कब्रस्तान में जाकर रिश्तेदारों ने पढा फैसला
कमाल अहमद अन्सारी बम विस्फोट में बरी

* मुंबई का 7/11 लोकल ट्रेन धमाका
नागपुर/दि.1 – मुंबई के 7/11 लोकल ट्रेन विस्फोटो के आरोपी कमाल अहमद अन्सारी की यहां जरीपटका स्थित मुस्लिम कब्रस्तान में जाकर उनके रिश्तेदारों ने हाईकोर्ट का वह फैसला सुनाया. जिसमें कमाल अहमद को बेकसूर करार दिया गया. 19 वर्षों बाद आए फैसले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. रविवार को कमाल अहमद अन्सारी के भाई जमाल अहमद खास तौर से दिल्ली से यहां पहुंचे थे.
मकोका विशेष न्यायालय द्वारा 2015 में सुनाए गए फैसले में कमाल सहित 5 आरोपियों को कसूरवार ठहराकर मौत की सजा सुनाई गई थी. तब से कमाल नागपुर मध्यवर्ती कारागार में बंदी था. 48 साल के कमाल की 4 वर्ष पूर्व कोविड महामारी दौरान मृत्यु हो गई थी. कमाल अहमद की ओर से अन्य आरोपियों सहित उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. कमाल को विगत 19 अप्रैल 2021 को कोरोना महामारी पाबंदियों के तहत यहां जरीपटका की कब्रस्तान में दफन किया गया था.
उल्लेखनीय है कि, हाईकोर्ट ने पिछले माह बम धमकों के सभी 12 आरोपियों को कसूरमुक्त करने का निर्णय लिया है. हालंकि कुछ दिनों बाद सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी है. इस बीच रविवार को कमाल अहमद अन्सारी के भाई और अन्य रिश्तेदार नागपुर पहुंचे. उन्होंने कमाल की कब्र के पास जाकर हाईकोर्ट का उसे बरी करने का फैसला पढा. मुंबई के कार्यकर्ता अब्दुल वहीद शेख भी इस समय जमाल अहमद के साथ मौजूद थे.
कमाल अहमद के रिश्तेदार ने 650 पेज का हाईकोर्ट का फैसला कमाल की कब्र पर रखा. रिपोर्ट के अनुसार हालांकि कब्रस्तान में कमाल अन्सारी की ही कब्र होने का कोई साइन नहीं था. ऐसे में उनके भाई जमाल अहमद कुछ देर गेट पर ही रुके और जब कब्र के बारे में तसदीक हुई तब वे लोग पहुंचे. जमाल ने कहा कि, मृत व्यक्ति बोल नहीं सकता. किंतु वे जिंदा रहते दौरान चिल्ला-चिल्लाकर अपने बेकसूर होने का दावा करते रहे. आज जिंदा रहते तो वे भी चलकर घर लौटते. अपने परिजनों को गले लगाते. यह कहते हुए जमाल की आंखों से आंसू निकल पडे थे. जमाल ने बताया कि, कमाल अन्सारी पेशे से दर्जी थे. एटीएस ने 2002 में कमाल को जाली नोटों के आरोप में पकडा था. 6 माह बाद छोड दिया. जमाल ने दावा कि, उनके पिता भारतीय फौज में दर्जी के रुप में सेवाएं दे चुके हैं. जमाल ने कहा कि, उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था. लेकिन उनके विरुद्ध पुलिस को कुछ नहीं मिला.





