अब किसी को मुंबई न आने दें

हाईकोर्ट की सरकार को सूचना

* मराठा आरक्षण आंदोलन बेकाबू
मुंबई /दि.1- मराठा आरक्षण आंदोलन का विषय न्यायालय में पहुंचा है. एक पक्ष द्वारा दावा किया जा रहा कि, कोर्ट ने दावा किया है कि, आंदोलन अनियंत्रित हो गया है. इसलिए अब मुंबई में किसी भी आंदोलनकारी को न आने दिया जाए. उच्च न्यायालय द्वारा इस प्रकार के निर्देश राज्य शासन को दिए जाने का दावा किया गया है. इस बीच आंदोलकों ने भी हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा. कैलाश खांडबहाले ने हस्तक्षेप याचिका दायर की. जिससे अब मनोज जरांगे के आंदोलन को आगे अनुमति जारी रहेगी या नहीं, यह देखनेवाली बात होगी.
समाचार के अनुसार कोर्ट में आज की सुनवाई दौरान कई प्रकार के दावे किए गए. जिसके बाद न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिए है. सुनवाई दौरान मराठा आंदोलक कोर्ट के बाहर कई स्थानों पर खडे दिखाई दिए. जबकि भीतर न्यायालय में दावा किया गया कि, आंदोलकों ने हाईकोर्ट को घेर लिया है. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वाहन रोके जा रहे है. उन्हें कोर्ट में आने से अडाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि, एड. गुणरत्न सदावर्ते ने अर्जी दायर कर रखी है. सदावर्ते ने याचिका में कोर्ट से मनोज जरांगे के आजाद मैदान में शुरु आंदोलन की अनुमति खत्म करने की मांग की है.
हाईकोर्ट ने एमी फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश दिया था. उस आदेश के उल्लंघन का दावा याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने किया. उन्होंने कहा कि, मनोज जरांगे और वीरेंद्र पाटिल कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रहे है. एड. गुणरत्न सदावर्ते ने मुंबई को रोके जाने का आरोप किया. इस समय आजाद मैदान थाने के अधिकारी श्रीकांत अडाते कोर्ट में हाजिर थे.
उच्च न्यायालय ने मनोज जरांगे का आवेदन पढकर सुनाया. आवेदन के आरंभ में ही आमरण अनशन का उल्लेख है. नियमों में आमरण अनशन को अनुमति नहीं रहने से कोर्ट ने सरकार से पूछा है. कोर्ट ने कहा कि, आवेदन पर मनोज जरांगे के हस्ताक्षर सही है क्या, जरांगे को नोटिस भेजी गई है क्या, आदि बाते सरकार से जाननी चाही.
महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने कोर्ट में कहा कि, एक दिन के आंदोलन की अनुमति दी गई थी. आंदोलनकारियों ने सभी शर्तों के पालन का भरोसा लिखकर मान्य किया था. कोर्ट ने सरकार को नियमों के अधिन रहकर अनुमति देने कहा था. सरकार ने यह भी कहा कि, आजाद मैदान आंदोलन के लिए आरक्षित है. अन्य किसी जगह पर आंदोलन की अनुमति नहीं है.
एड. सदावर्ते ने दावा किया कि, उन्होंने मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया तो कोई कार्रवाई नहीं की गई. सदावर्ते ने यह भी कहा कि, राज्य का सीएम मराठा नहीं होने से यह सब चल रहा है.

Back to top button