‘वह’ भूकंप नहीं था!

जिला प्रशासन ने शिरजगांव (मोझरी) में भूकंप की बात से किया इंकार

* किसी भी रिक्टर स्केल पर भूकंप की जानकारी दर्ज नहीं रहने की बात कही
* कल सुबह शिरजगांव मोझरी में भूकंप की चर्चा से जमकर मची थी दहशत
* कई घरों की दीवारों में दरारें पडने व घरों में रखे बर्तन-भांडे भी नीचे गिरने की आई थी खबर
अमरावती/तिवसा /दि.8- अभी जैसे-तैसे लोगों ने बाढ व बारिश वाले हालात से राहत की सांस ली थी, तभी कल रविवार को सुबह सवा दस से साढे दस बजे के आसपास तिवसा तहसील क्षेत्र के शिरजगांव (मोझरी) परिसर में अचानक ही जमीन थर्राने लगी और एक के बाद एक भूकंप के दो झटके महसूस किए जाने की खबर सामने आई. जिसके मुताबिक गत रोज सुबह सवा दस से साढे दस बजे के आसपास लोगबाग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही कई लोगों के घरों की दीवारों में दरारे पड गई. साथ ही घर की अलमारियों में रखे बर्तन-भांडे भी नीचे जमीन पर गिर पडे. जिसके चलते लोगों में अच्छी-खासी दहशत मच गई और लोगबाग डर के मारे अपने-अपने घरों से निकलकर बाहर भाग निकले. खास बात यह है कि, विगत एक वर्ष के दौरान शिरजगांव मोझरी परिसर में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए है. वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने ऐसी किसी घटना के होने से साफ इंकार करते हुए कहा कि, रिक्टर स्केल पर कोई भूगर्भीय हलचल की जानकारी दर्ज नहीं हुई है. ऐसे में भूकंप की बात पूरी तरह से गलत है. साथ ही प्रशासन ने लोगों से बिल्कुल भी नहीं घबराने का आवाहन करते हुए यह भी बताया कि, राजस्व अधिकारियों द्वारा शिरजगांव (मोझरी) परिसर का दौरा किए जाने पर किसी भी तरह के नुकसान की भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह सवा दस बजे के आसपास शिरजगांव (मोझरी) गांव सहित आसपास के परिसर में अचानक ही जमीन के नीचे से कुछ अजिबोगरीब आवाजें सुनाई दी और भूसतह पर कंपन महसूस हुआ. जिसके चलते नागरिकों में एक साल पुरानी यादें ताजा हो गई. जब पिछले वर्ष कोजागिरी पर्व के समय इस परिसर में भूकंप के झटके महसूस हुए थे. अभी लोगबाग इससे थोडा संभले ही थे कि, तभी साढे दस बजे के आसपास एक बार फिर धरती कापी और भूकंप के झटके महसूस हुए. यह दूसरा झटका पहले वाले झटके की तुलना में थोडा अधिक तीव्र था. जिसके चलते कुछ मकानों की दीवारों में दरारे आ गई तथा कुछ मकानों में रखे बर्तन-भांडे अलमारियों से नीचे गिर पडे. जिसके चलते लोगबाग दहशत में आकर अपने घरों से निकलकर बाहर की ओर भागे. जिसके बाद कुछ गांववासियों ने इसकी जानकारी क्षेत्र के विधायक राजेश वानखडे सहित तहसील प्रशासन को भी दी. जानकारी मिलते ही विधायक राजेश वानखडे सहित निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर व तिवसा के तहसीलदार डॉ. मयूर कलसे ने शिरजगांव (मोझरी) पहुंचकर हालात का जायजा लिया. साथ ही गांववासियों को ढांढस बंधाते हुए सतर्क व शांत रहने के लिए भी कहा.

