जिला शिक्षक बैंक की बैठक में तूफानी बहस

मृतक सदस्य कल्याण निधि को 10 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये किया गया

* जिला शिक्षक बैंक का बैठक लाभांश 8 से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किया गया
* सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 15 लाख रुपये का ऋण
अमरावती/दि.8 – अमरावती जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक की रविवार को हुई साधारण सभा में मृतक सदस्यों के कल्याण कोष के मुद्दे पर जोरदार चर्चा हुई. अंततः इस कोष को 10 लाख बढ़ाकर 30 लाख करने पर सभी सहमत हुए. इसके लिए सदस्यों की मासिक कटौती भी 500 रुपये से बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दी गई है. इसके अलावा, लाभांश को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत करने और सेवानिवृत्त शिक्षकों को 10 लाख रुपये के बजाय 15 लाख रुपये तक का ऋण देने का निर्णय भी इसी बैठक में लिया गया.
रिंग रोड स्थित क्षितिज पैलेस में यह बैठक आयोजित की गई थी. बैंक के अध्यक्ष गोकुलदास राउत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उपाध्यक्ष मोहम्मद नाज़िम अब्दुल गफ्फार सहित संचालक मंडल के सभी सदस्य उपस्थित थे. बैठक की शुरुआत में मृतक सदस्य कल्याण निधि के नियमों में संशोधन के विषय पर चर्चा हुई. इन संशोधनों में निधि में वृद्धि करते हुए मासिक कटौती में वृद्धि का सुझाव दिया गया था. इसलिए, सभी सदस्य इस पर सहमत नहीं हो सके. पूर्व अध्यक्ष किरण पाटिल, गौरव काले, वसीम फरहत, विनोद राऊत, प्रभाकर ज़ोड़, अशोक पारडे, विनोद राऊत, राजेंद्र दीक्षित, श्रीकांत ज़ोड़पे, सुनील केने, सुरेंद्र भेंडे, सुनील कुकड़े, पंकज गुल्हाने आदि ने इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए. कुछ लोगों का मासिक कटौतियां बढ़ाने का विरोध था. लेकिन कुछ लोगों का समर्थन था. अंत में कटौती हजार रुपए कर मृत सभासदों के वारिसों को 30 लाख रुपए देने का निर्णय सर्वसम्मति से मंजूर हुआ. इस दौरान लाभांश के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. इसके अनुसार, लाभांश को एक प्रतिशत बढ़ाकर 8 से 9 प्रतिशत कर दिया गया. साथ ही, सेवानिवृत्त शिक्षक सदस्यों को 15 लाख रुपये तक का ऋण देने पर भी सभी सहमत हुए. इससे पहले, इन सदस्यों के लिए 10 लाख रूपए की मर्यादा निश्चित की गई थी. अशोकराव पारडे, सुनील कुकड़े जैसे सेवानिवृत्त सदस्यों की याचिकाओं के बाद, कर्ज सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई. लेकिन यह भी तय किया गया कि कुल कर्ज राशि पेंशन राशि के 65 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. बैठक में निदेशक तुलशीदास धांडे, प्रफुल्ल शेंडे, सुरेंद्र मेटे, कैलास कडू, उमेश चुनकीकर, अजयानंद पवार, रामदास कडू, रा. ना. गावंडे, मनीष काले, विजय कोठाले, संभाजी रेवाले, राजेश गाडे, सरिता काठोले, गीता तडस, विशेषज्ञ संचालक एड. राजपाल वानखड़े, एडमो शकील अहमद मो. गयास मौजूद थे.
* सेवानियम, एच-आर पॉलिसी में भी दुरूस्ती
इसके अलावा, वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक रिपोर्ट, लाभ-हानि और बैलेंस शीट, बजट प्रावधान से अधिक व्यय का अनुमोदन, आगामी वर्ष (2025-26) के लिए बजट का अनुमोदन, वर्ष 2024-25 के लिए लाभ वितरण का अनुमोदन, ऑडिट रिपोर्ट की स्वीकृति आदि को भी इस बैठक में मंजूरी दी गई. बैंक के आदर्श सेवा नियमों और एच-आर नीति में किए गए संशोधनों को मंजूरी दी गई और इस बैठक में वाशिम, अकोला और यवतमाल शाखाओं के लिए भूखंड खरीदने और भवन निर्माण को मंजूरी दी गई.
अभी तक मृतक सदस्यों के उत्तराधिकारियों को 20 लाख रुपये दिए जा रहे थे. कोरोनाकाल में 31 सदस्यों का निधन हो गया. इसके कारण कोष में 8.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. मासिक कटौती इस घाटे की पूर्ति के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए प्रत्येक सदस्य से अधिक राशि एकत्र करनी पड़ती है. इस कारण प्रत्येक सभासदों से अधिक 12 हजार रुपये लेने का निर्णय लिया गया है. हालांकि, यह राशि एक साथ नहीं, बल्कि तीन बराबर किश्तों में, यानी हर साल 4 हजार रुपये के मुताबिक लिए जानेवाले है. पीठासीन सभापति गोकुलदास राउत ने स्वयं भी यह विकल्प सुझाया था. इसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया.

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