अंगणवाडी सेविका से मारपीट और गाली गलौज के तीनों आरोपी बरी
एड. विश्वकर्मा की सफल पैरवी

अमरावती / दि. 2 – जिले की दौनद स्थित अंगणवाडी में करीब 9 वर्ष पहले अंगणवाडी सेविका पर बच्चों का ध्यान न देने के कारण मारपीट और जातिवादी गाली गलौज के प्रकरण में न्यायाधीश पीपी शर्मा ने हाल ही में निर्णय सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी नितिन फलके, उनकी पत्नी और ससुर को पीडिता औार उसकी बेटी के बयानों में विरोधाभास के आधार पर बरी कर दिया. इस मामले में आरोपी फलके व अन्य की ओर से एड. अनिल विश्वकर्मा ने सफल युक्तिवाद किया.
9 जून 2016 की घटना
इस्तगासे के अनुसार आरोपी नितिन फलके और अन्य दो आरोपियों में विगत 9 जून 2016 को दोनद की आंगणवाडी सेविका पर आरोप किया कि वह बच्चों का ध्यान नहीं देती है. उचित देखभाल नहीं करती है. इस बात को लेकर अांगणवाडी सेविका से मारपीट किए जाने और जातिवादी गालियां बकने का भी आरोप फलके और अन्य पर रहा. अगले दिन 10 जून को पुलिस ने आंगणवाडी सेविका की शिकायत पर एट्रॉसिटी सहित मानवाधिकार कानून के तहत अपराध दर्ज किया. जांच पश्चात अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया.
कोर्ट में आरोपियों की ओर से एड. अनिल विश्वकर्मा ने न्यायालय के समक्ष युक्तिवाद कर यह ध्यान में ला दिया कि उक्त घटना में दोनों पक्षां ने एक दूसरे के विरूध्द थाने में रिपोर्ट दी है. प्रकरण में घटना के संबंध में कोई स्वतंत्र साक्षीदार नहीं है. जो प्रत्यक्षदर्शी बने. उसी प्रकार एड विश्वकर्मा ने युक्तिवाद किया कि पीडिता और उसकी बेटी के कोर्ट में दी गई साक्ष्य विरोधाभासी है. उसी प्रकार संपूर्ण प्रकरण में कहीं सिध्द नहीं होता कि विगत 9 जून 2016 को पीडिता आंगणवाडी में हाजिर रहते आरोपी नितिन फलके, उनकी पत्नी और पिता ने अंगणवाडी सेविका को मारपीट कर जातिवादी गालियां बकी. जज पीपी शर्मा ने एड. विश्वकर्मा का युक्तिवाद ग्राहय किया. एड. विश्वकर्मा को एड. मनोज नरवाडे, एड. नम्रता साहू, एड. रितुराज भोरे और एड. समृध्दि जाधव ने सहकार्य किया.





