ताली क्यों बजा रहा, कान के नीचे मारुं क्या?
बीच सभा में बच्चू कडू भडके अपने ही कार्यकर्ता पर

* किसान आत्महत्या के मुद्दे पर देर रहे थे भाषण
गोंदिया/दि.6 – किसानों, खेतीहर मजदूरों व दिव्यांगों की समस्याओं और मांगों को लेकर अधिकार यात्रा के तहत विदर्भ के दौरे पर निकले प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने गत रोज गोंदिया जिले में एक सभा के दौरान किसान आत्महत्या जैसे गंभीर विषय पर अपना भाषण जारी रहने के दौरान स्टेज के बगल में खडे रहकर तालियां बजा रहे कार्यकर्ताओं को जमकर आडेहाथ लिया और कहा कि, ऐसे गंभीर मुद्दे पर तालियां बजा रहे हो नालायक, कान के नीचे मारुं क्या. यह सुनते ही स्टेज सहित सभा स्थल पर अच्छा-खासाा सन्नाटा व्याप्त हो गया और वातावरण भी गंभीर हो गया.
प्रहार पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू गत रोज किसान अधिकार यात्रा के लिए गोंदिया जिले के दौरे पर आए थे और उन्होंने आमगांव तहसील के ठाणा गांव में किसान सभा को संबोधित किया. सभा के दौरान परभणी के सचिन जाधव नामक किसान की आत्महत्या से संबंधित संवेदन विषय पर बच्चू कडू द्वारा अपने विचार व्यक्त किए जा रहे थे, तभी स्टेज के बगल में बैठे एक कार्यकर्ता ने तालियां बजाई, तो बच्चू कडू ने उस कार्यकर्ता को स्टेज से ही जमकर खडे बोल सुनाते हुए पूछा कि, क्या यह ताली बजानेवाला विषय है.
इसके साथ ही इस सभा में बच्चू कडू ने सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि, सरकार द्वारा कृषि उपज को गारंटी मूल्य नहीं दिया जा रहा. साथ ही बोनस व चुकारे के पैसे भी किसानों को समय पर नहीं दिए जा रहे. इसके अलावा बच्चू कडू ने यह आरोप भी लगाया कि, महायुति की सरकार बिल्कुल भी किसानों की हितैशी नहीं है.
* 28 को करेंगे बडा आंदोलन
इस सभा में बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, राज्य की महायुति सरकार द्वारा दिव्यांगों की मांगों की और लगातार अनदेखी की जा रही है, परंतु वे दिव्यांगों पर कोई अन्याय नहीं होने देंगे तथा दिव्यांगों की विविध समस्याओं को लेकर 28 सितंबर को एक बडा आंदोलन करेंगे.
* जब बच्चू कडू का चढा पारा
इस सभा के बाद मीडिया के प्रतिनिधियों ने पूर्व मंत्री बच्चू कडू से जब यह सवाल पूछा कि, उन्होंने दिव्यांग कल्याण विभाग का अध्यक्ष रहते समय ही दिव्यांगों की समस्याओं को हल क्यों नहीं किया, तो पूर्व मंत्री बच्चू कडू काफी हद तक चिढ गए. साथ ही उन्होंने बात को संभालते हुए कहा कि, वे अकेले ही ऐसे विधायक है, जिसने दिव्यांगों की समस्याओं को उठाया था. ऐसे में उनके अकेले के मनमुताबिक काम होना किसी भी लिहाज से संभव नहीं था.





