प्रमुख लिपीक से मारपीट मामले में वरिष्ठ लिपीक ‘सस्पेंड’

शहर पुलिस आयुक्तालय का मामला, सीपी चावरिया ने दिखाया गंभीर रुख

अमरावती/दि.6 – अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय की आवेदन शाखा में कार्यरत वरिष्ठ श्रेणी लिपीक नामदेव गोपालराव कुरवाले को सरकारी सेवा से निलंबित कर दिया गया है. जिससे संबंधित आदेश विगत 25 अगस्त को ही जारी किए गए.
जानकारी के मुताबिक विगत 6 अगस्त को कार्यालयीन कामकाज जारी रहते समय आवेदन शाखा के प्रमुख लिपीक प्रकाश सोलंके ने वरिष्ठ श्रेणी लिपीक कुरवाले को किसी काम के बारे में पूछा था, तो कुरवाले ने जोर-जोर से चिल्लाने के साथ ही सोलंके के साथ गालिगलौज की थी तथा सोलंके के साथ मारपीट करते हुए उनके गाल व मुंह पर मारा था. इस घटना की पूरी रिपोर्ट पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मिलते ही उन्होंने कुरवाले को सरकारी सेवा से निलंबित किए जाने का आदेश जारी किया. इसे लेकर पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया कि, कुरवाले ने बेहद गैरजिम्मेदार, गैरअनुशासित व अपराधिक स्वरुप का व्यवहार किया है. जिससे पुलिस आयुक्त कार्यालय की प्रतिमा आम जनमानस में मलिन हुई है. साथ ही इसका विपरित परिणाम अन्य कार्यालयीन कर्मचारियों पर भी पड सकता है. जिसके चलते कुरवाले को महाराष्ट्र नागरी सेवा (अनुशासन व अपील) नियम 1979 की धारा 4 (1) (अ) के प्रावधानानुसार सरकारी सेवा से निलंबित किया जा रहा है.
इसके साथ ही एक अन्य मामले में गाडगे नगर पुलिस थाने की तत्कालिन पुलिस सिपाही पूजा सपकाल को लेकर भी बेहद गंभीर अभिप्राय दर्ज किए गए है और सजा की जानकारी को सपकाल की सेवा पुस्तिका में दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ताओं से उद्धट व्यवहार करने तथा गैर अर्जदारों सहित अवैध धंधेवालों से पैसे मांगने जैसी शिकायते पूजा सपकाल के खिलाफ पुलिस आयुक्त अरविंद चावरिया तक पहुंची थी.
* कुरवाले को रोजाना मुख्यालय में हाजिरी लगाना होगा अनिवार्य
जब तक निलंबन का आदेश अस्तित्व में रहेगा, तब तक नामदेव कुरवाले का मुख्यालय अमरावती शहर पुलिस का मुख्यालय रहेगा और निलंबन कालावधि के दौरान उन्हें रोजाना अपने मुख्यालय में पहुंचकर अनिवार्य तौर से हाजिरी लगाना होगा. साथ ही कुरवाले को पुलिस आयुक्त की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय छोडकर कहीं बाहर जाने की अनुमति नहीं रहेगी. साथ ही पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय छोडकर बाहर जाने को अनुशासन भंग मानते हुए कुरवाले के खिलाफ अनुशासन भंग की कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा निलंबन कालावधि के दौरान कुरवाले को कोई भी निजी उद्योग अथवा निजी नौकरी करने की अनुमति भी नहीं रहेगी.

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