* विधायक वानखडे ने प्रशासन को दिए जरुरी निर्देश
भूकंप से संबंधित खबर मिलते ही तिवसा तहसील क्षेत्र के विधायक राजेश वानखडे ने तुरंत ही शिरजगांव (मोझरी) का दौरा करते हुए गांववासियों से भेंट की और उनसे इस बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करते हुए उन्हें शांति बनाए रखने हेतु कहा. साथ ही विधायक वानखडे ने तहसील प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी किए.
* जिला प्रशासन ने अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की जारी की अपील
उधर दूसरी ओर जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि, नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोग्राफ तथा केंद्र सरकार के जियॉलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को इस घटना की खबर से अवगत करा दिया गया है. साथ ही अकोला सहित अन्य स्थानों पर लगे सिस्मोग्राफ यंत्रों पर दर्ज होनेवाली जानकारी के संदर्भ में जानकारी भी हासिल की गई है, तो पता चला कि, किसी भी सिस्मोग्राफ यंत्र पर रविवार को भूकंप से संबंधित कोई जानकारी दर्ज नहीं हुई है. जिसका सीधा मतलब है कि, गत रोज शिरजगांव (मोझरी) परिसर में भूकंप जैसी कोई घटना घटित नहीं हुई. हालांकि प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर पाया कि, यदि शिरजगांव (मोझरी) में कोई भूकंप नहीं हुआ, तो गांव के कुछ घरों की दीवारों सहित गांव से होकर गुजरनेवाले नाले में दरारे कैसे पड गई.
* दो दशक पहले शेंदोला बु. में भी ऐसा ही हुआ था
विशेष उल्लेखनीय है कि, करीब 18 से 20 वर्ष पहले शेंदोला बु. गांव में भी भूगर्भ से आवाज, हलचल व झटके महसूस हुआ करते थे. उस समय जीएसआई के पथक द्वारा किए गए निरीक्षण के जरिए जानकारी सामने आई थी कि, जमीन की दरारों से पानी भूगर्भ में स्थित चुनखडी में घुसा था. जहां पर केमिकल रियाक्शन होने की वजह से गैस तैयार हुई थी, जिसके चलते कुएं के पानी में बुलबुले उठ रहे थे और भूगर्भ में से कुछ आवाजें आने के साथ ही जमीन के नीचे कुछ हलचलें महसूस हो रही थी. अनुमान लगाया जा रहा है कि, संभवत: इस बार शिरजगांव (मोझरी) परिसर में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा, क्योंकि हाल-फिलहाल ही इस परिसर में अच्छी-खासी बारिश हुई है. जिसके चलते जमीन में पडी दरारों में से बडे पैमाने पर पानी का रिसाव भूगर्भ में हुआ है.
* अप्पर वर्धा का सिस्मोग्राफ पडा है बंद
– यहां यह भी ध्यान दिलाए जाने लायक बात है कि, अप्पर वर्धा प्रकल्प लगाया गया भूकंपामापक (सिस्मोग्राफ) यंत्र विगत करीब 5-7 वर्षों से बंद पडा है. जिसके बाद नए यंत्र की खरीदी का प्रस्ताव प्रकल्प कार्यालय द्वारा तैयार कर महाराष्ट्र अभियांत्रिकी संशोधन संस्था (मेरी) को भेजा गया था. परंतु मेरी द्वारा इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया, ऐसी जानकारी सामने आई है. जबकि इस दौरान जिले में अलग-अलग स्थानों पर कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए.
– 4 जून 2025 को धारणी तहसील के शिवझिरी, डाबका, रेहाट्या व नारदू गांवों में 3.8 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था. वहीं इससे पहले 30 सितंबर 2024 को आमझरी व टेटू गांवों में 4.2 रिक्टर स्केल का भूकंप महसूस किया गया था. साथ ही अब शिरजगांव (मोझरी) परिसर में एक ही दिन के दौरान 10 मिनट के अंतराल पर भूकंप के दो झटके महसूस किए गए.

* शिरजगांव (मोझरी) में भूकंप के दो झटके महसूस किए जाने की जानकारी कुछ गांववासियों द्वारा फोन के जरिए दी गई. जिसके तुरंत बाद तहसीलदार व जिलाधीश से संपर्क कर तत्काल आवश्यक उपाय करने के बारे में दिशानिर्देश जारी किए गए.
– यशोमति ठाकुर
पूर्व पालकमंत्री
* शिरजगांव मोझरी में सुबह साढे दस बसे के आसपास भूकंप के दो झटके महसूस होने की जानकारी गांववासियों द्वारा दी गई. जिसके बाद मंडल अधिकारी व पटवारी ने इस बारे में गांव के कई लोगों से चर्चा की. साथ ही गांव का प्रत्यक्ष मुआयना भी किया. इस समय कहीं पर भी कोई नुकसान नहीं दिखाई दिया. साथ ही रिक्टर स्केल पर भी भूकंप से संबंधित कोई जानकारी दर्ज नहीं हुई, ऐसा जिला प्रशासन की ओर से पता चला है.
– डॉ. मयूर कलसे
तहसीलदार, तिवसा.

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