‘भगवान गणेश’ करेंगे ‘बेलोरा हवाई अड्डे’ की यात्रा सुचारू
बी. अमरनाथ परिवार की झांकी कुछ इस प्रकार दे रही संदेश

* लगातार 20 वर्षों से जारी है गणेशोत्सव मेंं सेवा
अमरावती /दि.2 – शहर में यातायात व व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण बेलोरा हवाई अड्डे शुरू होने का सपना आखिरकार साकार हुआ है. इस बेलोरा हवाई अड्डे से अब अमरावती- मुंबई हवाई सेवा शुरू की गई है. जिस समय शहरवासियों का यह सपना साकार हो रहा था, उस समय का दृष्य और अब बेलोरा हवाई अड्डे से उडान में आनेवाली दिक्कतों को दूर करने स्वयं भगवान गणेश अवतरित होकर स्वयं टावर को अपने कंट्रोल में लेकर यहां से रूक-रूक कर चलने वाली यात्रा को सुचारू करेंगे, इसी कामना के साथ बेलोरा हवाई अड्डे की शहर के सुविख्यात व्यवसायी होटल महफिल इन के संचालक अमनाथ बालकृष्ण परिवार ने गणपति की स्थापना की है.
स्थानीय जिलाधीश आशीष येरेकर के बंगले से वेलकम पॉइंट की ओर से जाने वाले मार्ग पर स्थित बी. अमरनाथ के बंगले में इस वर्ष भी भगवान गणेश का गाजे बाजे के साथ स्वागत किया गया है. हर वर्ष सालभर में विशेष के स्वागतार्थ तौयार की गई झांकी में दर्शाने की कोशिश की जाती है. अमरनाथ बालकृष्ण ने परिवार द्बारा विगत 20 वर्षों से विविध झांकियां तैयार की जा रही हे. जिसमें चंद्रयान, जिनिंग- प्रेसिंग, शेषनाग, वैष्णदेवी मंदिर जैसी झांकियों का समावेश है. इस वर्ष अंबानगरवासियों का सपना रहे बेलोरा हवाई अड्डे को साकार करने की कोशिश काी है. इस झांकी को तैयार करने के लिए अमरनाथ बालकृष्ण के परिवार को करीब 5 से 6 दिन लगे. उन्होंने बेलोरा हवाई अड्डे की यह झांकी केवल पेपर तथा फोन पर प्राप्त तस्वीरों के आधार पर तैयार की. जबकि उनके परिवार की महिला सदस्यों का कहना था कि, उन्होंने अभी तक बेलोरा हवाई अड्डे को शुरू हाने के बाद नहीं देखा है. केवल फोटो के आधार पर इसका निर्माण किया है. इसमें भी उन्होंने अनोखापन लाते हुए जिस जीपीएस सिस्टम से पूरी हवाई सेवा चलती है, उस टॉपर का नेतृत्व बुध्दि के दाता भगवान गणेश के हाथों सौंपा है. इस कारण अब बेलोरा हवाई अड्डा शुरू हो सके, इसकी पूरी जिम्मेदारी बाप्पा ने ली है, तो यह कार्य सुचारू रूप से चलेगा, ऐसा प्रतीत होता है. विशेष यह कि, उनके घर इस झांकी को देखने आनेवाले लोगों की सुविधा के लिए यहां बेलोरा हवाई अड्डे की वैसी ही तस्वीर झांकी पंडाल में लगाई गई है. इस झांकी को तैयार करने अमरनाथ बालकृष्ण के साथ यशोधरा अमरनाथ, मानवी पतंगे,कुंदन पतंगे, चंदन पतंगे, तनवी अमरनाथ के साथ परिवार के अन्य सदस्योंं ने भरपूर मेहनत की है. इस झांकी की खास बात यह है कि उसे तैयार करने के लिए पेपर और घर में इस्तेमाल होनेवाली वस्तुओं के माध्यम से हैंडमेड चीजों का समावेश किया है. जिसके कारण एकतरह से अमरनाथ बालकृष्ण के परिवार ने अपनी झांकी को ईको फ्रेंडली बनाने की पूरी कोशिश की है.





