महिला भूमका के खिलाफ एफआईआर दर्ज

‘डम्मा’ के नाम पर नवजात बच्चे को अगरबत्ती से दागा था

* बच्चे के पेट पर जलती अगरबत्ती से लगाए थे 30-35 चटके
* अंधश्रद्धा विरोधी कानून के तहत दर्ज हुआ मामला
अमरावती/दि.6 – एक नवजात बच्चे के पेट पर तंत्र-मंत्र वाले इलाज के नाम पर ‘डम्मा’ यानि चटके देनेवाली महिला भूमका के खिलाफ धारणी पुलिस ने 4 सितंबर की रात अपराधिक मामला दर्ज किया. यह कार्रवाई नवजात बच्चे की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की गई. जिसके तहत शारीरिक नुकसान सहित महाराष्ट्र नरबलि तथा अन्य अमानवीय व अघोरी प्रथा एवं जादू-टोना प्रतिबंधक अधिनियम 2013 की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक धारणी तहसील के चोपणगांव में रहनेवाली 24 वर्षीय महिला ने हरिसाल के अस्पताल में प्रसूति पश्चात एक बच्चे को जन्म दिया. उस बच्चे का पेट पैदाईशी तौर पर कुछ फूला हुआ था. जिसे लेकर डॉक्टर ने बताया कि, बच्चे को मां द्वारा स्तनपान कराए जाने के बाद उसका पेट व स्वास्थ ठीक हो जाएगा. इसके बाद 26 अगस्त को सुबह 10 बजे के आसपास जब उक्त महिला के पति व ससूर खेत में गए हुए थे, तो गांव में रहकर भूमका यानि तंत्र-मंत्र करनेवाली रमकू रज्जू सोकाम (40) उस नवप्रसूता महिला के घर पर पहुंची और उसने उक्त महिला को बताया कि, उसके नवजात बच्चे को पेट का मार है तथा पेट की सुजन को उतारने के लिए उस पर चटके देने होंगे. यह कहने के साथ ही उस भूमका ने बच्चे के पेट पर जलती हुई अगरबत्ती से करीब 30 से 35 बार चटके दिए और बताया कि, इन चटकों के चलते बच्चे का स्वास्थ ठीक हो जाएगा. परंतु ऐसा होने की बजाए उक्त बच्चे की स्थिति और भी अधिक बिगड गई. 3 सितंबर को यह मामला सामने आने के बाद उक्त नवप्रसूता महिला का समुपदेशन किया गया और उसे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने हेतु मनाया गया. जिसके बाद उसके द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया गया.

Back to top button