कांग्रेस की हो सकती बल्ले-बल्ले, कडू के प्रहार को झटका
मेलघाट में भी वोट चोरी के कारण हुई थी मेरी हार

* राजकुमार पटेल ने हार का ठीकरा वोट चोरी पर फोडा
* पूर्व विधायक राजकुमार पटेल की शीघ्र कांग्रेस में एंट्री
* स्वयं पटेल ने अमरावती मंडल को बताया कि, कार्यकर्ताओं के हित में किया फैसला
अमरावती/दि.1 – स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो गई है. ऐसे में पिछले विधानसभा चुनाव में अमरावती से सूपडा साफ हो चुकी कांग्रेस के लिए आदिवासी बहुल मेलघाट से अच्छा समाचार आया है. जिसके अनुसार मेलघाट का कई बार राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व विधायक राजकुमार पटेल अब कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं. अमरावती मंडल से खास बातचीत में मेलघाट के शेर ने स्पष्ट कहा कि, अगले 8-10 दिनों में उनकी कांग्रेस के बडे नेताओं की उपस्थिति में पार्टी प्रवेश होगा. पटेल ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि, गत एक-डेढ माह से उनकी कांग्रेस में एंट्री को लेकर खटपट चल रही थी. अब कन्फर्म हो गया है. राजकुमार पटेल के पंजा थाम लेने से जिले में प्रहार जनशक्ति पार्टी अर्थात पूर्व राज्य मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू को तगडा झटका मिलनेवाला है.
* परिवार में दो दु:खद घटनाएं
राजकुमार पटेल ने अमरावती मंडल को बताया कि, गत जून माह से ही उनकी कांग्रेस में प्रवेश को लेकर खटपट चल रही थी. उनकी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर, विजय वडेट्टीवार, जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख आदि से चर्चा हो गई. किंतु परिवार में एक के बाद एक दो दु:खद घटनाएं होने से पार्टी प्रवेश टल गया. पटेल ने बताया कि, अब कांग्रेस में एंट्री की सभी बाते और तैयारी पूर्ण हो गई है. शीघ्र वे अपने गले में पंजा का दुपट्टा डाल लेंगे.
* कार्यकर्ताओं के हित में एंट्री
राजकुमार पटेल ने यह पूछे जाने पर कि, वे कांग्रेस में क्यों जा रहे हैं. उत्तर दिया कि, अति शीघ्र जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर पंचायत, ग्राम पंचायतों के चुनाव होने है. ऐसे में कार्यकर्ताओं के अनुरोध और दबाव में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामने का निर्णय किया. तीन बार के विधायक पटेल ने बताया कि, कार्यकताओं के हित में ही उन्होंने कांग्रेस जॉइन करने की सोची और अब पक्का निर्णय कर लिया है. अगले 8-10 दिनों में वे कांग्रेस के मंच पर होंगे.
* जिला परिषद में लाएंगे चुनकर
धुरंधर लीडर राजकुमार पटेल ने कहा कि, वे अपने कार्यकर्ताओं हेतु निकाय चुनावों में जमकर प्रचार करेंगे. काम करेंगे. कार्यकर्ताओं को जिला परिषद और नगर पंचायत पर चुनकर लाने का दावा मेलघाट के इस लीडर ने खम ठोंककर किया. उन्होंने यह भी दावा किया कि, मेलघाट में 45-50 प्रतिशत से अधिक वोटर कांग्रेस के है. कार्यकर्ताओं के हित में ही उन्होंने कांग्रेस प्रवेश का निर्णय किया है.
* वोट चोरी के कारण पराजय
राजकुमार पटेल आदिवासी जनता के लिए आधी रात को भी दौडकर जानेवाले लीडर्स में गिने जाते हैं. उनकी तत्परता के आदिवासी भी कायल है. ऐसे में उनके विधानसभा प्रतिस्पर्धी केवलराम काले को डेढ लाख वोट कैसे मिल गए. पटेल ने इस सवाल का तत्काल जवाब दिया और कहा कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी रोज बोल रहे हैं. मेलघाट में भी वोट चोरी के कारण अपनी हार होने का आरोप राजकुमार पटेल ने किया. उन्होंने विधानसभा चुनाव प्रहार जनशक्ति पक्ष के उम्मीदवार के रुप में लडा था. पटेल ने कहा कि, राहुल गांधी के आरोप सही है. गडबडी के कारण ही उनकी गत चुनाव में पराजय हुई.
* जनता जनार्दन सबकुछ
पूर्व विधायक ने मेलघाट की जनता पर अपने भरोसे को व्यक्त करते हुए कहा कि, जनता जनार्दन ही उनके लिए सर्वोच्च है. गत ढाई दशको में उन्होंने मेलघाट के जनप्रतिनिधि के रुप में काफी काम किए. पिछले विधायक कार्यकाल के आखरी तीन वर्षों में उन्होंने क्षेत्र के लिए 3500 करोड के विकास कार्य मंजूर कर लाए थे. इतना ही नहीं तो कई कामों में शुरुआत भी करवा दी. उन्होंने दावा किया कि, पिछले चुनाव में प्रहार के टिकट पर उन्हें काफी वोट मिल सकते थे. वोट चोरी के कारण हार होने का पुनरुच्चार उन्होंने किया. पटेल ने कहा कि, 50 साल में हुआ इतना काम उनके दौर में मेलघाट में हुआ है.
* कांग्रेस फायदे में, कडू का घाटा
राजनीतिक जानकार जिले के धुरंधर लीडर राजकुमार पटेल की निकाय चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में एंट्री को सावधानी से देख रहे हैं. स्वाभाविक रुप से इसे कांग्रेस के लिए लाभदायक बताया जा रहा है. मेलघाट के एक-दो पार्टी लीडर्स कांग्रेस छोडकर बीजेपी और अन्य दलो में चले गए. जिसके कारण वहां कांग्रेस थोडी कमजोर हो गई थी. अब राजकुमार पटेल की एंट्री से ग्रामीण में कांग्रेस को बडा चेहरा मिला है. वहीं बच्चू कडू के प्रहार जनशक्ति पार्टी को राजकुमार पटेल का जाना तगडा झटका माना जा रहा है. कडू ने पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजकुमार पटेल को अपने पक्ष में लेकर प्रहार उम्मीदवार के रुप में विजयी करवाया था. 2024 के इलेक्शन के समय पटेल शिंदे सेना में गए थे, किंतु फिर समय पर प्रहार से ही चुनाव लडा था.





