाले रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण भी अधर में नहीं लटकेगा. साथ ही पूर्व सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा कि, नागरिकों की समस्याओं के बारे में संबंधित विभाग से चर्चा कर पता लगाया जाएगा कि, क्या रेलवे उडानपुल की कुछ मरम्मत कर इस समस्या का कोई तत्कालिक हल निकाला जा सकता है, ताकि त्यौहारों के मौके पर नागरिकों को होनेवाली परेशानियां कम की जा सके.





