पांच वर्षो में 218 बने बाघ का शिकार
बढ रहा मानव - वन्यजीव संघर्ष

* चंद्रपुर और गडचिरोली जिले में सर्वाधिक मौतें
* देश में इस बात में महाराष्ट्र आगे
अमरावती/ दि. 5 – विश्व स्तर पर बाघों की संख्या में भारत अग्रणी है. बाघ और मानव संघर्ष दिनों दिन बढ रहा है. गत पांच वर्षो में देश में बाघ के हमले से 378 लोग मारे गये. जिसमें सर्वाधिक 218 लोगों की मृत्यु महाराष्ट्र में हुई है. जिले के मेलघाट में गत 3 वर्षो में 6 लोगों की बाघ जान ले चुका है. जबकि बाघ के हमले में सर्वाधिक मृत्यु चंद्रपुर और गडचिरोली जिले में होने की जानकारी आंकडों से मिलती है.
प्रदेश में 6 बाघ प्रकल्प मेलघाट, बोर, नागझिरा, नवेगांव, पेंच, ताडोबा, सह्याद्री है. 48 अभयारण्य है. 4 रिजर्व क्षेत्र है. बाघ प्रकल्पों में जगह कम होने से बाघों ने ही नया कॉरिडोर खोज निकाला है. पास के आरक्षित जंगल की दिशा में वे बढ चले हैं. उनके स्थान बदल से मानव- वन्यजीव संघर्ष बढने की जानकारी यादव तरटे ने मीडिया को दी.
क्या कहते हैं अधिकारी
मेलघाट बाघ परियोजना के क्षेत्रीय संचालक आदर्श रेड्डी ने कहा कि मानव -वन्यजीव संघर्ष पर नियंत्रण करने विविध उपाय योजना की जा रही है. मानवीय बस्ती के पास घूमनेवाले बाघों की निगरानी करना और उन्हें दोबारा जंगल में छोडना एवं लोगों को इस बारे में जागरूक करना शुरू है. रेड्डी के अनुसार यह निरंतर प्रक्रिया चल रही है.
बढे हैं बाघों की मृत्यु के मामले
गत कुछ वर्षो में प्रदेश में भले ही बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है. किंतु उनकी मौत के प्रकरण भी बढ रहे हैं. विभिन्न कारणों से बाघों की मौत हो रही है. जिसमें प्राकृतिक मृत्यु, दो बाघों का संघर्ष और मानवीय हस्तक्षेप से होनेवाली अप्राकृतिक मृत्यु, दुर्घटना, शिकार और विद्युत आघात के प्रकरण शामिल है.
गत 5 वर्षो की मृत्यु के आंकडे
2020- 106
2021- 127
2022- 121
2023- 178
2024- 124 * 378 लोगों का शिकार
वर्ष मानव मृत्यु
2020 51
2021 59
2022 110
2023 85
2024 73





