किल्लत को देखते हुए वरूड- मोर्शी मार्ग से आनेवाली रेती पर रॉयल्टी न लगाए

जिले के सभी रेत ट्रांसपोर्टरोें ने पालकमंत्री बावनकुले को सौंपा ज्ञापन

अमरावती/दि. 29 – अमरावती जिले में रेत परिवहन की किल्लत को ध्यान में रखते हुए वरूड- मोर्शी मार्ग से होनेवाले रेत यातायात पर रॉयल्टी न लगाने की मांग को लेकर राजस्वमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को जिले के सभी रेत ट्रांसपोर्टरों ने ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में कहा गया है कि अमरावती जिले में रेत की भारी कमी के कारण निर्माण क्षेत्र और मजदूर वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और जिले में शून्य रॉयल्टी न मिलने के कारण सभी वाहन बंद हो गए है. ट्रांसपोर्टरों के पारिवार के पालन पोषण पर भी इसका परिणाम हो रहा है. साथ ही वाहनों की इएमआई न चुका पाने और आजीविका के साधन न होने के कारण सभी परिवहनकर्ताओं का परिवार संकट में आ गया है. सभी का कहना था कि वे रेत ट्रांसपोर्टर है, रेत माफिया नहीं. उनका कहना था कि मध्यप्रदेश से रेत परिवहन के अलावा अमरावती जिले में रेत परिवहन के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है. इस कारण वरूड- मोर्शी मार्ग के माध्यम से अन्य राज्यों से रेत परिवहन के लिए शून्य रॉयल्टी उपलब्ध कराई जाए. ज्ञापन सौंपनेवालों में सचिन बोपले, मिलींद जवंजाल, सचिन ढवले, निलेश सुरलकर, अहफाज अहमद, शेख इमरान एसके, पवन चव्हाण, अभिषेक मोरे, शिवा खवल, समीर जिलानी, करीमभाई लालुवाले, नबीभाई, अजय ढवले, निखील घोरमाडे, अजय शेलके, निकेश जवंजाल, लक्ष्मण पाठक, श्रेयस रहाटे, प्रफुल्ल गणगणे, विजय देशमुख, आकाश डेहनकर, रणजीत ठाकरे, नयन कोष्टी, अविनाश खत्री, रणजीत भोसके, अतुल मानतकर, बाबु अन्सारी, प्रफुल्ल पोकले, अंकुश चौधरी, वैभव बिजवे, अभिजीत केशरवानी, अविनाश खत्री, भुषण गुप्ता, गजानन कालबांडे, गौरव ठवली, गौरव सायंडे, गोपाल धर्माले, हेमंत बोबडे, मनोज बोचरे, अनिकेत सातपुते समेत अनेक लोगों का समावेश था.

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