17 तक मिले कुणबी प्रमाणपत्र, अन्यथा फिर आंदोलन
मनोज जरांगे पाटिल ने सरकार को दिया अल्टीमेटम

छत्रपति संभाजी नगर/दि.8 – हैदराबाद संस्थान के गैजेटियर के अनुसार मराठवाडा में रहनेवाले सभी मराठाओं को कुणबी प्रमाणपत्र देने पर अमल जल्द से जल्द शुरु किया जाए अन्यथा 17 सितंबर को नारायणगड में आयोजित दशहरा सम्मेलन में हमें एक बार फिर आंदोलन की भूमिका तय करनी होगी, इस आशय का अल्टीमेटम मराठा आंदोलक मनोज जरांगे द्वारा आज राज्य सरकार को दिया गया.
विगत 7 दिनों से छत्रपति संभाजी नगर के निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे मनोज जरांगे का स्वास्थ ठीक हो जाने के चलते आज उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज दिया गया. जिसके बाद मनोज जरांगे ने पत्रकारों से संवाद साधते हुए कहा कि, मराठवाडा के मराठा समाज को आरक्षण देने हेतु सरकार ने हैदराबाद गैजेटियर को लागू करने का निर्णय लिया है. ऐसे में इस निर्णयानुसार मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र देने की कार्यवाही जल्द से जल्द शुरु की जानी चाहिए. जिसके लिए प्रत्येक जिले व तहसील में गैजेटियर पर अमल करने हेतु सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को 24 घंटे काम पर लगाया जाए और 17 सितंबर से पहले इस प्रक्रिया को पूर्ण कर प्रमाणपत्र देने का काम शुरु किया जाए. अन्यथा यदि हमें अपने साथ किसी भी तरह की धोखाधडी या जालसाजी होने का एहसास होता है, तो हमें कोई अलग व बडा निर्णय लेना होगा.
इसके साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं को अपने पास मिलने हेतु आने से मना करते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि, गरीबों के बच्चों ने चटनी-भाकर खाकर आंदोलन करते हुए यह आरक्षण हासिल किया है. जिसके चलते अब सभी मराठा ओबीसी संवर्ग में शामिल हो गए है. जिसके लिए बहुत जल्द संयमपूर्ण आनंद भी व्यक्त किया जाएगा.
* हम ‘उनकी’ तरह नहीं
मराठा आंदोलक मनोज जरांगे ने यह भी कहा कि, यदि हैदराबाद गैजेटियर के अनुसार बंजारा समाज व मल्हार कोली समाज द्वारा भी आरक्षण मांगा जा रहा है, तो सरकार ने इन दोनों समाजों को भी आरक्षण का लाभ देना चाहिए. साथ ही मनोज जरांगे ने ओबीसी नेता व राज्य के अन्न आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल का नाम बिना लिए कहा कि, हम ‘येवलावाले’ की तरह नहीं है और हम उनकी तरह किसी और के आरक्षण का विरोध भी नहीं कर रहे.





